Jet Airways के बंद होने से बाकी एयरलाइन की हो रही चांदी, ये है खास वजह
civil aviation: जेट एयरवेज के बंद होने से अत्यधिक मूल्य-संवेदनशील विमानन बाजार में उसके प्रतिद्वंद्वियों को फायदा हो रहा है, जो कि अपने एयरलाइन की परिचालन लागत को पूरा करने के लिए किराए में बढ़ोतरी कर पा रहे हैं.
नई दिल्ली। किसी कंपनी का बंद होना कभी भी सुखद नहीं होता है, लेकिन जेट एयरवेज के बंद होने से अत्यधिक मूल्य-संवेदनशील विमानन बाजार में उसके प्रतिद्वंद्वियों को फायदा हो रहा है, जो कि अपने एयरलाइन की परिचालन लागत को पूरा करने के लिए किराए में बढ़ोतरी कर पा रहे हैं. हालांकि इसका आगे चलकर उद्योग पर क्या असर होगा, इस बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता. लेकिन इससे कंपनी के कर्मचारियों, यात्रियों और कर्जदाताओं को कठिनाई हुई है.
जाहिर है, विमानन कंपनियों की चौथी तिमाही के परिणाम उन्हें मिल रहे फायदों की पुष्टि कर रहे हैं. पिछली कई तिमाहियों से कमजोर प्रदर्शन कर रही स्पाइसजेट और इंडिगो ने चौथी तिमाही में मजबूत प्रदर्शन किया है और यात्रियों की अच्छी संख्या हासिल की है. आईसीआरए के कॉर्पोरेट सेक्टर रेटिंग्स के सह-प्रमुख किजल शाह ने बताया, “भारतीय विमानन उद्योग का प्रमुख मुद्दा गहन प्रतिस्पर्धा के कारण बढ़ती इनपुट लागत का भार ग्राहकों पर डालने में असमर्थता है.”
उन्होंने कहा, “हालांकि, फरवरी 2019 से जेट एयरवेज का परिचालन प्रभावित होने और 18 अप्रैल 2019 से पूरी तरह से बंद होने से उद्योग की 14 फीसदी क्षमता प्रभावित हुई है. इसके कारण वित्त वर्ष 2019 की चौथी तिमाही में हवाई किराए में 30-40 फीसदी की महत्वपूर्ण तेजी आई, जिससे इस तिमाही में अन्य एयरलाइंस को फायदा हुआ.”
शाह ने कहा, “मांग और आपूर्ति में अल्पकालिक अंतर के कारण हवाई किरायों में तेज वृद्धि हुई और वे उच्च उपयोग के कारण उच्च बने रहने की उम्मीद कर रहे हैं.” ए. टी. कीयरनी के ट्रांसपोर्टेशन और ऑटोमोटिव के प्रिंसिपल अंशुमन सिंहा के मुताबिक पैसेंजर लोड फैक्टर कुछ समय से 85 फीसदी से अधिक हो गया है. सिन्हा ने कहा, “इसका कारण वर्तमान में मांग-आपूर्ति की स्थिति है और विमानन उद्योग लाभ कमाना या घाटा कम करना जारी रखेगा.”
वित्त वर्ष 2018-19 की चौथी तिमाही में इंडिगो के मुनाफे में 401.2 फीसदी की वृद्धि हुई, जोकि 589.6 करोड़ रुपये रही, जबकि एक साल पहले की समान अवधि में यह 117.6 करोड़ रुपये थी. इसी प्रकार से समीक्षाधीन अवधि में स्पाइसजेट के मुनाफे में 22 फीसदी की तेजी दर्ज की गई, जोकि 56.3 करोड़ रुपये रही, जबकि वित्त वर्ष 2017-18 की समान तिमाही में कंपनी ने 46.2 करोड़ रुपये का मुनाफा दर्ज किया था.