14 से 20 जुलाई तक का समय खगोल विज्ञान के लिहाज से बहुत खास रहने वाला है। इन सात दिनों में 3 बड़ी खगोलीय घटनाएं हो रही हैं। 14 जुलाई की रात सूर्य और गुरु के बीच पृथ्वी आ जाएगी। इसे जुपिटर एट अपोजिशन कहा जाता है। 2020 से पहले ये घटना 2000 में हुई थी। आगे 2040 में फिर ये स्थिति बनेगी।
भोपाल की विज्ञान प्रसारक और इस क्षेत्र में नेशनल अवार्ड प्राप्त सारिका घारू ने बताया कि जब पृथ्वी किसी अन्य ग्रह और सूर्य के बीच एक सीधी रेखा में आ जाती है तो इसे अपोजिशन कहते हैं। पृथ्वी 365 दिन में सूर्य की परिक्रमा करती है और इस एक साल में सभी ग्रहों के साथ पृथ्वी की ऐसी स्थिति बनती है। लेकिन, सिर्फ सात दिनों में तीन ग्रह गुरु, शनि और प्लूटो के साथ ये स्थिति बनना दुर्लभ संयोग है।
14 जुलाई की रात सूर्य, पृथ्वी और गुरु होंगे एक लाइन में
14 जुलाई को दिन में 1.16 बजे के बाद गुरु यानी बृहस्पति, पृथ्वी और सूर्य, ये तीनों ग्रह लाइन में होंगे। पृथ्वी इन दो ग्रहों के बीच में होगी। शाम को जब सूर्य अस्त हो रहा होगा, तब 7.43 बजे पूर्व दिशा में जुपिटर यानी बृहस्पति उदित दिखाई देगा। रात में 12.28 बजे गुरु ग्रह पृथ्वी सबसे पास होगा। किसी बाइनाकुलर की मदद से गुरु ग्रह को उसके चार चंद्र के साथ देखा जा सकेगा। 15 जुलाई की सुबह 5.09 बजे ये ग्रह दिखना बंद हो जाएगा।
16 जुलाई की सुबह सूर्य और प्लूटो की बीच पृथ्वी आ जाएगी। इस दिन सुबह 7.47 बजे ये घटना देखी जा सकेगी। तीनों ग्रह एक लाइन में होंगे।
20 जुलाई की रात सेटर्न एट अपोजिशन
20-21 जुलाई की मध्यरात्रि में 3.44 बजे सूर्य और रिंग वाले ग्रह शनि के बीच पृथ्वी एक सीध में आ जाएगी। 2000 में भी गुरु और शनि की ये स्थिति बनी थी। उस समय 19 नवंबर को सेटर्न एट अपोजिशन की घटना हुई थी और 28 नवंबर को जुपिटर एट अपोजिशन हुआ था। तब इन घटनाओं में 9 दिनों का अंतर था। आगे 2040 में ये घटनाएं फिर से होंगी।