चंद्रयान-2 ने 2650 KM दूर से ली चांद की पहली तस्वीर, कुछ ऐसा है नजारा…
इसरो के अध्यक्ष के सिवन का कहना है कि चांद पर उतरने के लिए भारत का पहला चंद्रमा मिशन चंद्रयान 2 को दुनिया में उत्सुकता के साथ देखा जा रहा है. सिवन ने कहा कि चंद्रयान 2 मिशन वैश्विक स्तर पर एक महत्वपूर्ण मिशन है.
- वैश्विक स्तर पर एक महत्वपूर्ण मिशन है चंद्रयान-2
- चांद की दूसरी कक्षा में पहुंच गया है चंद्रयान-2
- स्पेसक्राफ्ट में ऑर्बिटर, लैंडर और रोवर शामिल
नई दिल्ली। चंद्रयान -2 ने 21 अगस्त को सफलतापूर्वक चांद की दूसरी कक्षा में प्रवेश कर लिया है. जिसके बाद चंद्रयान-2 ने लूनर सतह से लगभग 2650 किमी की ऊंचाई से तस्वीर ली है. इंडिया स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (इसरो) ने ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी है.
Take a look at the first Moon image captured by #Chandrayaan2 #VikramLander taken at a height of about 2650 km from Lunar surface on August 21, 2019.
Mare Orientale basin and Apollo craters are identified in the picture.#ISRO pic.twitter.com/ZEoLnSlATQ
— ISRO (@isro) August 22, 2019
इसरो ने बताया कि चंद्रयान-2 द्वारी भेजी गई चांद की तस्वीर में ओरिएंटेल बेसिन और अपोलो क्रेटर्स को पहचाना गया है.
बता दें कि इससे पहले इसरो ने बुधवार को जानकारी दी थी कि चंद्रयान-2 को चांद की दूसरी कक्षा में पहुंचने में 1,228 सेकेंड लगे. चांद की कक्षा का आकार 118 किलोमीटर गुणा 4,412 किलोमीटर है, जिससे होकर स्पेसक्राफ्ट चांद पर उतरेगा.
वहीं मंगलवार को चंद्रयान -2 को चांद की पहली कक्षा में पहुंचाया गया था. स्पेसक्राफ्ट में ऑर्बिटर (वजन 2,379 किलोग्राम, आठ पेलोड), लैंडर ‘विक्रम’ (1,471 किलोग्राम, चार पेलोड) और रोवर (27 किलोग्राम, दो पेलोड) शामिल हैं.
बता दें कि इसरो के अध्यक्ष के सिवन का कहना है कि चांद पर उतरने के लिए भारत का पहला चंद्रमा मिशन चंद्रयान-2 को दुनिया में उत्सुकता के साथ देखा जा रहा है. सिवन ने कहा कि चंद्रयान-2 मिशन वैश्विक स्तर पर एक महत्वपूर्ण मिशन है.
उन्होंने कहा कि चंद्रमा लैंडर विक्रम के लिए लैंडिंग ऑपरेशन सात सितंबर की रात करीब 1:40 बजे शुरू होगा. वहीं इसकी लैंडिंग रात 1:55 बजे चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर होगी.