फगवाड़ा/ चंडीगढ़. सिविल अस्पताल फगवाड़ा के ब्लड बैंक में ओ पॉजिटिव युवक को बी पॉजिटिव खून चढ़ाने संबंधी 2 मरीजों को संक्रमित खून देने संबंधी हुई लापरवाही के मामले में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर ने कड़ा नोटिस लिया है। शुक्रवार को सीएम ने मामले की पूरी जांच और राज्य के सभी ब्लड बैंकाें का तुरंत निरीक्षण करने के आदेश दिए हैं।
घटना के बाद स्टाफ की नियुक्ति तक फगवाड़ा के ब्लड बैंक को बंद कर दिया गया है। ड्यूटी में लापरवाही बरतने पर बीटीओ डॉक्टर हरदीप सिंह सेठी, एलटी रवि पाल और एसएमओ डॉ. कमल किशोर काे निलंबित कर दिया है।
सिविल सर्जन कपूरथला को इस आपराधिक लापरवाही के लिए तीनों पर पुलिस विभाग के पास क्रिमिनल केस दर्ज कराने के आदेश दिए हैं। वहीं, कपूरथला के सरकारी ब्लड बैंको की रिपोर्ट तलब करने को भी कहा गया है। वहीं, युवक को चंडीगढ़ पीजीआई रेफर कर दिया है।
युवक के शरीर का बदलना पड़ेगा खून, प्राइवेट ब्लड बैंकों का भी होगा निरीक्षण
सीएमओ कपूरथला ने बताया कि सीएम के निर्देशों पर कपूरथला जिले के सभी ब्लड बैंकों का अगले 3 दिनों के अंदर सिविल सर्जनों के नेतृत्व वाली डिस्ट्रिक्ट ब्लड ट्रास्फूजन कमेटी द्वारा निरीक्षण किया जाएगा। अन्य जांच प्रक्रियाओं के अलावा फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन, पंजाब ब्लड एंड ट्रास्फूजन कमेटी की टीमों द्वारा अगले 15 दिनों में सभी सरकारी ब्लड बैंक का निरीक्षण और 31 मार्च तक सभी प्राइवेट ब्लड बैंकों का निरीक्षण किया जाएगा।
ये है मामला- गलत खून चढ़ाने से युवक की बिगड़ गई थी हालत
गौर हो कि बुधवार रात युवक प्रदीप कुमार पुत्र अयोध्या प्रसाद को ओ-पॉजिटिव की जगह बी-पॉजिटिव ब्लड चढ़ा दिया था। इससे उसकी हालत बिगड़ गई थी। युवक को पीजीआई चंडीगढ़ रेफर कर दिया गया है। डॉक्टरों के मुताबिक गलत ब्लड चढ़ाने से युवक के शरीर में इंफेक्शन फैलनी शुरू हो गई थी। अब शरीर का सारा खून बदलना पड़ सकता है। वहीं, सीएम कैप्टन ने स्वास्थ्य विभाग को सभी ब्लड बैंकों की तुरंत जांच करवाने के निर्देश दिए हैं जिससे खून प्रबंधन के सही मापदंडों के पालन को यकीनी बनाया जा सके।
ऐसे हुई गड़बड़ी : एलीसा और रैपिड टेस्ट के साथ की थी खून की जांच
जांच में सामने आया कि खून की जांच एलीसा और रैपिड टेस्ट के साथ की गई थी। ब्लड यूनिट नं. 179 24 जनवरी 2020 को एकत्रित किया था और यूनिट नं. 2922 को 15 अक्तूबर को एकत्रित किया था। इन यूनिट को एलीसा टेस्टिंग तकनीक के दौरान सही पाया था। इसके बाद एलटी द्वारा किया रैपिड टेस्ट गैर-क्रियाशील पाया गया। इस तरह रैपिड टेस्ट के बाद एलीसा टेस्टिंग करना स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रक्रिया का उल्लंघन है, जिसकी पुष्टि करना बहुत संवेदनशील और लाजिमी माना जाता है।
ये नियम- जो एसएमओ ने नहीं निभाए
सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि नियमों के मुताबिक मरीज की देखभाल कर रहे एमओ और आगे एसएमओ की ड्यूटी थी कि वह इस घटना की जानकारी तुरंत उच्च अधिकारियों को दें। एसएमओ को जरूरी कार्रवाई करनी चाहिए थी और यह यकीनी बनाने के लिए कदम उठाने चाहिए थे कि भविष्य में ऐसी घटना न घटे। लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया।
1 हफ्ते में दोबारा चालू हो जाएगा ब्लड बैंक
सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि सिविल सर्जन कपूरथला को फगवाड़ा सिविल अस्पताल ब्लड बैंक में स्टाफ का वैकल्पिक प्रबंध करने की हिदायत दी गई है। स्टाफ का प्रबंध होने के बाद फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन विभाग द्वारा ब्लड बैंक का निरीक्षण किया जाएगा। यह निरीक्षण एक हफ्ते के अंदर पूरा हो जाएगा और यदि निरीक्षण के दौरान सब कुछ ठीक पाया गया तो ब्लड बैंक चालू कर दिया जाएगा।