कब निकलेगा करवा चौथ का चांद? जानें चंद्रोदय का सही समय

17 अक्टूबर यानी आज करवा चौथ का त्योहार है. इस दिन महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं और रात में चांद देखने के बाद अपना व्रत तोड़ती हैं. ये व्रत सूर्योदय से पहले शुरू होता है जिसे चांद निकलने तक रखा जाता है. इस बीच महिलओं को व्रत और पूजा से जुड़ी कई खाबस बातों का भी ध्यान रखना पड़ता है. आइए जानते हैं इस साल चांद कितने बजे निकलेगा.

कब निकलेगा करवा चौथ का चांद? जानें चंद्रोदय का सही समय

पूजा का शुभ मुहूर्त-

करवा चौथ की पूजा का शुभ मुहूर्त 17 अक्‍टूबर की शाम 05 बजकर 46 मिनट से शाम 07 बजकर 02 मिनट तक हैइसकी कुल अवधि 1 घंटे 16 मिनट तक की होगी.

करवा चौथ चंद्रोदय समय-
इस बार करवा चौथ का चांद रात में 8 बजकर 15 मिनट पर निकलेगा. हालांकि उत्तर भारत समते देश के अन्य राज्यों में चांद थोड़ा पहले या देरी से निकल सकता है.

करवा चौथ पर शुभ संयोग

इस बार का करवा चौथ का व्रत बेहद खास है. 70 साल बाद करवा चौथ पर इस बार शुभ संयोग बन रहा है. इस बार रोहिणी नक्षत्र के साथ मंगल का योग होना करवा चौथ को अधिक मंगलकारी बना रहा है.

ज्योतिषियों के अनुसार रोहिणी नक्षत्र और चंद्रमा में रोहिणी का योग होने से मार्कण्डेय और सत्याभामा योग इस करवा चौथ पर बन रहा है. पहली बार करवा चौथ का व्रत रखने वाली महिलाओं के लिए ये व्रत बहुत अच्छा है.

करवा चौथ में पूजन विधि-
व्रत के दिन भोर के वक्त स्नान के बाद करवा चौथ व्रत का आरंभ करें. सूर्योदय के बाद पूरे दिन निर्जला रहें. दीवार पर गेरू से फलक बनाकर पिसे चावलों के घोल से करवा चित्रित करें. आठ पूरियों की अठावरी, हलवा और पक्के पकवान बनाएं। पीली मिट्टी से गौरी बनाएं और उनकी गोद में गणेशजी बनाकर बिठाएं. शुभ मुहूर्त को ध्यान में रखकर कथा सुनें. करवा पर हाथ घुमाकर अपनी सासू मां के पैर छूकर आशीर्वाद लें और करवा उन्हें दे दें.

कैसे करें समापन?-
रात्रि में चन्द्रमा निकलने के बाद छलनी की ओट से उसे देखें और चन्द्रमा को अर्घ्य दें. पति से आशीर्वाद लें. उन्हें भोजन कराएं और स्वयं भी भोजन कर लें. पूजन के बाद अन्य महिलाओं को करवा चौथ की शुभकामनाएं देकर व्रत संपन्न करें.

करवा चौथ के व्रत के लिए जरूरी सामग्री-इस व्रत में  मिट्टी का टोंटीदार करवा और ढक्कन की जरूरत पड़ी है. इसके अलावा दीपक, सिंदूर, फूल, फल, मेवे, रूई की बत्ती, कांसे की 9 या 11 तीलियां, नमकीन, मीठी मठ्ठियां, मिठाई, रोली और अक्षत (साबुत चावल), आटे का दीपक, धूप या अगरबत्ती, पानी का तांबा या स्टील का लोटा, आठ पूरियों की अठावरी और हलवा के की जरूरत पड़ेगी.

करवा चौथ के व्रत के नियम और सावधानियां-
– केवल सुहागिन महिलाएं ही इस व्रत को रख सकती हैं.
– व्रत सूर्योदय से चंद्रोदय तक रखा जाएगा. निर्जल या केवल जल पर ही व्रत रखें.
– व्रत रखने वाली कोई भी महिला काला या सफेद वस्त्र न पहनें.
– व्रत में लाल या पीला वस्त्र पहनना शुभ माना जाता है
– आज के दिन पूर्ण श्रंगार करें
– अगर कोई महिला अस्वस्थ है तो उसके स्थान पर उसके पति यह व्रत कर सकते हैं

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