कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर पर किसानों के आंदोलन का आज आठवां और अहम दिन है। 40 किसान नेताओं की सरकार के साथ विज्ञान भवन में दोपहर 12.30 बजे से बातचीत चल रही है। सरकार की तरफ से कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर अध्यक्षता कर रहे हैं। बीच में लंच ब्रेक हुआ था, लेकिन किसानों ने सरकारी दावत खाने से मना कर दिया। वे अपना खाना साथ लाए थे, वही खाया। उन्होंने कहा कि सरकार का खाना या चाय मंजूर नहीं।
विज्ञान भवन में सरकार और किसान नेताओं की बैठक जारी है. किसान नेताओं के लिए बंगला साहब गुरुद्वारे से चाय और नाश्ता पहुंचा है.
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मैंने तय किया है कि जितनी पैदावार किसान की यहां होगी उतनी खरीद ली जाएगी, लेकिन अगर बाहर से कोई आया, अगल-बगल के राज्यों से बेचने या बेचने का प्रयास भी किया तो उसका ट्रक राजसात करवाकर उसे जे़ल भिजवा दिया जाएगा.
गाजियाबाद: गाजीपुर बॉर्डर (दिल्ली-उत्तर प्रदेश सीमा) पर किसानों का आंदोलन जारी। #FarmersProtest pic.twitter.com/3CU8iwPmPh
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इससे पहले 1 दिसंबर की मीटिंग में भी किसानों को सरकार की तरफ से चाय ऑफर की गई तो उन्होंने कह दिया था कि चाय नहीं, मांगें पूरी कीजिए। आप धरनास्थल पर आइए, आपको जलेबी खिलाएंगे।
मैंने तय किया है कि जितनी पैदावार किसान की यहां होगी उतनी खरीद ली जाएगी। लेकिन अगर बाहर से कोई आया, अगल-बगल के राज्यों से बेचने या बेचने का प्रयास भी किया तो उसका ट्रक राजसात करवाकर उसे जे़ल भिजवा दिया जाएगा: म.प्र. के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान pic.twitter.com/t2RuUb1ZIn
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सूत्रों के मुताबिक, बैठक में सरकार बताएगी कि निजी मंडी और सरकारी मंडी में क्या फर्क है. इस दौरान किसानों ने मीडिया रिपोर्ट को प्रस्तुत किया. अंतरराष्ट्रीय मीडिया रिपोर्ट का भी हवाला दिया गया. कहा गया कि सभी कह रहे हैं कि किसानों का बुरा हाल होगा. एक किसान ने कहा कि हमें मालूम है कि सरकार किसानों को मारना चाहती है.
किसान संगठनों और सरकार के बीच विज्ञान भवन में चल रही बैठक में लंच ब्रेक के बाद किसान संगठनों ने कृषि कानूनों के खिलाफ जिन बिंदुओ पर सवाल उठाए हैं उन पर अब सरकार जवाब देगी.
#WATCH | Delhi: Farmer leaders have food during the lunch break at Vigyan Bhawan where the talk with the government is underway. A farmer leader says, "We are not accepting food or tea offered by the government. We have brought our own food". pic.twitter.com/wYEibNwDlX
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किसान संगठनों और सरकार के बीच विज्ञान भवन में चल रही बैठक में लंच ब्रेक के बाद किसान संगठनों ने कृषि कानूनों के खिलाफ जिन बिंदुओ पर सवाल उठाए हैं उन पर अब सरकार जवाब देगी.
यूपी या देश के किसान आंदोलित नहीं है। किसान जानते हैं कि 6000 रु. उनके खाते में कांग्रेस ने नहीं मोदी जी के नेतृत्व वाली सरकार ने पहुंचाए हैं। किसानों से अपील है कि इन कांग्रेसियों के चक्कर में न पड़ें ये कांग्रेस किसान, कृषि और देश के विकास की विरोधी है: यूपी उपमुख्यमंत्री pic.twitter.com/sL31ZYeYkP
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उधर, पंजाब के पूर्व CM और अकाली दल के नेता प्रकाश सिंह बादल (92) ने किसानों के समर्थन में पद्म विभूषण लौटा दिया है। बादल को 2015 में ये अवॉर्ड मिला था। बादल की पार्टी शिरोमणि अकाली दल 22 साल से NDA के साथ थी, लेकिन कृषि कानूनों के विरोध में सितंबर में गठबंधन से अलग हो गई थी। इससे पहले 17 सितंबर को हरसिमरत कौर बादल ने भी मोदी कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था। उधर, शिरोमणि अकाली दल (डेमोक्रेटिक) के प्रमुख और राज्यसभा सांसद सुखदेव सिंह ढींढसा ने भी पद्म भूषण अवॉर्ड लौटाने का ऐलान किया है।
#WATCH | Agitating farmers assembled at Ghazipur border (UP-Delhi border) try to break police barricades. pic.twitter.com/IOsqdJtQsG
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शाह से मुलाकात में अमरिंदर बोले- जल्द हल निकालें, देश की सुरक्षा पर असर पड़ रहा
