J-K: अनंतनाग में आतंक पर अटैक, सुरक्षाबलों ने एक आतंकी को किया ढेर, ऑपरेशन जारी

जम्मू कश्मीर के अनंतनाग में सुबह तड़के से सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ जारी है. अनंतनाग जिले के नौगाम शाहबाद में सुरक्षाबलों ने 2 से 3 आतंकियों को घेर लिया है. इनमें से एक को मार गिराया है.

जम्मू कश्मीर के अनंतनाग में सुबह तड़के से सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ जारी है. अनंतनाग जिले के नौगाम शाहबाद में सुरक्षाबलों ने 2 से 3 आतंकियों को घेर लिया है. बताया जा रहा है कि इनमें से एक आतंकी को सुरक्षाबलों ने मार गिराया है. हालांकि, अभी तक उसका शव बरामद नहीं हो सका है.

इसमें दोनों तरफ से फायरिंग जारी है. इलाके में आतंकियों के छिपे होने की आशंका पर सुरक्षाबलों की ज्वाइंट टीम ने ऑपरेशन शुरू कर इलाके को घेर लिया है. सुरक्षाबलों को 2 से 3 आतंकियों के छिपे होने की जानकारी मिली थी. फिलहाल मुठभेड़ जारी है.

पांच महीने में 103 आतंकी ढेर, पाकिस्तान ने 1170 बार सीजफायर का उल्लंघन किया: रिपोर्ट

बता दें कि इस साल जम्मू और कश्मीर में भारतीय सुरक्षाबलों ने 6 जून तक 100 से ज्यादा आतंकियों को ढेर किया है. सेना से जुड़े हुए सूत्रों ने इस बात की जानकारी दी है. न्यूज एजेंसी एएनआई ने 2019 में सुरक्षाबलों ने अब तक 103 आतंकियों को मार गिराया है, वहीं साल 2018 में 254  आतंकियों का खात्मा किया गया था. वहीं, पाकिस्तान ने 6 जून तक 1,170 बार संघर्ष विराम का उल्लंघन किया जबकि 2018 में 1,629 बार पाकिस्तान ने सीजफायर का उल्लंघन किया था.

भारतीय सुरक्षाबलों ने 2019 में (जनवरी से 6 जून तक) करीब पांच महीनों में जम्मू-कश्मीर में 103 आतंकियों को मार गिराया। वहीं, इस दौरान पाकिस्तान ने 1,170 बार सीजफायर का उल्लंघन किया। न्यूज एजेंसी ने रक्षा विभाग के सूत्रों के हवाले से बताया कि 2018 में भारतीय सुरक्षाबलों के द्वारा मारे गए आतंकियों की संख्या 254 थी। इस दौरान पाकिस्तान ने 1,629 बार सीजफायर उल्लंघन किया था।

12 दिसंबर 2018 को गृह मंत्रालय ने बताया था कि राज्य में आतंकी घटनाएं दोगुनी हुई हैं। सुरक्षाबलों ने 2 दिसंबर 2018 तक 238 आतंकी गतिविधियों को नाकाम किया था। हालांकि, आतंकियों के साथ मुठभेड़ और हमलों में 86 जवान और 37 नागरिकों की जान गई थी। 2017 में ऑपरेशन ऑलआउट चलाया गया था। इसके अंतर्गत 329 आतंकी गतिविधियों को नाकाम किया गया था। 200 आतंकी मारे गए, जबकि 74 जवान और 36 नागरिकों को भी जान गंवानी पड़ी।

2016 में हिजबुल कमांडर बुरहान वानी समेत 150 आतंकियों को ढेर किया गया था। इस दौरान 82 जवान और 15 आम नागरिकों की जान गई थी।

‘युवाओं को आतंकी बनने से रोकने के लिए बेहतर उपाय तलाशने होंगे’
हाल ही में सेना के अफसरों बताया था कि मार्च से 31 मई 2019 तक 50 युवा विभिन्न आतंकी संगठनों में शामिल हो चुके हैं। बड़ी संख्या में स्थानीय युवाओं का आतंकी संगठनों से जुड़ना चिंता का विषय है। अफसरों के मुताबिक, हमें सुरक्षा बनाए रखने के लिए और युवाओं को आतंकी बनने से रोकने के लिए बेहतर उपाय तलाशने होंगे। युवाओं को कट्टरता के रास्ते पर जाने से रोकने के लिए उनके परिवारों को भी शिक्षित करना होगा।

Leave A Reply

Your email address will not be published.