राजीव सिंह नाम के एक ट्विटर यूजर ने लिखा ” मैं बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व से आग्रह करता हूं कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जिस तरह से आरएसएस के सभी शाखाओं के लिए जांच का आदेश दिया है. इस अपमान के लिए गठबंधन खत्म किया जाए ताकि कार्यकर्ताओं का मनोबल ऊंचा रहे. जय बीजेपी.” गिरिराज सिंह ने इस ट्वीट को रिट्वीट किया. इससे साफ है कि बेशक गिरिराज सीधे नीतीश पर हमलरा न बोल रहे हो लेकिन ट्विटर के ज़रिए गिरिराज अपने समर्थकों को यह बता रहे हैं कि वो उनकी भावनाओं के साथ हैं.
आखिर क्या है चिट्ठी विवाद?
दरअसल 28 मई को पटना के एसपी (स्पेशल ब्रांच) ने डिप्टी एसपी (स्पेशल ब्रांच) को एक चिट्ठी लिखी थी. इसमें कहा गया था कि आरएसएस और उससे जुड़े 19 सहयोगी सगंठनों के पदाधिकारियों का नाम, पता, फोन नंबर और पेशे का ब्यौरा एक हफ्ते के अंदर जुटाया जाए. पदाधिकारियों में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव, कोषाध्यक्ष या संयुक्त सचिव और ऐसे ही दूसरे पदभार संभाल रहे लोगों का ब्यौरा मांगा गया.
इस चिट्ठी में आरएसएस के अलावा विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल, हिंदू जागरण समिति, मुस्लिम राष्ट्रीय मंच, हिंदू राष्ट्र सेना, राष्ट्रीय सेविका समिति, शिक्षा भारती, दुर्गा वाहिनी, स्वदेशी जागरण मंच, भारतीय किसान संघ, भारतीय मजदूर संघ, भारतीय रेलवे संघ, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, अखिल भारतीय शिक्षक महासंघ, हिंदू महासभा, हिंदू युवा वाहिनी और हिंदू पुत्र संगठन का नाम शामिल हैं.