पानीपत. हरियाणा में विधानसभा चुनाव की मतगणना जारी है। शुरुआती रुझानों में भाजपा को बहुमत मिलता दिख रहा है। 90 सीटों वाली विधानसभा में भाजपा को 42 सीटें पर बढ़त मिली है। वहीं कांग्रेस 28 सीटों पर आगे है। जजपा 11 सीटों पर आगे है। भाजपा की तरफ से पहली बार चुनाव लड़ रहीं रेसलर बबीता फोगाट चरखी दादरी सीट से आगे चल रही हैं। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल के बेटे कुलदीप बिश्नोई टिकटॉक स्टार सोनाली फोगाट से 12,600 वोटों से आगे हैं। कांग्रेस की तरफ से रणदीप सिंह सुरजेवाला कैथल सीट से आगे चल रहे हैं। जजपा के दुष्यंत चौटाला उचाना कलां सीट से आगे हैं।
अपडेट:
– करनाल सीट से मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर आगे
– कांग्रेस के भूपेंदर सिंह हुड्डा गढ़ी सांपला सीट से आगे
– टोहाना से भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सुभाष बराला वोटों की गिनती बीच में छोड़कर घर रवाना, यहां से जजपा के देवेंद्र बबली आगे चल रहे हैं
– भाजपा सरकार में मंत्री अनिल विज अंबाला सीट से आगे
– भाजपा के योगेश्वर दत्त बरौदा सीट से आगे
– इनेलो के अभय सिंह चौटाला ऐलानाबाद सीट से पीछे
– नारनौंद सीट से जजपा के रामकुमार गौतम भाजपा के कैप्टन अभिमन्यु 9से आगे
हरियाणा में अभी भाजपा की सरकार है। अगर वह सत्ता में वापसी करती है तो ऐसा करने वाली राज्य की पहली गैर-कांग्रेसी पार्टी होगी। हरियाणा के 53 साल के इतिहास में कांग्रेस ने 1972 और 2009 में 5 साल सरकार चलाने के बाद सत्ता में वापसी की थी। जनता पार्टी, लोकदल, हरियाणा विकास पार्टी और इनेलो ने भी सत्ता हासिल की, लेकिन वे इसे दोहरा नहीं सके।
वोट प्रतिशत से नहीं तय होता किस पार्टी की सरकार बनेगी
21 अक्टूबर को हुए चुनाव में 68.31% वोटिंग हुई थी। यह पिछली बार के 76.13% के मुकाबले करीब 8% कम रही। हालांकि, हरियाणा में वोट प्रतिशत बदलने से कभी यह तय नहीं होता कि राज्य में कौन सी पार्टी सरकार बनाएगी।1966 में हरियाणा के गठन के बाद 1967 के पहले ही चुनाव में 72.75% वोटिंग हुई और कांग्रेस सत्ता में आई। जबकि 1968 में हुए मध्यावधि चुनाव में 57.26% वोटिंग हुई, लेकिन सरकार नहीं बदली। 1977 में 64.46% वोटिंग में भी हरियाणा की जनता ने सरकार बदली और जनता पार्टी को 90 में 77 सीटें दे दीं। 1987 में 71.24 तो 1991 में 65.86% वोटिंग हुई। दोनों ही दफा सत्ता परिवर्तन हुआ। 2014 मेें हरियाणा में रिकॉर्ड 76.13% वोटिंग हुई और सरकार बदल गई।
53 साल में पहली बार दोबारा सत्ता में आ सकता है कोई गैर-कांग्रेसी दल
हरियाणा में अब तक कोई भी गैर-कांग्रेसी दल पूर्ण बहुमत से दोबारा सत्ता में वापसी नहीं कर पाया है। भाजपा सत्ता में आती है तो यह पहली गैर-कांग्रेसी पार्टी होगी, जो लगातार दूसरी बार सरकार बनाएगी। 1977 में जनता पार्टी, 1987 में लोकदल, 1996 में हरियाणा विकास पार्टी (हविप) की सरकार बनी। इसके बाद 2000 में भाजपा के सहयोग से इनेलो ने सरकार बनाई। लेकिन, अगले चुनाव में इन दलों को हार का सामना करना पड़ा।
5 एग्जिट पोल में भाजपा को पूर्ण बहुमत तो 1 में त्रिशंकु सरकार
चुनाव के बाद पांच एग्जिट पोल में भाजपा की सरकार बनने का अनुमान बताया गया था तो इंडिया टुडे और एक्सिस माई इंडिया ने एग्जिट पोल में त्रिशंकु सरकार बनती दिखाई गई थी। इसमें भाजपा को 32 से 44 सीटें, कांग्रेस को 30 से 42 सीटें, जजपा को 6 से 10 सीटें व अन्य पार्टियों को 6 से 10 सीटें मिलने का अनुमान बताया गया।
भाजपा | कांग्रेस | अन्य | |
एबीपी-सी वोटर | 72 | 8 | 10 |
टाइम्स नाउ | 71 | 11 | 8 |
न्यूज एक्स | 75-80 | 9-12 | 1-3 |
न्यूज 18- आईपीएसओएस | 75 | 10 | 5 |
टीवी 9- भारत वर्ष | 47 | 23 | 20 |
इंडिया टुडे-एक्सिस | 32-44 | 30-42 | 6-10 |
हरियाणा के 1 करोड़ 83 लाख 90 हजार 525 मतदाताओं में से 21 अक्टूबर को 68.31 प्रतिशत मतदान हुआ था। इनमें 69.36 प्रतिशत पुरुष और 67.12 प्रतिशत महिलाओं ने अपने मताधिकार का उपयोग किया। राज्य में कुल 19578 मतदान केंद्र बनाए गए थे। वहीं गड़बड़ियों के आरोप के चलते 5 विधानसभा क्षेत्रों के 5 बूथों पर 23 अक्टूबर 2019 को पुनर्मतदान हुआ।
1169 प्रत्याशी हैं चुनाव मैदान में
हरियाणा की 90 सीटों पर 1169 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं। 2014 में 1351 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा था। भाजपा, कांग्रेस ने सभी 90 विधानसभा सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे तो जजपा के 89 उम्मीदवार मैदान में थे। वहीं इनेलो, अकाली दल ने गठबंधन में चुनाव लड़ा।
2014 में भाजपा ने पहली बार हासिल किया था पूर्ण बहुमत
2014 में भाजपा ने 47 सीटें, इनेलो ने 19 सीटें, कांग्रेस ने 15 सीटें, निर्दलीय ने 5 सीटें और अन्य ने 4 सीटें जीती थी। भाजपा ने पहली बार पूर्ण बहुतम की सरकार बनाई थी।