मुजफ्फरपुर. सेना में भर्ती के लिए केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना का बिहार में विरोध शुरू हो गया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा अग्निपथ योजना की घोषणा करने के अगले ही दिन, यानी बुधवार को जगह-जगह प्रदर्शन शुरू हो गया।
प्रदर्शनकारियों ने बक्सर में रेलवे ट्रैक जाम किया तो मुजफ्फरपुर के माड़ीपुर में आगजनी की और सड़क जाम कर दी। इसके अलावा आरा में भी जमकर बवाल मचाया। पुलिस और GRP ने प्रदर्शनकारियों को समझाने का भी प्रयास किया, लेकिन वे योजना को वापस लेने की मांग पर अड़े हुए हैं।
4 साल तीनों सेनाओं में भर्ती की योजना
केंद्र सरकार ने 14 जून को सेना की तीनों शाखाओं- थलसेना, नौसेना और वायुसेना में युवाओं की बड़ी संख्या में भर्ती के लिए अग्निपथ भर्ती योजना शुरू की है। इस स्कीम के तहत नौजवानों को 4 साल के लिए डिफेंस फोर्स में सेवा देनी होगी। माना जा रहा है कि सरकार ने यह कदम तनख्वाह और पेंशन का बजट कम करने के लिए उठाया है।
आर्मी रिक्रूटमेंट ऑफिस के सामने प्रदर्शन
मुजफ्फरपुर में बुधवार को सैकड़ों लोग लाठी-डंडा लेकर सड़क पर उतर गए और हंगामा और प्रदर्शन करने लगे। सबसे पहले प्रदर्शनकारी ARO (आर्मी रिक्रूटमेंट ऑफिस) पर पहुंचे। वहां पर विरोध जताया। इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने माड़ीपुर में आगजनी कर रोड जाम कर दिया। साथ ही सड़क के आसपास लगे बोर्ड और होर्डिंग में तोड़फोड़ का भी प्रयास किया।
प्रदर्शनकारियों को समझाने के लिए सदर और काजी मोहम्मदपुर पुलिस मौके पर पहुंची, हालांकि वे नहीं मानें। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि जब तक सेना का कोई अधिकारी उन लोगों की समस्या नहीं सुनेंगे वे सड़क से नहीं हटेंगे।
बक्सर में आश्वासन पर रेलवे ट्रैक जाम हटा
बक्सर में प्रदर्शनकारियों ने दिल्ली कोलकाता रेलवे ट्रैक पर बक्सर स्टेशन के मालगोदाम के पास जाम कर दिया। मौके पर रेल सुरक्षा बल, रेल थाना, नगर थाना समेत बक्सर समेत रेल प्रबंधक पहुंचे। प्रदर्शनकारियों को समझाने के बाद ट्रैक से जाम हटा और परिचालन शुरू हो गया।
प्रदर्शनकारियों का कहना है, ‘नेता हो या विधायक, सभी को 5 साल का समय मिलता है, हमारा 4 साल में क्या होगा। हमारे पास पेंशन की भी सुविधा नहीं है। 4 साल बाद हम रोड पर आ जाएंगे।’ उनका कहना है कि सेना में नियुक्ति की यह योजना रद्द की जाए।
बेगूसराय में NH-31 जाम
वहीं, बेगूसराय में हर हर महादेव चौक पर NH-31 को पूरी तरीके से जाम कर दिया है।प्रदर्शनकारियों की मांग है कि अग्निपथ योजना के तहत भर्ती प्रक्रिया रद्द हो और पुरानी भर्ती प्रक्रिया वापस हो। उम्र में 2 वर्ष की छूट दी जाए। CEE एग्जाम प्रक्रिया जल्द से जल्द करवाई जाए और एयर फोर्स एयरमैन का रिजल्ट जल्द से जल्द जारी किया जाए।
चार साल की नौकरी का विरोध
एक प्रदर्शनकारी अभ्यर्थी अंकित सिंह ने बताया, ‘2021 में सेना में नियुक्ति के लिए आवेदन मांगे गए थे। मुजफ्फरपुर समेत आठ जिलों के हजारों अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था। उनमें से जिन्होंने फिजिकल टेस्ट पास किए उनका मेडिकल हुआ था। मेडिकल होने के बाद अब एक साल से लिखित परीक्षा का इंतजार कर रहे हैं। अब तक परीक्षा नहीं ली गई।’
प्रदर्शनकारियों ने कहा, ‘रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को इसका ऐलान किया था कि अग्निपथ स्कीम के तहत अग्निवीरों की नियुक्ति होगी, जिन्हें 4 साल के लिए सेना में नौकरी दी जाएगी। 4 साल बाद 75 फीसदी जवानों को 11 लाख रुपए देकर घर वापस कर दिया जाएगा। सिर्फ 25 फीसदी की सेवा में कुछ विस्तार होगा। इसी नए नियम को लेकर हंगामा व प्रदर्शन कर रहे हैं।’
