आज 6 बजे शपथ लेंगे येदियुरप्पा, क्या CM बनने के बाद 7 दिन में बहुमत साबित कर पाएंगे येदियुरप्पा?
कर्नाटक में आज एक बार फिर नई सरकार बनने जा रही है. भारतीय जनता पार्टी के नेता और तीन बार राज्य के मुख्यमंत्री रह चुके बीएस येदियुरप्पा एक बार फिर CM बनने जा रहे हैं. बीएस येदियुरप्पा आज शाम 6 बजे राजभवन में शपथ लेंगे. शुक्रवार सुबह उन्होंने राज्यपाल से मिल सरकार बनाने का दावा पेश किया. बीजेपी सांसद शोभा ने ट्वीट कर जानकारी दी है कि बीजेपी प्रमुख अमित शाह और कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा के निर्देश पर बीएस येदियुरप्पा ने सरकार बनाने का दावा पेश किया.
बेंगलुरु: कर्नाटक की राजनीति से बहुत बड़ी खबर सामने आई है. बीएस येदियुरप्पा राज्यपाल वजुभाई वाला से मिल पेश किया सरकार बनाने का दावा. सूत्रों के मुताबिक येदियुरप्पा शाम छह बजे शपथ ले सकते हैं. बीएस येदियुरप्पा आज शाम 6 बजे ही मुख्यमंत्री पद की शपथ ले लेंगे.
BJP's BS Yeddyurappa will have to prove majority in the assembly by July 31. #Karnataka https://t.co/FXI9PI6PF2
— ANI (@ANI) July 26, 2019
उन्हें विधानसभा में अपना बहुमत साबित करने के लिए 7 दिन का समय मिलेगा. यानी 7 दिन के अंदर बीएस येदियुरप्पा कभी भी बहुमत साबित कर सकते हैं.येदुरप्पा को लेकर पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने बड़ा बयान दिया है, शाह ने कहा है कि येदियुरप्पा की सीएम पद के उम्मीदवार होंगे. खबर है कि 3.30 बजे बीजेपी कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए इसका औपचारिक एलान करेंगे.
Under the instructions of Sri @AmitShah Ji & Sri @JPNadda Ji, Sri @BSYBJP ji will take oath as CM of Karnataka today at 6:00 PM.
A new dawn for Karnataka. Congratulations to all the karyakartas & supporters who made this possible. pic.twitter.com/Te5gXG8uqz
— Shobha Karandlaje (@ShobhaBJP) July 26, 2019
कल स्पीकर की ओर से दो कांग्रेस और एक निर्दलीय विधायक को बर्खास्त करने के फैलसे को मास्टर स्ट्रोक के तौर पर देखा जा रहा था. इसे येदियुरप्पा के सीएम बनने की राह में कहीं ना कहीं एक रोड़े के रूप में देखा जा रहा था. लेकिन अब येदियुरप्पा स्पीकर के फैसले के बावजूद राजभवन पहुंच कर सरकार बनाने का दावा पेश करने वाले हैं.
तीन विधायकों को अयोग्य करार देने के स्पीकर के फैसले को कांग्रेस के बाकी बागी विधायकों को वापस बुलाने के मौके के तौर पर देखा जा रहा है. येदियुरप्पा के इस फैसले के बाद बड़ा सवाल खड़ा हो गया कि अगर कांग्रेस व्हिप जारी करती हे तो सभी विधायकों को सदन में मौजूद रहना पड़ेगा और पक्ष में ही वोट करना होगा. ऐसे में येदियुरप्पा किस तरह फ्लोर टेस्ट में बहुमत साबित कर पाएंगे?
बता दें कि पहले खबर आई थी कि पार्टी हाईकमान से ग्रीन सिग्नल के बिना ही येदियुरप्पा सरकार बनाने का दावा पेश करने वाले हैं. इसे येदियुरप्पा के बागवती तेवर के तौर पर देखा जा रहा था. दरअसल गुरुवार को दिल्ली में कर्नाटक के नेताओं ने बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात की थी. जानकारी के मुताबिक अमित शाह के साथ मीटिंग इस बात का फैसला नहीं हो सका कि गर्वनर के पास दावा पेश करने के लिए कब जाना है. अमित शाह ने बागी विधायकों पर स्पीकर के फैसले आऩे तक इंतजार करने को कहा था.
कल कर्नाटक में क्या हुआ?
