Kisan Andolan Live Updates: कल राजस्थान से शुरू होगा ट्रैक्टर मार्च, दिल्ली-जयपुर हाईवे जाम करेंगे किसान
Kisan Andolan Live Updates: केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलित हैं. अपनी मांगें ना माने जाने के चलते अब वह लड़ाई और तेज करने की तैयारी में हैं.
नई दिल्ली/चंडीगढ़. केंद्र की मोदी सरकार के तीन कृषि बिलों के खिलाफ किसानों का आंदोलन अब और रफ्तार पकड़ रहा है. भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि अगर सरकार किसान नेताओं से बातचीत करना चाहती है, तो उसे पिछली बार की तरह औपचारिक रूप से संदेश देना चाहिए. साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि नये कृषि कानूनों को खत्म किए जाने से कम, कुछ भी स्वीकार्य नहीं होगा.
दूसरी ओर सरकार ने किसान संगठनों से, उनकी चिंताओं को दूर करने के लिए अधिनियम में संशोधन करने के उसके प्रस्तावों पर गौर करने का आह्वान किया था और कहा था कि जब भी किसान संगठन चाहें, वह उनके साथ इसपर चर्चा के लिए तैयार है.
On 14th Dec, all farmer leaders will sit on a fast sharing same stage at Singhu border. We want govt to take back 3 Farm bills, we're not in favour of amendments. Centre wants to thwart our movement but we'll continue it peacefully: Kamal Preet Singh Pannu, Sanyukta Kisan Andolan pic.twitter.com/HTqQd0mgN9
— ANI (@ANI) December 12, 2020
केंद्र के नए कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन को और तेज करने तथा जयपुर-दिल्ली एवं यमुना एक्सप्रेसवे को अवरुद्ध करने की किसानों की घोषणा के मद्देनजर दिल्ली पुलिस ने शनिवार को शहर की सीमाओं पर जवानों की तैनाती बढ़ा दी और कंक्रीट के अवरोधक लगा दिए. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि गुड़गांव से लगती दिल्ली की सीमा और जयपुर से राष्ट्रीय राजधानी को जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग आठ पर कोई प्रदर्शन नहीं हो रहा है. अधिकारी ने कहा, ‘अब तक दिल्ली-गुड़गांव सीमा पर कोई प्रदर्शन नहीं है. ऐसे में यातायात में कोई रूकावट नहीं है. लेकिन किसी भी स्थिति से निपटने के लिए हमने उपयुक्त सुरक्षा इंतजाम किए हैं.’ मौजूदा आंदोलन का हिस्सा सामाजिक कार्यकर्ता योगेंद्र यादव ने कहा कि राजस्थान और हरियाणा से किसान इकट्ठा हो रहे हैं और उनका ‘दिल्ली मार्च’ रविवार को शुरू होगा.
केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ अपने आंदोलन को तेज करते हुए किसानों ने शनिवार को हरियाणा में कुछ टोल प्लाजा पर कब्जा कर लिया और अधिकारियों को यात्रियों से शुल्क की वसूली नहीं करने दी. आंदोलनकारी किसानों ने कहा था कि नए कृषि कानूनों को वापस लेने की अपनी मांग के लिए दबाव बनाने के खातिर वे टोल प्लाजा पर एकत्रित होंगे. भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के 100 से अधिक किसान मल्कीत सिंह और मनीष चौधरी के नेतृत्व में अंबाला-हिसार राजमार्ग पर टोल प्लाजा पर इकट्ठे हुए.
We want MSP of all our produce including potatoes, sugarcane, grains, vegetables & milk. We don't want this guarantee in written form but we want a law for MSP now: Dungar Singh, Farmer Leader from Uttar Pradesh https://t.co/domYnFPeKX pic.twitter.com/T6KxBETlsk
— ANI (@ANI) December 12, 2020
अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के नेता सरदार वीएम सिंह ने कहा, ‘हम एमएसपी पर आश्वासन चाहते हैं. हम इसके तहत अपनी उपज की खरीद की गारंटी चाहते हैं. एमएसपी गारंटी विधेयक लाने पर किसान लाभान्वित होंगे.’
उत्तर प्रदेश के किसान नेता डूंगर सिंह ने कहा कि हम आलू, गन्ना, अनाज, सब्जी और दूध समेत सभी उपज पर एमएसपी चाहते हैं. हम लिखित रूप ये यह गारंटी नहीं चाहते हैं. लेकिन हम एमएसपी के लिए एक कानून चाहते हैं.
उत्तर प्रदेश में अलीगढ़ जिले के विभिन्न हिस्सों में प्रदर्शन के दौरान दर्जनों किसानों को शनिवार को हिरासत में लिया गया. प्रदर्शनकारी टोल-प्लाजा को निशुल्क करवाने का प्रयास कर रहे थे. पुलिस के अनुसार, टोल प्लाजा को निशुल्क करवाने के प्रयास में टप्पल थाने की पुलिस ने कुराना में किसान यूनियन के कई नेताओं को हिरासत में लिया है. पुलिस ने कहा कि उन्हें शनिवार रात 11 बजे तक एक अस्थायी जेल में रखा जाएगा. जिला मजिस्ट्रेट चंद्र भूषण सिंह ने शनिवार को कहा कि अलीगढ़-आगरा राज्य राजमार्ग पर जीटी रोड और मद्रक पर गभाना में टोल प्लाजा सहित संवेदनशील क्षेत्रों में भारी पुलिस बल तैनात है और गश्त भी जारी है.