अब सेना में 4 साल के सिपाही:अफसर बोले- जवान को तैयार होने में 5 साल लगते हैं; 6 महीने की ट्रेनिंग में जंग कैसे लड़ेंगे
भारत के रक्षा मंत्रालय ने 2017 में बताया था कि हमारी आर्मी में 12.64 लाख, एयरफोर्स में 1.55 लाख और नेवी में 84 हजार जवान हैं। सेना में अभी जो जवान रिक्रूट होते हैं, उन्हें 42 हफ्तों की सख्त ट्रेनिंग दी जाती है।
वास्तव में 5 से 6 साल की ड्यूटी के बाद जवान यूनिट का हिस्सा बन पाते हैं। उन्हें मालूम होता है कि अब सेना ही उनका घर है इसलिए उनका जज्बा और डेडिकेशन बहुत हाई लेवल का होता है।
लेफ्टिनेंट जनरल विनोद भाटिया (रिटायर्ड) कहते हैं, मेरे हिसाब से 1.52 लाख करोड़ रुपए का पेंशन बिल बचाने के लिए अग्निपथ स्कीम को लाया गया है। इससे हमारी डिफेंस की ताकत कम होगी।
जिन जंगल, पहाड़ों और हाई एल्टीट्यूट में अभी हमारे जवान दुश्मनों को धूल चटाते हैं, वहां 4 साल के लिए रिक्रूट होने वाले ये जवान कैसे काम कर पाएंगे।
नए लड़कों के टेक्नोफ्रेंडली होने की बात कही जा रही है, लेकिन इन जगहों पर टेक्नोलॉजी नहीं, बल्कि जज्बात और स्पेशलाइजेशन की जरूरत होती है, जो पूरे डेडिकेशन और प्रॉपर ट्रेनिंग से ही आता है।
जिन 75% को निकाला जाएगा, वो क्या करेंगे
सरकार रिक्रूटमेंट का बेस नहीं बदल रही। क्राइटेरिया भी चेंज नहीं किया गया है। सिर्फ सर्विस की टर्म्स बदली गई हैं। मतलब लोग तो वही आएंगे, जो अभी तक आ रहे थे। फर्क सिर्फ ये आएगा कि अभी 17 साल नौकरी कर रहे थे और अब 4 साल करेंगे। 25% को अगले 15 सालों तक और नौकरी का मौका मिलेगा, लेकिन जिन 75% को निकाला जाएगा, वे क्या करेंगे।
इजरायल और यूएस में ऐसा ही होने की बात कही जा रही है, लेकिन इजरायल की पॉपुलेशन दिल्ली से भी कम है। वहां सर्वाइवल का सवाल है। हर किसी को सेना में जाना कम्पलसरी है। और यूएस में तो हाल ऐसे हैं कि रिक्रूटमेंट अफसर घर-घर जाकर कहते हैं कि सेना में आइए, क्योंकि वहां के लोगों की लग्जरी की आदत है।
हमारे देश में ऐसे हालात नहीं है। हमारे यहां 4 साल पहले से लड़के सेना में जाने की तैयारी करते हैं। क्योंकि वे जानते हैं कि, एक बार सेना में चले गए तो पूरा परिवार सिक्योर हो जाएगा। लेकिन अब 4 साल की नौकरी के लिए कोई 4 साल पहले से तैयारी क्यों करेगा।
सेना हमेशा जवान बनी रहेगी
वहीं लेफ्टिनेंट जनरल सतीश दुआ (रिटायर्ड) का कहना है कि सरकार की यह कवायद सेना को यंग करने के लिए है। जवान अधिकतम 25 साल की सेना में रहेगा। इससे सेना हमेशा यंग बनी रहेगी। नए लड़के टेक्नोलॉजी फ्रेंडली होते हैं। इसका फायदा होगा और सरकार का पेंशन, सैलरी का खर्चा भी बचेगा।
वे कहते हैं- सेना के लिए कुछ चैलेंजेस तो रहेंगे, लेकिन ट्रेनिंग कम समय में भी करवाई जा सकती है। दूसरे देशों में अनिवार्य तौर पर भर्ती की जाती है, ऐसे में जवान मोटिवेटेड नहीं होते। हमारे देश में ये फायदा है कि हमें मोटिवेटेड जवान मिलेंगे।
एकमुश्त मिलेंगे 12 लाख
17.5 से लेकर 21 साल की उम्र के बीच वाले लड़के इसमें अप्लाय कर सकते हैं। इन्हें फिस्क्ड सैलरी मिलेगी। पहले साल 30 हजार, दूसरे साल 33 हजार, तीसरे साल 36500 और चौथे साल 40 हजार होगी।
सेवा निधि के तौर पर कुल कॉन्ट्रीब्यूशन 10.04 लाख का होगा। इंटरेस्ट मिलाकर 11.71 लाख रुपए चार साल बाद जवान को मिलेंगे। सेवा के दौरान डेथ होने पर 1 करोड़ रुपए परिवार को दिए जाएंगे। अगले 90 दिनों के अंदर इस स्कीम में रिक्रूटमेंट शुरू हो जाएंगे।