कानपुर शूटआउटः विकास दुबे के मुखबिर होने के शक में दारोगा विनय तिवारी हिरासत में
पांच लाख के इनामी बदमाश विकास दुबे के लिए मुखबिरी करने के आरोप में चौबेपुर पुलिस स्टेशन के निलंबित एसओ विनय तिवारी को हिरासत में ले लिया गया है. विनय तिवारी से आज एसटीएफ की टीम पूछताछ कर रही है.
कानपुर. पांच लाख के इनामी बदमाश विकास दुबे के लिए मुखबिरी करने के आरोप में चौबेपुर पुलिस स्टेशन के निलंबित एसओ विनय तिवारी को हिरासत में ले लिया गया है. विनय तिवारी से आज एसटीएफ की टीम पूछताछ कर रही थी. पूछताछ के बाद विनय तिवारी को हिरासत में ले लिया गया है.
इसके साथ ही तत्कालीन चौकी इंचार्ज केके शर्मा से भी पूछताछ की जा रही है. केके शर्मा पर भी मुखबिरी का आरोप है. सूत्रों का कहना है कि सभी आरोपियों को जल्द गिरफ्तार किया जा सकता है. पुलिस की टीम विकास दुबे के सभी मददगारों के कॉल डिटेल खंगाल रही है. इस मामले में पूरे चौबेपुर थाने को लाइन हाजिर किया जा चुका है.
विनय तिवारी पर क्यों हुआ शक?
गौरतलब है कि शहीद सीओ देवेंद्र मिश्रा का कथित लेटर वायरल हो रहा है, जिसमें उन्होंने चौबेपुर के तत्कालीन एसओ विनय तिवारी और बदमाश विकास दुबे के बीच मिलीभगत की शिकायत तत्कालीन एसएसपी अनंत देव से की थी. शहीद सीओ के वायरल लेटर के सामने आने के बाद मुखबिरी के शक की सबसे पहले सुई एसओ विनय तिवारी पर गई थी.
जब पुलिस टीम बिकारू जा रही थी, तभी एसओ विनय तिवारी ने फोन करके लाईट कटवाया था. तमाम आरोप के बाद विनय तिवारी को सस्पेंड कर दिया गया था. इसके बाद चौबेपुर थाने के दो दारोगा और एक सिपाही को भी सस्पेंड किया गया था. सभी से पूछताछ की जा रही है.
शहीद सीओ ने अपने खत में क्या लिखा
शहीद सीओ देवेंद्र मिश्रा ने अपने कथित खत में लिखा था कि विकास दुबे पर करीब 150 संगीन मुकदमे दर्ज हैं. 13 मार्च को इसी विकास दुबे के खिलाफ चौबेपुर थाना में एक मुकदमा दर्ज हुआ था, जो आईपीसी की धारा 386 के तहत दर्ज हुआ था. मामला एक्सटार्शन का था. इसमें दस साल तक की सजा का प्रावधान है और ये एक गैर जमानती अपराध है.
इस पत्र में शहीद सीओ देवेंद्र मिश्र ने साफ-साफ लिखा था कि थानाध्यक्ष विनय तिवारी का विकास दुबे के पास आना-जाना और बातचीत बनी हुई है. इतना ही नहीं सीओ साहब ने चार महीने पहले ही आगाह कर दिया था कि अगर थानाध्यक्ष अपने काम करने के तरीके नहीं बदलते तो गंभीर घटना घट सकती है.