जम्मू: जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद पहली बार जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के संयुक्त हाई कोर्ट ने रिक्त पदों की भर्ती के लिए किसी भी भारतीय नागरिक से आवेदन मांगा है. जम्मू-कश्मीर सरकार की नौकरियों के लिए देश भर के नागरिकों के दरवाजे खोलने से नाराज़ नेशनल कांफ्रेंस ने इन नौकरियों को केंद्र शासित प्रदेश के युवाओं के लिए आरक्षित करने की मांग की है. दरअसल, जम्मू-कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद सर्विस रूल्स में बदलाव किया गया है और अब नए सर्विस रूल्स के तहत देश का कोई भी नागरिक यहां पर सरकारी नौकरी के लिए आवेदन कर सकता है.
हालांकि, बीजेपी समेत कई दल जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के नागरिकों को यहां की सरकारी नौकरियों में आरक्षण देने की मांग उठाते रहे हैं. लेकिन अब जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के संयुक्त हाई कोर्ट की नौकरियों के लिए दिए गए विज्ञापन से यह साफ हो गया है अब जम्मू-कश्मीर सरकार में नौकरी के लिए देश का कोई भी नागरिक आवेदन कर सकता है.
जम्मू-कश्मीर प्रशासन द्वारा उठाए गए इस कदम का नेशनल कांफ्रेंस ने विरोध किया है. नेशनल कांफ्रेंस के प्रांतीय प्रधान देवेंद्र सिंह राणा ने कहा, ”जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लोगों को नौकरियों में आरक्षण मिलना चाहिए क्योंकि हाल के समय में जम्मू-कश्मीर में बेरोजगारी कई गुना बढ़ गई है.” उन्होंने कहा कि ”जम्मू-कश्मीर सरकार में सभी नौकरियों को जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के पढ़े-लिखे बेरोजगार युवाओं के लिए आरक्षित किया जाना चाहिए.”
देवेंद्र सिंह राणा ने कहा कि ”जम्मू-कश्मीर में पढ़े-लिखे युवकों के लिए नौकरियों के सीमित साधन हैं और इन युवाओं के लिए फास्ट ट्रैक भर्ती की प्रक्रिया शुरू की जानी चाहिए.” उन्होंने कहा कि ”इन युवाओं के लिए यह प्रक्रिया पहले से नामांकित एजेंसी द्वारा की जानी चाहिए जिससे बेरोजगारी का स्तर गिर सके.” उन्होंने जम्मू-कश्मीर के दूरदराज इलाकों में भी ऐसी प्रक्रिया शुरू करनी की बात भी कही.