कर-नाटक LIVE UPDATES: दिल्‍ली लाए गए कर्नाटक के बागी विधायक, सुप्रीम कोर्ट में दायर की याचिका

कर्नाटक विधानसभा स्पीकर ने कुमारस्वामी सरकार को हर हाल में मंगलवार शाम 6 बजे तक बहुमत साबित करने के लिए कहा है. फ्लोर टेस्ट होने तक सदन की कार्यवाही स्थगित नहीं हो पाएगी. कर्नाटक में चल रहे राजनीतिक घमासान का अंत होता नहीं दिख रहा है. पिछले 15 दिन से एचडी कुमारस्वामी सरकार पर बहुमत साबित करने का संकट है, जो लगातार टलता जा रहा है. अब स्पीकर के दावे के अनुसार मंगलवार शाम 6 बजे विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग हो सकती है. दूसरी ओर आज ये मसला सुप्रीम कोर्ट में भी उठना है.

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बेंगलुरु. कर्नाटक के बागी विधायक अब दिल्‍ली लाए गए हैं. इन्‍हें दिल्‍ली में ही किसी गुप्‍त स्‍थान पर रखा गया है. सूत्रों के मुताबिक कुछ विधायकों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी दायर की है. इससे पहले कर्नाटक कांग्रेस और जेडीएस के विधायकों को मुंबई के पांच सितारा होटल में रखा गया था.

स्पीकर रमेश कुमार ने कहा कि फ्लोर टेस्ट पर फैसला आज ही होगा, लेकिन कांग्रेस का कहना है कि बागी विधायकों के इस्तीफे पर फैसला लेने से पहले ऐसा ना किया जाए। कर्नाटक में एचडी कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली जनता दल सेक्यूलर-कांग्रेस गठबंधन सरकार की आज अग्निपरीक्षा है. कुमारस्वामी सरकार आज फ्लोर टेस्ट देगी. विधानसभा की कार्यवाही शुरू हो चुकी है. विधानसभा स्पीकर केआर रमेश कुमार ने गठबंधन सरकार को बहुमत साबित करने के लिए शाम 6 बजे तक का वक्त दिया था.


बीजेपी नेता बीएस येदियुरप्पा कर्नाटक विधानसभा पहुंच गए हैं. अब से कुछ देर बाद सदन की कार्यवाही शुरू होगी तो वहीं सुप्रीम कोर्ट में भी इस मसले को लेकर सुनवाई होनी है. विधानसभा में आज बीजेपी की तरफ से बीएस येदियुरप्पा और मधुस्वामी बोलेंगे.


उनका कहना है कि सारी प्रक्रिया तय वक्त में पूरी होगी. विधानसभा स्पीकर ने ये भी बताया कि 16 बागी विधायक अगर सदन नहीं पहुंचते हैं, तो उन्हें गैरहाजिर माना जाएगा. हालांकि काफी उठापटक के बाद भी अभी तक कोई फैसला नहीं हो सका है. विधानसभा अध्यक्ष केआर रमेश कुमार का कहना है कि फ्लोर टेस्ट पूरा होने के बाद ही सदन की कार्यवाही भंग की जाएगी.

 

कर्नाटक में आज फ्लोर टेस्ट होना है. भाजपा विधायक बस में सवार होकर विधानसभा के लिए रवाना हो गए हैं. सुबह 11 बजे सदन की शुरुआत होगी.

 

संविधान बचाओ के नारे लगा रहे कांग्रेस-जेडीएस MLA

सदन की कार्यवाही शुरू होते ही फिर से हंगामा शुरू हो गया है. विधानसभा में जैसे ही बीजेपी नेता बीएस येदियुरप्पा बोलने के लिए खड़े हुए कांग्रेस और जेडीएस विधायकों ने नारेबाजी शुरू कर दी. येदियुरप्पा ने मांग की है कि आज ही सदन में विश्वासमत की प्रक्रिया पूरी हो. इस बीच, कांग्रेस-जेडीएस के विधायक सदन में संविधान बचाओ का नारा लगा रहे हैं.

कांग्रेस-जेडीएस विधायकों का हंगामा

स्पीकर केआर रमेश कुमार से मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी की मुलाकात के बाद विधासभा की कार्यवाही फिर शुरू हुई है. कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस और जेडीएस के विधायकों ने हंगामा करना शुरू कर दिया. कांग्रेस-जेडीएस के विधायक सदन में संविधान बचाओ का नारा लगा रहे हैं. इस बीच, स्पीकर विधायकों को शांत कराने और सीट पर बैठने की कोशिश कर रहे हैं.

