संसद की सिफारिश पर जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म, राष्ट्रपति ने लगाई मुहर

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अनुच्छेद 370 के एक खंड को छोड़कर बाकी सभी खंडों को समाप्त करने की अधिसूचना पर दस्तखत कर दिया है. संसद की सिफारिश पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने यह फैसला लिया.

 

नई दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अनुच्छेद 370 के एक खंड को छोड़कर बाकी सभी खंडों को समाप्त करने की अधिसूचना पर दस्तखत कर दिया है. संसद की सिफारिश पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने यह फैसला लिया. इसके साथ ही मंगलवार से ही जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त हो गया. अब केंद्र सरकार के सारे कानून जम्मू-कश्मीर में भी लागू होंगे.

 

goi_080719092010.png


बता दें, नरेंद्र मोदी सरकार ने सोमवार को राज्यसभा और मंगलवार को लोकसभा से अनुच्छेद 370 को पंगू बनाने की राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से सिफारिश की थी. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने संसद में कहा था कि जम्मू-कश्मीर के विकास में धारा 370 रोड़ा है.

अनुच्छेद-370 हटने से जम्मू कश्मीर में ये बदलाव होंगे

जम्मू कश्मीर राज्य में संविधान का अनुच्छेद-370 लागू था. इस कारण राष्ट्रपति के पास राज्य सरकार को बर्खास्त करने का अधिकार नहीं था. यानी वहां राष्ट्रपति शासन नहीं, बल्कि राज्यपाल शासन लगता था. अब वहां राष्ट्रपति शासन लग सकेगा.भारतीय संविधान की धारा 360 के तहत देश में वित्तीय आपातकाल लगाने का प्रावधान है. वो भी जम्मू कश्मीर पर लागू नहीं होता था. अब यहां वित्तीय आपातकाल लागू हो सकेगा.जम्मू कश्मीर की विधानसभा का कार्यकाल 6 वर्षों का होता था, जबकि भारत के अन्य राज्यों की विधानसभाओं का कार्यकाल 5 वर्ष का होता है.

अनुच्छेद-370 हटने के बाद यहां भी विधानसभा का कार्यकाल 5 साल का होगा.संविधान में वर्णित राज्य के नीति निदेशक तत्व भी यहां लागू नहीं होते थे. साथ ही कश्मीर में अल्पसंख्यकों को आरक्षण नहीं मिलता था. गृहमंत्री ने अमित शाह ने कहा कि इस बिल के तहत जम्मू कश्मीर में आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग को 10 फीसदी आरक्षण दिया जाएगा.यहां नागरिकों के पास दोहरी नागरिकता होती है. इसके अलावा जम्मू कश्मीर में अलग झंडा और अलग संविधान चलता है. जो अब छीन जाएगा. संसद में पास कानून जम्मू कश्मीर में तुरंत लागू नहीं होते थे. शिक्षा का अधिकार, सूचना का अधिकार, मनी लांड्रिंग विरोधी कानून, कालाधन विरोधी कानून और भ्रष्टाचार विरोधी कानून कश्मीर में लागू नहीं था, जो अब लागू हो सकेगा.

लोकसभा में पक्ष में पड़े 370 वोट

राज्यसभा से पास हो चुके जम्मू कश्मीर आरक्षण संशोधन बिल और जम्मू कश्मीर पुनर्गठन बिल को लोकसभा से भी वोटिंग के बाद पास कर दिया गया. इसके पक्ष में 370और विपक्ष में 70 वोट पड़े.

Leave A Reply

Your email address will not be published.