मोटर व्हीकल एक्ट: कर्नाटक में भी कम हो सकता है जुर्माना, ‘गुजरात मॉडल’ अपना सकते हैं सीएम येदुरप्पा

पश्चिम बंगाल के बाद महाराष्ट्र ने भी नए मोटर व्हीकल एक्ट को लागू करने से मना कर दिया है. महाराष्ट्र के ट्रांसपोर्ट मंत्री ने इसकी जानकारी दी. कल गुजरात ने नए मोटर व्हीकल एक्ट में जुर्माने की राशि को 50% तक कम कर दिया था.

नई दिल्ली: नए मोटर व्हीकल एक्ट पर पहले विरोधी राज्यों की बगावत झेल रही बीजेपी के अब घर से विरोधी की आवाजें सामने आने लगी हैं. पहले गुजरात ने जुर्माने की दरों को आधा कर, फिर महाराष्ट्र ने नए कानून को लागू करने से मना कर दिया. इस बीच खबर है कि कर्नाटक भी गुजरात के नक्शेकदम पर चलने को तैयार है. जानकारी के मुताबिक कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदुरप्पा ने अपने अधिकारियों को जुर्माना कम करने वाले ‘गुजरात मॉडल’ का अध्ययन करने को कहा है. माना जा रहा है कि जल्द ही कर्नाटक में भी जुर्माने की नई दरों का एलान हो सकता है.

 

पश्चिम बंगाल, एमपी, राजस्थान और केरल भी कर चुके हैं इनकार
नए मोटर व्हीकल एक्ट में जुर्माने की रकम को बहुत ज्यादा और अव्यवाहरिक बताते हुए मध्य प्रदेश, राजस्थान, केरल और पश्चिम बंगाल इसे लागू करने से इनकार कर चुके हैं. आज बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने नए कानून में जुर्माने को जनता पर बोझ बता दिया. ममता बनर्जी ने कहा, ”मैं इस मोटर व्हीकल कानून को अभी लागू नहीं कर सकती क्योंकि हमारे अधिकारियों का मानना है कि अगर हमने इसे लागू किया तो लोगों पर बोझ बनेगा.”

 

एबीपी न्यूज़ से बोले गडकरी- जुर्माना घटाने के बाद एक्सीडेंट में मौत के जिम्मेदार होंगे राज्य
इस पूरे मामले पर एबीपी न्यूज़ ने केंद्रीय ट्रांसपोर्ट मंत्री नितिन गडकरी से बात की. गडकरी ने जुर्माना कम करने वाले और कानून ना लागू करने वालों को लेकर कहा कि ऐसा करना ठीक नहीं है. गडकरी ने कहा, ”जुर्माना कम करने के बाद अगर सड़क दुर्घटना में किसी की मौत होती है तो इसके जिम्मेदार राज्य सरकार है.”

 

 

उन्होंने कहा, ”दुनिया में सड़क हादसे में सबसे ज़्यादा मौत भारत में होती हैं. सड़क दुर्घटनाओं के कारण देश को 2 फीसदी जीडीपी का नुकसान भी होता है. जुर्माना कम करने या नया कानून लागू करने या न करने के बाद सड़क दुर्घटना में अगर लोगों की मौत कम होती है तो राज्य सरकार ज़िम्मेदार है.” उन्होंने कहा कि दवाब में राज्य सरकारें, जुर्माना कम न करें, जुर्माना कम करना ठीक नहीं है. कानून के प्रति भय और सम्मान नहीं है.

 

नए मोटर व्हीकल एक्ट में किस नियम को तोड़ने पर कितना जुर्माना?
बिना हेलमेट पहले 200 रुपये लगते थे जो अब बढ़कर 1000 हो गए हैं. साथ ही तीन माह के लिए लाइसेंस निलंबित किया जाएगा. बिना लाइसेंस गाड़ी चलाने पर पहले अधिकतम 500 रुपये का जुर्माना था अब ये 5000 हो गया है. बिना इंश्योरेंस गाड़ी चलाने पर पहले जुर्माना 1000 था जो दो हजार हो गया है. पॉल्युशन सर्टिफिकेट नहीं है तो पहले मात्र 100 रुपये लगते थे अब 500 रूपये का सीधा जुर्माना लगेगा. नाबालिग द्वारा वाहन चलाने पर 25,000 रुपये जुर्माने के साथ-साथ तीन साल तक की सजा हो सकती है. इसके साथ ही वाहन का रजिस्ट्रेशन रद्द होगा और गाड़ी के मालिक और नाबालिग के अभिभावक को दोषी माना जाएगा. नाबालिग का 25 साल की उम्र तक लाइसेंस नहीं बनेगा.

बिना सीट बेल्ट गाड़ी चलाने पर पहले 100 रुपये जुर्माना था अब ये 1000 रुपये हो गया है. शराब पीकर गाड़ी चलाई तो पहले 2000 जुर्माना था अब दस हजार रूपये देना पड़ सकता है. मोबाइल पर बात करते पकड़े गए तो 1000 की जगह 5000 रुपये जुर्माना हो सकता है. ओवर स्पीड में गाड़ी चलाने पर जुर्माना 500 से बढ़कर 5 हजार हुआ. बिना परमिट गाड़ी चलाने पर पहले जुर्माना 5 हजार था जो अब 10 हजार हो गया है.

 

इमरजेंसी वाहनों को जगह ना देने पर 10 हजार रुपये जुर्माना भरना पड़ सकता है. सड़क पर गलत साइड गाड़ी चलाने पर पहले 100 रुपये जुर्माना था जो अब बढ़कर 5000 हो गया है. रेड लाइट जम्प पर पहले 100 रुपये जुर्माना था अब कम से कम 1000 रुपये देने होंगे. रेड लाइट जम्प में दूसरी बार पकड़े जाने पर 2000 से 10 हजार तक का जुर्माना लग सकता है.

 

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