Lakhimpur Live: गृह राज्य मंत्री के इस्तीफे पर अड़े राकेश टिकैत, कहा- मंत्री पद नहीं छोड़ा तो लखीमपुर से करेंगे आंदोलन की घोषणा
लखीमपुर खीरी में किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा, केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा का इस्तीफा नहीं होगा तो यहीं से आंदोलन की घोषणा करेंगे. लखनऊ में बड़ी पंचायत होगी. देश के हर जिले में अस्थि कलश जाएंगे, लोग श्रद्धांजलि देंगे. 24 अक्टूबर को लोग उन्हें प्रवाहित करेंगे, 26 तारीख को लोग लखनऊ आएंगे.
लखीमपुर. लखीमपुर हिंसा में मारे गए किसानों की आत्मा की शांति के लिए मंगलवार को तिकुनिया में अंतिम अरदास (श्रद्धांजलि सभा) शुरू चल रही है। घटनास्थल से करीब एक किमी की दूरी पर 30 एकड़ भूमि पर यह कार्यक्रम चल रहा है। कार्यक्रम में UP के अलावा पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान और छत्तीसगढ़ से करीब 50 हजार किसान पहुंचे हैं।
अरदास में किसानों नेताओं ने कई बड़े ऐलान किए हैं। 24 अक्टूबर को देश की सभी प्रमुख नदियों में मृतक किसानों की अस्थि का विसर्जन होगा। इसी दिन 10 से 4 बजे तक चक्का जाम होगा। यूपी के हर जिले और देश के हर राज्य में अस्थि कलश यात्रा जाएगी। तिकोनिया में घटनास्थल पर 5 किसानों की शहीदी स्मारक बनाया जाएगा।
Congress leader Priyanka Gandhi Vadra attends the 'antim ardas' of farmers who were killed in the October 3 Lakhimpur Kheri violence. pic.twitter.com/4TCpahQCOV
— ANI UP (@ANINewsUP) October 12, 2021
राकेश टिकैत का कहना है कि अभी तक रेड कार्पेट गिरफ्तारी हुई है। आरोपियों को गुलदस्ता देकर बुलाया गया। मंत्री के रहमो-करम वाले पुलिस कैसे पूछताछ करंगे? जब तक बापू बेटा जेल में बंद नहीं होंगे, जब तक मंत्री का इस्तीफा नहीं होगा। शांति पूर्व आंदोलन जारी रहेगा।
कांग्रेस महासचिव श्रीमती @priyankagandhi जी लखीमपुर में शहीद किसानों की अंतिम अरदास में गुरु ग्रंथ साहब के सामने मत्था टेककर अपनी श्रद्धांजलि व्यक्त की। pic.twitter.com/B5Hr8zqTVi
— UP Congress (@INCUttarPradesh) October 12, 2021
अरदास में किसानों के 5 बड़े फैसले-
- 15 अक्टूबर प्रधानमंत्री का पूरे देश में पुतला फूंका जाएगा।
- 18 अक्टूबर में ट्रेनें रोकी जाएंगी।
- 24 अक्टूबर को अस्थि विसर्जन होगा।
- 5 मृतक किसानों का शहीदी स्मारक बनाया जाएगा।
- 26 को लखनऊ में महापंचायत होगी।
प्रियंका भी पहुंची
अरदास में शामिल होने के लिए कई सियासी नेता भी पहुंचने वाले हैं। प्रियंका गांधी वाड्रा लखीमपुर पहुंची। हालांकि, उन्हें मंच पर जगह नहीं मिली। इससे पहले उन्हें सीतापुर में रोक गया था। रालोद नेता जयंत चौधरी भी पहुंचे हैं। उन्हें भी मंच पर जगह नहीं मिली। संयुक्त मोर्चा ने ऐलान किया है कि अरदास कार्यक्रम के मंच पर कोई सियासी नेता नहीं बैठेगा। जो भी नेता इस कार्यक्रम में आएगा वह पब्लिक के साथ बैठेगा।
सबसे पहले पलिया से आए रागी जत्थे ने गुरुवाणी का बखान कर संगत को निहाल किया। कार्यक्रम में मृतक किसानों के परिवार वालों और घायल किसानों को भी बुलाया गया है।