स्पीकर ने हर सदस्य के बोलने के लिए 10 मिनट का वक्त निर्धारित किया। उन्होंने कहा कि सभी देख रहे हैं, मुझे बलि का बकरा मत बनाओ। हमें अपने लक्ष्य तक पहुंचना चाहिए। जेडीएस-कांग्रेस विधायकों ने मांग की कि उन्हें बहस के लिए और समय दिया जाए। इस दौरान थोड़ी देर के लिए सदन को स्थगित करना पड़ा। इससे पहले विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने से पहले स्पीकर ने अयोग्यता के मुद्दे पर 15 बागी विधायकों को नोटिस जारी किया। स्पीकर ने विधायकों को 23 जुलाई को 11 बजे तक अपने ऑफिस में बुलाया।

 

 

कार्यवाही के दौरान स्पीकर ने कहा, ”आज मैं एक आदेश पारित करूंगा। सुप्रीम कोर्ट का आदेश समझने में देरी हुई। सभी सदस्य सदन में गरिमा बनाए रखें। यहां समय बर्बाद करने से विधानसभा, स्पीकर और विधायकों की छवि धूमिल होती है।” कुमारस्वामी के विश्वास मत प्रस्ताव पर गुरुवार और शुक्रवार को विधानसभा में चर्चा हो चुकी है।
स्पीकर पहले इस्तीफों पर फैसला लें- कांग्रेस

कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार ने कहा- भाजपा कुर्सी चाहती है तो इसे स्वीकार क्यों नहीं कर रही? वे ऑपरेशन लोटस की बात क्यों नहीं मान रहे हैं? उन्हें बागी विधायकों के संपर्क में होने की बात स्वीकार करनी चाहिए।कांग्रेस विधायक कृष्णा बायरे गौड़ा ने कहा- हम असाधारण परिस्थितियों में हैं। मैं स्पीकर से अपील करता हूं कि विश्वास मत के लिए वोटिंगे से पहले वह इस्तीफों पर फैसला लें।

निर्दलीय विधायकों की याचिका पर जल्द सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट का इनकार
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने दो निर्दलीय विधायकों की याचिका पर जल्द सुनवाई से इनकार कर दिया। रविवार को कांग्रेस-जेडीएस सरकार से  समर्थन वापस लेने वाले दो निर्दलीय विधायकों ने सुप्रीम कोर्ट से मांग की थी कि सोमवार शाम 5 बजे तक फ्लोर टेस्ट कराने का आदेश दें। दूसरी ओर, राज्य के इकलौते बसपा विधायक एन महेश को पार्टी प्रमुख मायावती ने कुमारस्वामी के पक्ष में समर्थन करने के निर्देश दिए। इससे पहले एन महेश ने कहा था कि वे फ्लोर टेस्ट के दौरान तटस्थ रहेंगे। हालांकि, विश्वास मत प्रस्ताव पर बहस के दौरान भी बसपा विधायक सदन में गैर हाजिर थे।

आज कुमारस्वामी सरकार का आखिरी दिन: येदियुरप्पा

रविवार को मुख्यमंत्री कुमारस्वामी ने कांग्रेस-जेडीएस विधायकों के साथ ताज होटल में बैठक की। मुख्यमंत्री कुमारस्वामी ने भाजपा पर हमला करते हुए कहा कि यह देश में अनैतिक राजनीति का नया बेंचमार्क है। उधर, भाजपा नेता बीएस येदियुरप्पा ने फिर से कहा कि सोमवार को गठबंधन सरकार का आखिरी दिन होगा। उधर, मुंबई में मौजूद बागी विधायकों ने कहा, ”हम यहां सिर्फ गठबंधन (कांग्रेस-जेडीएस) सरकार को सबक सिखाने के लिए आए हैं। इसके अलावा कोई दूसरा मकसद नहीं है। हम यहां पैसे या किसी दूसरी चीज के लालच में नहीं आए। एक बार सबकुछ ठीक हो जाए, फिर बेंगलुरु लौट जाएंगे।”

