कुलभूषण जाधव मामले में आईसीजे कल सुनाएगा फैसला, पाकिस्तान ने सुनाई है फांसी की सजा

कुलभूषण जाधव मामले में हेग स्थित अंतराष्ट्रीय न्यायालय बुधवार को अपना फैसला सुनाएगा। पाकिस्तान ने जासूसी के आरोप में जाधव को फांसी की सजा सुनाई है। भारत का कहना है कि जाधव को ईरान से अगवा कर पाकिस्तान लाया गया।

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नई दिल्ली :  हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) बुधवार को पाकिस्तान में कैद भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी कुलभूषण जाधव पर बुधवार को अपना फैसला सुनाएगा। इस मामले में भारत अपने पक्ष में फैसले की उम्मीद कर रहा है। पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने जासूसी के आरोप में जाधव को फांसी की सजा सुनाई है जिसके खिलाफ भारत अंतरराष्ट्रीय कोर्ट गया है। मामले की सुनवाई करते हुए आईसीजे ने मई 2017 में जाधव की फांसी की सजा पर रोक लगा दी और अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। आईसीजे के इस फैसले पर सभी की नजरें टिकी हैं।

Kulbhushan Jadhav

पाकिस्तान का कहना है कि जासूसी के आरोप में उसने तीन मार्च 2016 को जाधव को बलूचिस्तान से गिरफ्तार किया जबकि भारत उसके दावे को खारिज करता आया है। भारत का कहना है कि नौसेना के अधिकारी रहे जाधव को ईरान से अगवा कर पाकिस्तान लाया गया। जाधव का ईरान में अपना कारोबार है। बता दें कि भारत ने इस मामले में विएना संधि एवं कानूनी प्रक्रिया के उल्लंघन को आधार बनाकर आईसीजे में केस दायर किया है। पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने देश में जासूसी करने एवं आतंकवाद फैलाने के आरोप में अप्रैल 2017 में जाधव को फांसी की सजा सुनाई। वहीं, आईसीजे ने पाकिस्तान से कहा कि उसका फैसला आने तक जाधव को दी गई फांसी की सजा को वह स्थगित रखे।

भारत ने आईसीजे से जाधव को मिली फांसी की सजा रद्द करने एवं उनकी तुरंत रिहाई की मांग की है। भारत का कहना है कि पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने जाधव को दोषी ठहराने में जरूरी मानक प्रक्रियाओं का जरा भी पालन नहीं किया। दिसंबर 2017 में जाधव की मां और पत्नी ने पाकिस्तान का दौरा किया लेकिन पाकिस्तान ने उनकी मां एवं पत्नी के साथ बदसलूकी की। यहां तक कि उसने जाधव से मुलाकात के दौरान उनकी पत्नी को मंगलसूत्र और चूड़ियां पहनने की इजाजत नहीं दी। जाधव जब अपनी मां और पत्नी से मिल रहे थे तो उस दौरान इनके बीच शीशे की दीवार थी। भारत ने कहा कि ‘मुलाकात की यह पूरी प्रक्रिया डराने वाली थी।’ इस मुलाकात के बाद विदेश मंत्रालय ने कहा कि जाधव की मां एवं पत्नी को मुलाकात से पहले दूसरे कपड़े पहनने के लिए बाध्य किया गया और उन्हें मातृ भाषा में बात करने की इजाजत नहीं दी गई।

बता दें कि आईसीजे का फैसला ऐसे समय में आने जा रहा है जब करतारपुर कॉरिडोर की प्रक्रियाओं को अंतिम रूप देने के लिए भारत और पाकिस्तान के बीच गत रविवार को वाघा बॉर्डर पर बैठक हुई। आईसीजे का अहम फैसला आने के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान अगले सप्ताह अमेरिका की यात्रा पर रवाना होंगे। इस बात की संभावना है कि आईसीजे जाधव मामले की दोबारा एवं ‘निष्पक्ष एवं पारदर्शी’ सुनवाई के लिए पाकिस्तान को कह सकता है।

गौरतलब है कि पाकिस्तान ने जासूसी मामले में भारतीय नागरिक सरबजीत सिंह को फांसी की सजा सुनाई थी लेकिन जेल में कैदियों के हमले में सरबजीत की मौत हो गई। सरबजीत पाकिस्तान की जेल में 22 वर्षों तक रहे। जबकि भारत के दूसरे नागरिक मुंबई के हामिद अंसारी को पाकिस्तान ने पिछले साल रिहा किया। आईसीजी में भारत का पक्ष रखते हुए वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने कहा कि ‘जाधव के कबूलनामे’ के अलावा पाकिस्तान के पास कोई और सबूत नहीं है।

उन्होंने कहा, ‘पाकिस्तान भारतीय मीडिया में प्रकाशित लेखों के आधार पर अकाट्य सबूत रखने का दावा करता है।’ साल्वे ने जाधव की नागरिकता के बारे में कहा, ‘जाधव भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी हैं जो कि उनकी राष्ट्रीयता का प्रमाण है।’ वरिष्ठ वकील ने कहा, ‘पाकिस्तान की तरह भारत को अपने नागरिकों की राष्ट्रीयता कभी नकारने की जरूरत नहीं पड़ी है। भारतीय ऐसे नहीं हैं कि उनकी राष्ट्रीयता को नकारने की जरूरत पड़े।’ साल्वे ने कहा कि पाकिस्तान ने आईसीजे में तीन बार कार्यवाही को गलत दिशा देने की कोशिश की लेकिन उसकी सारी कोशिशें नाकाम हुईं।

