सत्यपाल मलिक बोले- कश्मीर में इंटरनेट आतंकियों के लिए सबसे बड़ा हथियार
राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि घाटी में सभी बुनियादी सुविधाओं की बहाली जल्द की जाएगी. घाटी में जल्द ही जनजीवन पटरी पर लौटेगा.
- घाटी में आतंकियों और पाकिस्तानियों के लिए टूल बना इंटरनेट
- लोगों को बरगलाने के लिए इंटरनेट और फोन सुविधाएं मददगार
- घाटी में जल्द बहाल की जाएंगी बुनियादी सुविधाएं
- घाटी में सुरक्षा व्यवस्था सरकार की प्राथमिक नीति
जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने घाटी में इंटरनेट व्यवस्था बहाल न करने पर सफाई पेश की है. राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने साफ किया कि इंटरनेट आतंकियों का सबसे बड़ा हथियार है. इसलिए घाटी में हालिया स्थिति को देखते हुए इंटरनेट सुविधाओं को बंद रखा गया है.
सत्यपाल मलिक ने कहा, ‘फोन और इंटरनेट का इस्तेमाल हम कम करते हैं, आतंकी और पाकिस्तानी ज्यादा करते हैं. पाकिस्तानी और आतंकी इन सुविधाओं का इस्तेमाल लोगों के जुटाने और हिंसा फैलाने के लिए करते हैं. आतंकी इसका इस्तेमाल हमारे खिलाफ हथियार की तरह करते हैं, इसलिए हमने उसे बंद कर दिया है. सभी सुविधाएं थोड़े वक्त के बाद फिर से सामान्य हो जाएंगी.’
राज्यपाल मलिक ने कहा कि प्रशासन कुपवाड़ा और हंदवाड़ा इलाके में मोबाइल फोन सेवाएं चालू करेगा. राज्यपाल ने कहा कि अन्य जिलों में भी टेलीफोन और मोबाइल सेवाएं जल्द चालू की जाएंगी. हमारे लिए हर कश्मीरी की जान बहुत महत्वपूर्ण है. हम नहीं चाहते कि किसी भी शख्स की जान जाए. बीते दिनों में एक भी नागरिक की जान नहीं गई है. केवल कुछ लोग घायल हुए हैं, जो हिंसक झड़पों में शामिल थे. उन्हें कमर से नीचे चोटें आई हैं.
राज्यपाल ने कहा, हम घाटी में 50,000 नई नौकरियों की घोषणा करते हैं. हम घाटी के युवाओं से अपील करते हैं कि वे पूरी ताकत से अगले 2 से 3 महीनों में इन नौकरियों में शामिल हों. मलिक ने घाटी की मौजूदा स्थिति पर प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की थी, जिसमें उन्होंने सुरक्षा व्यवस्था और प्रशासन पर कई महत्वपूर्ण बातें कहीं.
सत्यपाल मलिक ने कहा कि पिछले 24 दिनों में जम्मू-कश्मीर में एक भी व्यक्ति की जान नहीं गई है, ये हमारे लिए एक उपलब्धि है. श्रीनगर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में राज्यपाल मलिक ने कहा कि हमारा मुख्य फोकस जम्मू-कश्मीर की कानून व्यवस्था है और इसमें हम सफल रहे हैं.