हरियाणा के भिवानी और जींद जिलों में शनिवार को प्रदर्शनकारी किसानों ने विभिन्न टोल-प्लाजा पर धरना-प्रदर्शन किया. इस दौरान नए कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर किसानों ने शनिवार सुबह से लेकर अपराह्न करीब तीन बजे तक प्लाजा को टोल मुक्त कर दिया. किसानों के धरना-प्रदर्शन के दौरान भारी पुलिस बल के साथ ही जिले के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे. जींद के बद्दोवाल व खटकड़ टोल प्लाजा पर सुबह सात बजे ही प्रदर्शनकारी पहुंच गए. यहां किसानों के पहुंचने पर टोल प्लाजा के कर्मचारियों ने अपने कैबिन खाली कर दिए और टोल मुक्त कर दिए गए. किसान यूनियनों ने कहा कि कृषि कानूनों के विरोध में शनिवार को टोल प्लाजा पर धरना दिया जा रहा है. ड्यूटी मजिस्ट्रेट के तौर पर तहसीलदार रामचरण शर्मा धरना-प्रदर्शन के दौरान मौजूद रहे. उचाना के एसडीएम डॉ. राजेश कोथ और डीएसपी जितेंद्र सिंह भी पूरे दिन किसानों के इस धरने पर नजर बनाए रहे.
संयुक्त किसान आंदोलन के नेता कमल प्रीत सिंह पन्नू ने कहा कि हजारों किसान कल सुबह 11 बजे राजस्थान के शाहजहांपुर से ट्रैक्टर मार्च शुरू करेंगे और जयपुर-दिल्ली मुख्य मार्ग को ब्लाक करेंगे.हमारे देशव्यापी आह्वान के बाद, हरियाणा के सभी टोल प्लाजा आज शुल्क मुक्त हैं.
संयुक्त किसान आंदोलन के नेता कमल प्रीत सिंह पन्नू ने कहा कि 14 दिसंबर को सभी किसान नेता सिंघु बॉर्डर पर एक साथ साझा मंच पर बैठेंगे. हम चाहते हैं कि सरकार कृषि कानूनों को वापस ले. हम संशोधन के पक्ष में नहीं हैं. केंद्र हमारे आंदोलन को विफल करना चाहता है, लेकिन हम इसे शांतिपूर्वक जारी रखेंगे.
नए कृषि कानूनों के विरोध में 11 दिन से दलित प्रेरणा स्थल पर धरना दे रहे भारतीय किसान यूनियन (लोक शक्ति) के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने शनिवार शाम को गौतमबुद्ध नगर के सांसद व पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ महेश शर्मा का सेक्टर-27 में घेराव किया. किसानों ने अपनी नौ सूत्री मांगों को पूर्व केंद्रीय मंत्री के समक्ष रखा तथा उनसे कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक उनकी बात पहुंचाएं. सांसद ने किसानों को आश्वस्त किया कि उनकी जो भी मांग है उसको वह गृह मंत्री और प्रधानमंत्री तक 24 घंटे के अंदर पहुंचाएंगे.
किसान आंदोलन और तेज होता जा रहा है। शनिवार को किसान नेता कमल प्रीत सिंह ने कहा कि रविवार को राजस्थान के हजारों किसान आंदोलन को समर्थन देने के लिए दिल्ली आ रहे हैं। इस दौरान वे दिल्ली-जयपुर हाईवे को ब्लॉक करेंगे। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने हमारे आंदोलन खत्म करने के लिए कई हथकंडे अपनाए, लेकिन हमने सब फेल कर दिया।
कमल प्रीत ने कहा कि सरकार ने हमें बांटने की भरपूर कोशिश की। जीत मिलने तक हम लोग शांतिपूर्ण प्रदर्शन करेंगे। 14 दिसंबर को सिंघु बॉर्डर पर कई किसान नेता एक साथ मंच पर आएंगे और भूख हड़ताल करेंगे। हमारी मांग है कि तीनों कानूनों को वापस लिया जाए। हम किसी भी तरह के बदलाव के पक्ष में नहीं हैं।
मांगें नहीं मानी गईं तो भूख हड़ताल शुरू करेंगे
इस बीच, किसान नेता गुरनाम सिंह ने बताया कि किसानों की पंजाब से आने वाली कई ट्रॉलियों को सरकार ने रोक लिया है। हम लोग सरकार से अपील करते हैं कि वो किसानों को दिल्ली पहुंचने दें। अगर सरकार 19 दिसंबर से पहले हमारी मांगे नहीं मानती है तो हम गुरु तेग बहादुर के शहादत दिवस से भूख हड़ताल भी शुरू करेंगे।
इससे पहले, शनिवार को ऐलान के मुताबिक, किसानों ने पंजाब और हरियाणा में टोल फ्री कर दिए। टोल कर्मचारियों को लोगों से टैक्स नहीं वसूलने दिया गया। किसानों ने ज्यादातर टोल प्लाजा पर कब्जा किया। उधर, जालंधर में किसानों का समर्थन कर रही सिख तालमेल कमेटी ने रिलायंस ज्वेल्स का शोरूम बंद करवा दिया।
दिल्ली-जयपुर हाईवे जाम कल
किसान आज दिल्ली-जयपुर हाईवे जाम करने वाले थे, लेकिन ये कल के लिए टल गया। किसानों के प्रदर्शन में शामिल सोशल एक्टिविस्ट योगेंद्र यादव ने सोशल मीडिया पर यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि राजस्थान और हरियाणा के किसान आज कोटपुतली और बहरोड़ में इकट्ठे हो रहे हैं। कल दिल्ली की तरफ बढ़ेंगे।