कुमारस्वामी ने राज्यपाल की दो डेडलाइन नजरअंदाज कीं
राज्यपाल वजुभाई वाला ने कुमारस्वामी को बहुमत साबित करने के लिए शुक्रवार दोपहर 1.30 बजे और फिर शाम 6 बजे तक की डेडलाइन दी थी। लेकिन मुख्यमंत्री ने इस दिन विश्वास मत साबित नहीं किया। कुमारस्वामी ने शुक्रवार को कहा था, ”मेरे मन में राज्यपाल के लिए सम्मान है, लेकिन उनके दूसरे प्रेम पत्र ने मुझे आहत किया। मैं फ्लोर टेस्ट का फैसला स्पीकर पर छोड़ता हूं। मैं दिल्ली द्वारा निर्देशित नहीं हो सकता। मैं स्पीकर से अपील करता हूं कि राज्यपाल की ओर से भेजे गए पत्र से मेरी रक्षा करें।”

गठबंधन सरकार गिराने का माहौल बनाया जा रहा: कुमारस्वामी
मुख्यमंत्री ने येदियुरप्पा के निजी सचिव पीए संतोष के साथ निर्दलीय विधायक एच नागेश की फोटो दिखाते हुए कहा था, ”क्या वाकई उन्हें विधायकों की खरीद-फरोख्त के बारे में 10 दिन पहले ही पता चला? जब से कांग्रेस-जेडीएस सरकार बनी, इसे गिराने के लिए माहौल बनाया जा रहा है। मुझे पहले दिन से पता था कि सत्ता ज्यादा नहीं चलेगी, देखता हूं भाजपा कितने दिन सरकार चला पाएगी? मुद्दे पर बहस होने दीजिए। आप (भाजपा) अभी भी सरकार बना सकते हैं। कोई जल्दी नहीं है। आप सोमवार या मंगलवार को भी सरकार बना सकते हैं। मैं अपने अधिकारों का गलत इस्तेमाल नहीं करूंगा। पहले राजनीतिक संकट पर चर्चा होगी, इसके बाद फ्लोर टेस्ट।”

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ कांग्रेस ने दायर की याचिका
कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है, इसमें शीर्ष अदालत के 17 जुलाई के फैसले को चुनौती दी गई। दरअसल, कोर्ट ने 17 जुलाई को कहा था कि 15 बागी विधायकों को सदन की कार्यवाही का हिस्सा बनने के लिए बाध्य न किया जाए। इन विधायकों पर व्हिप लागू नहीं होगी। कर्नाटक कांग्रेस के प्रमुख दिनेश गुंडू राव ने याचिका दायर कर कोर्ट से फैसले पर स्पष्टीकरण की मांग की। इसमें कहा गया है कि कोर्ट का आदेश व्हिप जारी करने के पार्टी के अधिकार को प्रभावित करता है।

जेडीएस ने विधायकों के लिए व्हिप जारी किया था
मुख्यमंत्री कुमारस्वामी ने जेडीएस के सभी 37 विधायकों को सदन में मौजूद रहने के लिए व्हिप जारी किया था। इनमें उनकी पार्टी के तीन बागी विधायक नारायण गौड़ा, गोपालैया और एच विश्वनाथ भी शामिल हैं। जेडीएस ने कहा है कि अगर विधायक गैर-मौजूद रहते हैं या विश्वास मत के खिलाफ वोटिंग करते हैं तो दल बदल कानून के तहत उन्हें अयोग्य ठहराने की कार्रवाई की जाएगी। जबकि, इस्तीफा देने वाले कांग्रेस विधायक रामलिंगा रेड्डी ने कहा कि वह पार्टी में हैं और सरकार के पक्ष में वोटिंग करेंगे।

कांग्रेस के 13 और जेडीएस के 3 विधायकों ने दिया इस्तीफा
उमेश कामतल्ली, बीसी पाटिल, रमेश जारकिहोली, शिवाराम हेब्बर, एच विश्वनाथ, गोपालैया, बी बस्वराज, नारायण गौड़ा, मुनिरत्ना, एसटी सोमाशेखरा, प्रताप गौड़ा पाटिल, मुनिरत्ना और आनंद सिंह इस्तीफा सौंप चुके हैं। वहीं, कांग्रेस के निलंबित विधायक रोशन बेग ने भी इस्तीफा दे दिया। 10 जून को के सुधाकर, एमटीबी नागराज ने इस्तीफा दे दिया था।

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