370 पर फैसले के बाद जम्मू में पटरी पर लौटी जिंदगी, श्रीनगर में ईद पर मिल सकती है कर्फ्यू से राहत
जम्मू की सड़कों पर पांच दिन बाद शनिवार को रौनक देखने को मिल रही है. प्रशासन ने हालत सुधरते देख यहां से धारा-144 हटा ली है. जिसके बाद सड़कों पर आम दिनों की तरह हलचल देखी गई. बच्चे बसों से स्कूल जाते दिखे.
जम्मू . जम्मू की सड़कों पर पांच दिन बाद शनिवार को रौनक देखने को मिल रही है. प्रशासन ने हालत सुधरते देख यहां से धारा-144 हटा ली है, जिसके बाद जम्मू की सड़कों पर आम दिनों की तरह हलचल देखी गई. बच्चे बसों से स्कूल जाते दिखे. सड़कों पर ट्रैफिक सामान्य था.
जम्मू में बकरीद मनाने की तैयारियां चल रही हैं ताकि जम्मू-कश्मीर के लोग सोमवार को शांतिपूर्ण माहौल में बकरीद का त्योहार मना सके, इसके लिए राज्य प्रशासन के साथ ही सुरक्षा एजेंसियों ने पुख्ता इंतजाम किए हैं. जम्मू में आज दुकानें, बाजार और स्कूल कॉलेज खुले हुए हैं. रिपोर्ट के मुताबिक राज्य के 10 जिलों में हालात सामान्य है. हालांकि, जम्मू क्षेत्र में इंटरनेट सेवाओं पर रोक अभी भी जारी रहेगी.
JAMMU: Schools have reopened in the city from today. #JammuAndKashmir pic.twitter.com/384bgCLh0h
— ANI (@ANI) August 10, 2019
राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा है कि श्रीनगर के लोग बकरीद मना सके इसके लिए प्रशासन ने पूरी तैयारी की है. उन्होंने कहा है कि बकरीद मनाने के लिए राज्य में जरूरी इंतजाम किए गए हैं. राज्यपाल ने कहा कि अभी राज्य में दो महीनों का राशन है. उन्होंने कहा कि पेट्रोल, डीजल और एलपीजी का भी पर्याप्त स्टॉक मौजूद है.
राजभवन के मुताबिक श्रीनगर में जरूरी सेवाओं जैसे, बिजली, पानी और सैनिटेशन की सप्लाई को बरकरार रखने के लिए 1600 लोगों को काम पर लगाया गया है. उन्होंने कहा कि श्रीनगर में 10 हजार लोग काम के लिए दफ्तरों में आ रहे हैं. राज्यपाल के मुताबकि ज्यादातर एटीएम काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि दिहाड़ी मजदूरों को अगस्त की सैलरी एडवांस में दी गई है.
समाचार एजेंसी आईएएनएस के मुताबिक सुरक्षा एजेंसियों ने संवेदनशील दक्षिण कश्मीर में कम से कम चार प्रमुख स्थानों की पहचान की है. यहां 12 अगस्त से पहले नागरिकों पर लगाए गए प्रतिबंध हटाए जाने की संभावना है. 12 अगस्त को ही कश्मीर में बकरीद बनाया जाएगा. एक वरिष्ठ सैन्य अधिकारी ने कहा, “कुछ क्षेत्रों में ईद की नमाज के दौरान तनाव की काफी संभावना है। अतीत में भी अशांति के गवाह रहे शोपियां, पुलवामा, अनंतनाग और सोपोर के ऐसे कुछ हिस्सों की पहचान की गई है.”