दूसरी तरफ, गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने बताया कि गृह मंत्री से किसानों की समस्याओं का जल्द समाधान निकालने की अपील की है। इस मुद्दे से पंजाब की इकोनॉमी और देश की सुरक्षा प्रभावित हो रही है। किसानों से भी अपील की है कि जल्द मामला सुलझाएं। पंजाब CMO ने बताया कि अमरिंदर ने एग्रीकल्चर प्रोड्यूस मार्केट कमेटी (APMC) आधारित मंडी सिस्टम को जारी रखते हुए MSP को बचाने पर जोर दिया। गृह मंत्री से अपील की कि खुले दिल से किसानों की बात सुनकर जल्द विवाद सुलझाएं, ताकि किसान अपने घरों को लौट सकें।
अब तक कुल 245.5 लाख क्विंटल धान खरीदा गया है। जो पिछले साल इसी अवधि में खरीदे गए धान का लगभग डेढ़ गुना अधिक है। अब तक 2,94,184 क्विंटल मक्का सरकार द्वारा खरीदा जा चुका है : नवनीत सहगल, उत्तर प्रदेश अपर मुख्य सचिव सूचना pic.twitter.com/JjIMuv6404
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उधर किसानों के साथ बैठक में रेल मंत्री पीयूष गोयल, वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री सोम प्रकाश भी मौजूद हैं। मीटिंग से पहले सोम प्रकाश ने कहा था कि बातचीत से ऐसा समाधान निकलने की उम्मीद है, जो किसानों और सरकार को भी मंजूर हो। सरकार कह चुकी है कि MSP की व्यवस्था जारी रहेगी और यह बात लिखित में देने को भी राजी है।
एक दिसंबर को सरकार ने पंजाब और UP के किसानों से अलग-अलग बात की थी। यह बैठक बेनतीजा रही थी। किसान नेता आरोप लगा रहे हैं कि सरकार समाधान की जगह साजिश रच रही है। वह किसानों से अलग-अलग बैठक कर उन्हें बांटना चाहती है।
दिल्ली: सिंघु बॉर्डर पर किसानों का कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन अभी भी जारी। pic.twitter.com/2y7kvyZnHg
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किसानों ने आपत्तियों का 10 पेज का डॉक्यूमेंट तैयार किया
किसानों की सरकार से आज चौथी और दिल्ली बॉर्डर पर आंदोलन शुरू करने के बाद दूसरी बातचीत हो रही है। इस मीटिंग के लिए सरकार और किसान बुधवार को दिनभर स्ट्रैटजी बनाते रहे। किसानों ने 5 बार और सरकार ने 2 बार बैठकें कीं। किसानों ने कृषि कानूनों में आपत्तियों का 10 पेज का डॉक्यूमेंट तैयार किया है।
आज की मीटिंग में ये 5 प्रमुख मांगें रहेंगी
- केंद्रीय कृषि कानूनों को तुरंत रद्द किया जाए।
- केंद्र की कमेटी की पेशकश मंजूर नहीं की जाएगी।
- MSP हमेशा लागू रहे। 21 फसलों को इसका फायदा मिले।
- अभी तक किसानों को गेहूं, धान और कपास पर ही MSP मिलती है।
- खुदकुशी करने वाले किसानों के परिवारों को केंद्र से आर्थिक मदद मिले।
कृषि कानूनों में संशोधन से बात बनने वाली नहीं है, कृषि कानून रद्द करने के अलावा कोई और चारा नहीं है: श्रवण सिंह पंढेर, किसान मज़दूर संघर्ष कमेटी के महासचिव #FarmersProtest pic.twitter.com/FGOvBu4c7S
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उधर, कुंडली बॉर्डर पहुंचे UP के किसान नेता राकेश टिकैत ने भी बुधवार को पंजाब के संगठनों से बैठक की। वहीं क्रांतिकारी किसान यूनियन के अध्यक्ष दर्शन पाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि सरकार कानूनों को खत्म करने के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाए। उन्होंने कहा कि 5 दिसंबर को देशभर में प्रदर्शन किए जाएंगे।
अपडेट्स
- वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री सोम प्रकाश ने कहा कि किसानों से एक-एक पॉइंट पर बात की जाएगी। देशहित में किसानों से खुले दिल से चर्चा की जाएगी।
- किसान मजदूर संघर्ष समिति, पंजाब के जॉइंट सेक्रेटरी एस एस सुभरन का कहना है कि केंद्र किसानों में फूट डालने की कोशिश कर रहा है। जब तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सभी 507 किसान संगठनों के साथ मीटिंग नहीं करते, तब तक हम किसी और मीटिंग में हिस्सा नहीं लेंगे।
- बुराड़ी के निरंकारी समागम ग्राउंड में प्रदर्शन कर रहे किसानों का कहना है कि उन्हें सरकार से बातचीत में कोई हल निकलने की उम्मीद नहीं है।
- पुलिस ने NH-9 और NH-24 पर दिल्ली-गाजियाबाद बॉर्डर को बंद कर दिया है।
- दिल्ली-नोएडा को जोड़ने वाला चिल्ला बॉर्डर आज लगातार दूसरे दिन बंद किया गया है। हालांकि, दिल्ली से नोएडा की तरफ एक कैरिज-वे खोल दिया गया है, लेकिन नोएडा से दिल्ली की तरफ जाने वाला रास्ता बंद है।