व्यापार खत्म कर पाकिस्तान ने मारी पैर पर कुल्हाड़ी, अभी और होगा नुकसान

जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने से बौखलाया पाकिस्तान भारत के साथ द्विपक्षीय व्यापार को सस्पेंड कर चुका है. पाकिस्तान सरकार के इस फैसले का असर वहां के व्यापारियों पर पड़ रहा है.

इस्लामाबाद/ नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने से बौखलाया पाकिस्तान भारत के साथ द्विपक्षीय व्यापार को सस्पेंड कर चुका है. पाकिस्तान सरकार के इस फैसले का असर वहां के व्यापारियों पर पड़ रहा है. भारत के साथ द्विपक्षीय व्यापार को रद्द  करने से पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) में पाक के कई ट्रक भारत में प्रवेश नहीं मिलने के कारण फंसे हुए हैं. ये ट्रक लाहौर, कराची और रावलपिंडी के हैं.

केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटा दिया है.  इस फैसले के विरोध में पाकिस्तान ने भारत के साथ द्विपक्षीय व्यापार रद्द करने का निर्णय लिया. इससे पहले पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान पर बड़ी कार्रवाई की थी, जिसका खामियाजा पाकिस्तान के व्यापारियों को उठाना पड़ा था.

तब पाकिस्तान के सैकड़ों ट्रक सामानों के साथ अटारी-वाघा बॉर्डर पर कई दिनों तक खड़े रहे थे. इन सभी ट्रकों को भारत आना था. कस्टम ड्यूटी में अचानक वृद्धि के कारण भारतीय आयातकों ने उनके शिपमेंट को स्वीकार करने से इनकार कर दिया था.

पाकिस्तान ने अपने पैर पर मारी कुल्हाड़ी

भारत से द्विपक्षीय व्यापार बंद कर पाकिस्तान ने अपने ही पैर पर कुल्हाड़ी मारी है. भारत से आयात किए जाने वाले सामानों पर पूरी तरह रोक लगाए जाने के बाद पाकिस्तान के बाजारों में रोजमर्रा के सामानों के दामों में आग लगी हुई है.

बढ़ती महंगाई से रोजमर्रा की जरूरतों का बजट बिगड़ गया है. सब्जियों के दामों में अचानक इजाफा हुआ है. टमाटर की कीमत 300 रुपये प्रति किलो तक पहुंच चुकी है. टमाटर के अलावा अन्य सब्जियों के दामों में इजाफे से पाकिस्तान के लोग सकते में हैं और पहले से ही महंगाई से जूझ रहे लोगों के लिए यह दोहरी मार जैसा है. इसके अलावा दूध की कीमत 100 रुपए लीटर के पार पहले ही जा चुकी है. कराची डेयरी फार्म्स एसोसिएशन ने कुछ दिन पहले ही दूध के दाम बढ़ा दिए थे.

भारत के साथ व्यापार औपचारिक रूप से निलंबित करने से पाकिस्तान को अभी और नुकसान उठाना पड़ेगा क्योंकि द्विपक्षीय व्यापार में 80 फीसदी माल भारत से पाकिस्तान जाता है, जबकि पाकिस्तान से महज 20 फीसदी माल भारत आता है.

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