कर्नाटक विधानसभा के अध्यक्ष केआर रमेश कुमार ने कांग्रेस के दो बागी विधायकों रमेश जरकिहोली और महेश कुमातल्ली को अयोग्य घोषित कर दिया है. इन दोनों विधायकों को 2023 में मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल खत्म होने तक अयोग्य घोषित किया गया है. इनके अलावा कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष रमेश कुमार ने निर्दलीय विधायक आर. शंकर को भी 2023 में उनका कार्यकाल समाप्त होने तक सदन की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया.
स्पीकर ने मुताबिक अगले कुछ दिनों में बाकी 14 बागी विधायकों के इस्तीफे पर फैसला लिया जाएगा. स्पीकर ने यह भी कहा कि बागी विधायकों को उनके समक्ष उपस्थित होने का अब और मौका नहीं मिलेगा और अब यह अध्याय बंद हो चुका है. उन्होंने कहा, ‘कानून सबके लिये समान है. चाहे वह मजदूर हो या भारत का राष्ट्रपति.’
क्या CM बनने के बाद बहुमत साबित कर पाएंगे येदियुरप्पा?
बीएस येदियुरप्पा चौथी बार आज कर्नाटक के मुख्यमंत्री बनेंगे. शाम 6 बजे वो शपथ लेने वाले हैं. इसके बाद 31 जुलाई को उन्हें बहुमत साबित करना होगा. लेकिन लाख टके का सवाल ये है कि क्या वो बहुमत साबित कर पाएंगे. बीजेपी दावा कर रही है कि आंकड़े उनके पक्ष में है. लेकिन कानूनी दांव पेंच और स्पीकर ने मामले को पेंचीदा बना दिया है. ऐसा लग रहा है कि येदियुरप्पा के लिए बहुमत साबित करना मुश्किल चुनौती होगी.
स्पीकर ने फंसाया पेंच
स्पीकर के.आर. रमेश ने मामले को पेंचीदा बना दिया है. उन्होंने गुरुवार को कांग्रेस के तीन विधायकों को दलबदल कानून के तहत अयोग्य घोषित कर दिया है. ये तीनों अब अगले विधानसभा चुनाव यानी साल 2023 से पहले चुनाव नहीं लड़ सकते. अगर स्पीकर बाक़ी बचे 14 विधायकों को डिसक्वालीफाई नहीं करते हैं तो फिर येदुरप्पा के लिए मुश्किलें खड़ी हो जाएंगी.
अभी तक सिर्फ तीन विधायकों को अयोग्य ठहराया गया है. अगर बाक़ी बचे विधायकों को भी डिसक्वालीफाई कर दिया जाता है तो फिर विधानसभा में कुल विधायकों की संख्या 224 से घट कर 205 पर पहुंच जाएगी. ऐसे में 105 विधायकों के साथ बीजेपी बड़े आराम से बहुमत साबित कर देगी.
अगर ऐसा नहीं हुआ तो
अगर स्पीकर बाकी बचे विधायकों को डिसक्वालीफाई नहीं करते हैं तो फिर बहुमत साबित करने के लिए 110 या 111 सदस्यों की जरूरत पड़ेगी. ऐसे में बीजेपी के लिए सरकार बनाना आसान नहीं होगा. उन्हें कम से कम 6 विधायकों को अपने पाले में करना होगा. बीजेपी सरकार बनाने के लिए मुंबई से इन विधायकों को वापस ला सकती है. लेकिन उन्हें इस बात का डर सता रहा है कि ये विधायक एक बार फिर से कांग्रेस और जेडीएस में वापसी न कर लें. ऐसे में एक बार फिर से राज्य में राजनीतिक अस्थिरता का दौर शुरू हो जाएगा. पिछले साल मुख्यमंत्री बनने के बाद येदियुरप्पा बहुमत साबित नहीं कर पाए थे. बाद में उन्हें इस्तीफा देना पड़ा था.
मंत्रिमंडल को लेकर माथापच्ची
बीजेपी के लिए मंत्रिमंडल तैयार करना भी मुश्किल चुनौती होगी. 34 विधायकों को कैबिनेट में जगह मिल सकती है. इन पदों के लिए बीजेपी में करीब 60 दावेदार हैं. इसके अलावा 10 बागी विधायकों को भी मंत्रिमंडल में शामिल करना होगा. ऐसे में पार्टी के कई सीनियर नेता नाराज हो सकते हैं.
6 वोट से हार गए थे कुमारस्वामी
3 जुलाई को विधानसभा में हुए शक्ति-परीक्षण में कुमारस्वामी सरकार अल्पमत में आ गई थी. कुमारस्वामी द्वारा पेश विश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 99 और विरोध में 105 वोट पड़े थे.