LIVE अपडेट्स
- भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) के प्रवक्ता राकेश टिकैत सोमवार की रात में ही कार्यक्रम स्थल पहुंच चुके हैं। श्रद्धांजलि सभा में किसान जुटने लगे हैं। यहां कौड़ियाला घाट गुरुद्वारा में रविवार से ही अखंड पाठ चल रहा है।
- कार्यक्रम की सुरक्षा व्यवस्था को परखने के लिए विशेष पुलिस जांच कमेटी के DIG उपेंद्र अग्रवाल, DM अरविंद चौरसिया और SP विजय ढुल ने कार्यक्रम स्थल का निरीक्षण किया।
- किसाना नेता सुरेशपाल बोले- कुछ लोग राष्ट्रवाद के नाम पर धार्मिक उन्माद बढ़ाते हैं। इस देश का किसान मजदूर भाई था, भाई है, भाई रहेगा। यह देश किसी एक विचारधारा का देश नहीं है। यह देश सभी जाति, धर्म, ग्रंथों को मिलाकर एक फूल है।
- कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के काफिले को सीतापुर में पुलिस ने रोका। उन्हें तीन गाड़ियों के साथ लखीमपुर जाने की परमिशन मिली है। उनके साथ हरियाणा के कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा भी हैं।
- RLD अध्यक्ष जयंत चौधरी को बरेली एयरपोर्ट पर करीब एक घंटे नजरबंद कर रखा गया। बाद में जाने की परमिशन मिली है। इस दौरान रालोद कार्यकर्ताओं ने एयरपोर्ट के बाहर प्रदर्शन भी किया।
- दिल्ली सिख गुरद्वारा प्रबंधन कमेटी के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा को पीलीभीत के बॉर्डर पर पुलिस ने रोका है। मनजिंदर सिंह अकाली दल के राष्ट्रीय प्रवक्ता भी हैं।
पहले शबद कीर्तन फिर लोग देंगे श्रद्धांजलि
राष्ट्रीय अध्यक्ष भारतीय सिख संगठन जसवीर सिंह ने बताया कि अरदास कार्यक्रम जारी है। लोग मृत किसानों को श्रद्धांजलि दे रहे हैं। सबसे पहले शबद कीर्तन हो रहा है। इसके बाद किसान नेता शहीद किसानों को श्रद्धा सुमन अर्पित कर अपनी-अपनी बात रखेंगे। अंतिम अरदास में शामिल होने के लिए सोमवार रात से ही राकेश टिकैत, जोगेंदर सिंह और सरिता समेत कई किसान नेताओं का यहां आना शुरू हो गया था।
लोगों की संख्या को देखते हुए घटनास्थल से 500 मीटर दूर कक्कड़ फार्म हाउस पर दूसरे प्रदेश से आ रहे किसानों के रुकने का इंतजाम किया गया है। इसके लिए यहां करीब 30 एकड़ धान की फसल को कटवाकर टेंट लगवा दिया गया है।
गुरुद्वारे के साथ-साथ कई जगह चलेगा लंगर
राम सिंह ढिल्लन ने बताया कि कक्कड़ फार्म हाउस पर किसानों के रुकने और लंगर की व्यवस्था की गई है। इसके साथ ही लखीमपुर आने जाने वाले रास्तों पर भी लंगर की व्यवस्था की गई है। दूर से आने वाले किसानों के लिए लंगर के लिए गुरुद्वारे में व्यवस्था की गई है।
13 जिलों में पुलिस अलर्ट
शहीद किसानों की अंतिम अरदास में बड़ी संख्या में किसानों के जुटने की संभावना है। इसे देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने 13 जिलों में 20 वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की अगुआई में पुलिस बल को तैनात किया है। ये किसानों की पल-पल की गतिविधियों पर नजर रखेंगे। साथ ही कानून व्यवस्था को हाथ में लेने वालों पर सख्त कार्रवाई करेंगे। इसके लिए उन्हें अपने-अपने जिलों में कैंप करने के आदेश दिए गए हैं।