LAC पर वायुसेना ने बढ़ाई ताकत, चीन से लगी सीमा पर नजर रख रहे लड़ाकू विमान

भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) ने भारत की सैन्य तैयारियों को और मजबूत करने के लिए कई अग्रिम अड्डों तक भारी सैन्य उपकरणों और हथियार पहुंचाने के लिए सी-17 ग्लोबमास्टर 3 परिवहन विमान और सी-130 जे सुपर हरक्युलिस के बेड़े को लगाया है.

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नई दिल्ली. पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी (Galwan Valley) में भारत और चीन की सेनाओं के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पास अपने सभी प्रमुख केंद्रों पर फ्रंटलाइन लड़ाकू विमानों, हेलीकॉप्टरों तथा परिवहन बेड़े की तैनाती बढ़ा रही है. वायु सेना ने भारत की सैन्य तैयारियों को और मजबूत करने के लिए कई अग्रिम अड्डों तक भारी सैन्य उपकरणों और हथियार पहुंचाने के लिए सी-17 ग्लोबमास्टर 3 परिवहन विमान और सी-130 जे सुपर हरक्युलिस के बेड़े को लगाया है.

वायु सेना, भारत और चीन के बीच 3,500 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा पर विभिन्न अग्रिम क्षेत्रों में सैनिकों को पहुंचाने के लिए अपने इलयुशिन-76 बेड़े का भी इस्तेमाल कर रही है. उन्होंने कहा कि वायु सेना पहले ही लेह और श्रीनगर समेत कई प्रमुख वायुसैनिक केंद्रों पर अपने फ्रंटलाइन सुखोई 30 एमकेआई, जगुआर, मिराज 2000 विमान तैनात कर चुकी है.

वायु सेना ने अनेक अग्रिम स्थानों तक सैनिकों को पहुंचाने के लिए अपाचे और चिनूक हेलीकॉप्टरों को भी लगाया है. लद्दाख और अन्य क्षेत्रों में वायु सेना की बढ़ती गतिविधियों के बारे में पूछे जाने पर एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, हम किसी भी हालात से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं. पिछले महीने एयर चीफ मार्शल आर के एस भदौरिया ने लद्दाख और श्रीनगर वायु सैनिक अड्डों का दौरा किया था और क्षेत्र में किसी भी विपरीत परिस्थिति से निपटने की भारतीय वायु सेना की तैयारियों का जायजा लिया था.

पूर्वी लद्दाख में दोनों देशों के बीच बना हुआ है तनाव
भारत और चीन की सेनाओं के बीच पिछले सात सप्ताह से पूर्वी लद्दाख में अनेक स्थानों पर गतिरोध की स्थिति बनी हुई है. गलवान घाटी में 15 जून को हिंसक झड़प में भारत के 20 सैनिकों के शहीद होने के बाद चीन के साथ भारत का तनाव और अधिक बढ़ गया है. (भाषा इनपुट के साथ)

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