श्रीनगर। श्रावण पूर्णिमा, 15 अगस्त के दिन अमरनाथ यात्रा पूरी हो गई. पूरे सावन चलने वाली अमरनाथ यात्रा इस बार बीच में ही रोक दी गई थी. लेकिन परंपरा के मुताबिक रक्षाबंधन के दिन सावन खत्म होने के साथ ही यात्रा विधिवत संपन्न हो गई. बाबा बर्फानी की छड़ी मुबारक शंकराचार्य मंदिर पहुंच गई है.
घाटी में सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए पवित्र छड़ी मुबारक को हेलीकॉप्टर के जरिए पवित्र गुफा में लाया जा रहा है. यह दूसरा मौका है जब हवाई रास्ते से छड़ी मुबारक गुफा में लाई जा रही है. इससे पहले 1996 में ऐसा किया गया था, क्योंकि पत्नीटॉप के पास भूस्खलन के कारण यात्रा मार्ग टूट गया था. पहले 10 अगस्त को छड़ी मुबारक यात्रा रवाना होनी थी, लेकिन सुरक्षा को देखते हुए इसकी इजाजत नहीं दी गई.
पिछले महीने छड़ी मुबारक के संरक्षक स्वामी दीपेंद्र गिरि ने घोषणा की थी कि छड़ी मुबारक को 5 अगस्त को साधुओं के जुलूस में पवित्र गुफा तक ले जाया जाएगा. हालांकि इसमें देर हो गई क्योंकि सुरक्षा कारणों से इसकी अनुमति नहीं मिली. छड़ी मुबारक का स्थायी निवास श्रीनगर शहर में अमरेश्वर मंदिर, दशनामी अखाड़ा है.
इस साल 45 दिवसीय अमरनाथ यात्रा का समापन 15 अगस्त को श्रावण पूर्णिमा के साथ हो गया. इस बार अमरनाथ यात्रा काफी सुर्खियों में रही क्योंकि आतंकी हमलों की आशंका में इसे पहले ही रोक दिया गया और यात्रियों को वापस जाने की सलाह दी गई.
जम्मू-कश्मीर सरकार की ओर से जारी एडवाइजरी में कहा गया, “आतंकवादी धमकी के नए इंटेलीजेंस इनपुट खास तौर से अमरनाथ यात्रा को निशाना बनाए जाने और कश्मीर घाटी के सुरक्षा हालात को ध्यान में रखते हुए अमरनाथ यात्रियों और पर्यटकों की सुरक्षा के हित में यह सुझाव दिया जाता है कि तीर्थयात्री घाटी से जल्द से जल्द लौटें.”