साल्वे ने कहा कि जाधवे मामले में पाकिस्तान ने विएना संधि के ऑर्टिकल 36 का अनुपालन नहीं किया। संधि का यह ऑर्टिकल सभी नागरिकों चाहे उन पर जासूसी के आरोप ही क्यों न हों, उन्हें कॉन्सुलर मदद देने की वकालत करता है। वहीं, पाकिस्तान ने भारत पर ‘राजनीतिक फायदे’ के लिए आईसीजे का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है। उसने जाधव को फांसी से बचाने के लिए दायर भारत के केस को खारिज करने की मांग की है।


कुलभूषण जाधव केस : जानिए क्या है पूरा मामला, भारत क्यों पहुंचा ICJ

हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय न्यायलय में भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव केस की सुनवाई शुरू हो गई है। पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने अप्रैल 2017 में जासूसी एवं आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने के आरोपों पर जाधव को फंसा की सजा सुनाई। जाधव को मिली इस सजा के खिलाफ भारत ने आईसीजे का दरवाजा खटखटाया है। आईसीजे में वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे भारतीय पक्ष की दलीलें रख रहे हैं। साल्वे ने भारत का पक्ष रखते हुए सोमवार को कहा कि पाकिस्तान ने इस मामले में वियना संधि का गंभीर उल्लंघन किया और जाधव को शारीरिक रूप से प्रताड़ित कर उनसे अपराध कबूल करवाया। आइए जानते हैं इस मामले के प्रमुख तथ्य-

  • 18 फरवरी 2018 से ICJ में केस की सुनवाई : आईसीजे ने सार्वजनिक रूप से इस मामले की सुनवाई कर दी है। केस की सुनवाई का सीधा प्रसारण किया गया।  जाधव केस में भारत का पक्ष रखने की जिम्मेदारी वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे पर है।
  • 20 नवंबर 2018 : विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कुलभूषण जाधव के लिए राजनयिक पहुंच की मांग की। स्वराज ने कहा कि भारत ने दो दिन पहले नौसेना के पूर्व अधिकारी कुलभूषण जाधव के लिए राजनयिक पहुंच की मांग की।
  • 17 अप्रैल 2018 : विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा, ‘अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के 17 जनवरी 2018 के आदेश के मद्देनजर भारत ने कुलभूषण जाधव मामले में अपना जवाब सौंपा है।’
  • 17 जुलाई 2018 : कुलभूषण जाधव की सजा पर पाकिस्तान ने आईसीजे में रिज्वाइंडर सौंपा। 400 पन्नों वाला पाकिस्तान का यह रिज्वाइंडर 17 अप्रैल के भारत के जवाब के संदर्भ में था।
  • 15 मई 2017 : कुलभूषण जाधव मामले में भारत और पाकिस्तान ने अपनी-अपनी दलीलें दीं। इसके बाद आईसीजे इस केस की सुनवाई के लिए तैयार हुआ।
  • 9 मई 2017 : भारत की अपील पर आईसीजे ने पाकिस्तानी कोर्ट द्वारा जाधव को दी गई फांसी की सजा पर रोक लगाई। जाधव मामले में भारत ने पाकिस्तान पर वियना संधि के गंभीर उल्लंघन का आरोप लगाया।
  • 8 मई 2017 : जाधव तक राजनयिक पहुंच नहीं मिलने पर भारत ने आईसीजे का दरवाजा खटखटाया। भारत ने अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में जाधव के लिए न्याय की मांग की। भारत ने कोर्ट को बताया कि जाधव तक राजनयिक पहुंच के लिए उसने 16 बार अनुरोध किए लेकिन पाकिस्तान ने हर बार उसके अनुरोध को ठुकरा दिया।
  • 10 अप्रैल 2017 : पाकिस्तानी सेना के इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर सूचित किया कि पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने जाधव को फांसी की सजा सुनाई है।
  • 6 जनवरी 2017 : पाकिस्तान ने कहा कि इस्लामाबाद में भारतीय हस्तक्षेप को लेकर उसने संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटरेस को डॉजियर सौंपा है और बताया है कि भारत उसे ‘अस्थिर’ करना चाहता है।
  • 7 दिसंबर 2016 : पाकिस्तान के तत्कालीन विदेश मंत्री सरताज अजीज ने कहा कि कुलभूषण यादव के खिलाफ ठोस सबूत नहीं मिले हैं। इसी दिन पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में जाधव पर अजीज के बयान का खंडन किया गया।
  • 25 मार्च 2016 : एक प्रेस रिलीज के जरिए भारतीय अधिकारियों को जाधव की गिरफ्तारी की जानकारी दी गई।
  • 3 मार्च 2016 : भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी कुलभूषण जाधव को खुफिया एजेंसी रॉ का एजेंट होने के  आरोप में बलूचिस्तान में गिरफ्तार किया गया।

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