चंद्रयान-2 की आज दोपहर 2.43 बजे लॉन्चिंग, श्रीहरिकोटा में तैयारी पूरी

चांद पर जाने वाले भारत के चंद्रयान-2 का काउंटडाउन शुरू हो गया है. इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (ISRO) के चीफ के सिवन ने इसकी पुष्टि की. उन्होंने कहा कि चंद्रमा पर भेजे जाने वाले भारत के दूसरे यान की रविवार शाम को उल्टी गिनती 6.43 बजे से शुरू हो गई. पहले चंद्रयान-2 को 15 जुलाई को लॉन्च किया जाना था.

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  • चंद्रयान-2 की उल्टी गिनती रविवार शाम 6.43 से शुरू हो गई है
  • 22 जुलाई को दोपहर 2.43 बजे इसे लॉन्च किया जाएगा
  • श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से इसे छोड़ा जाएगा
  • इस रॉकेट की लंबाई 44 मीटर लंबा और वजन 640 टन है.

नई दिल्ली। चांद पर जाने वाले भारत के चंद्रयान-2 का काउंटडाउन शुरू हो गया है. इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (ISRO) के चीफ के सिवन ने इसकी पुष्टि की. उन्होंने कहा कि चंद्रमा पर भेजे जाने वाले भारत के दूसरे यान की रविवार शाम को उल्टी गिनती 6.43 बजे से शुरू हो गई. पहले चंद्रयान-2 को 15 जुलाई को लॉन्च किया जाना था. चंद्रयान में लिक्विड कोर स्टेज पर ईंधन भरने का काम पूरा हो गया है.

 

लेकिन लॉन्चिंग से एक घंटे पहले इसमें तकनीकी खराबी का पता चलने के बाद इसे रोक दिया गया. अब 22 जुलाई को दोपहर 2.43 बजे इसे लॉन्च किया जाएगा. इसरो ने बताया कि जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल मार्क-3 (जीएसएलवी मार्क-3) में आई तकनीकी खराबी को ठीक कर लिया गया है.

 

चंद्रयान-2 भारत का दूसरा सबसे महत्वाकांक्षी चंद्र मिशन है. इसे श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से भारी-भरकम रॉकेट जियोसिन्क्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल-मार्क 3 (जीएसएलवी एमके 3) से लॉन्च किया जाएगा. जीएसएलवी को ‘बाहुबली’ के नाम से भी पुकारा जाता है. यह रॉकेट 44 मीटर लंबा और 640 टन वजनी है. इसमें 3.8 टन का चंद्रयान रखा गया है.

पृथ्वी और चांद की दूसरी करीब 3.844 किलोमीटर है. उड़ान के कुछ ही मिनटों बाद 375 करोड़ रुपये का जीएसएलवी-मार्क-3 रॉकेट 603 करोड़ रुपये के चंद्रयान-2 को पृथ्वी की कक्षा में स्थापित करेगा. वहां के चांद की यात्रा शुरू होगी. चंद्रयान-2 में लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान चांद तक जाएंगे. लैंडर विक्रम सितंबर या अक्टूबर में चांद पर पहुंचेगा और इसके बाद वहां प्रज्ञान काम शुरू करेगा.

उल्टी गिनती के दौरान रॉकेट और अंतरिक्ष यान की प्रणालियां जांच से गुजरेंगी और रॉकेट इंजनों में ईंधन भरा जाएगा. अब तक इसरो ने 3 जीएसएलवी-एमके 3 रॉकेट भेजे हैं. पहला रॉकेट 18 दिसंबर 2014 को, दूसरा 5 फरवरी 2017 को और तीसरा 14 नवंबर 2018 को भेजा गया. जीएसएलवी-एमके 3 का इस्तेमाल भारत के मानव अंतरिक्ष मिशन के लिए किया जाएगा, जो वर्ष 2022 के लिए तय है.

चंद्रयान-2 की खासियतें

640 टन का जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल-मार्क थर्ड (जीएसएलवी-एमके थर्ड) रॉकेट  44 मीटर लंबा है. इस रॉकेट में 3.8 टन का चंद्रयान है. रॉकेट को ‘बाहुबली’ उपनाम दिया गया है.  धरती और चांद के बीच की दूरी लगभग 3.844 किलोमीटर है. वहां से चांद के लिए लंबी यात्रा शुरू होगी. चंद्रयान-2 में लैंडर-विक्रम और रोवर-प्रज्ञान चंद्रमा तक जाएंगे.

लैंडर-विक्रम सितंबर या अक्टूबर तक चांद पर पहुंचेगा और उसके बाद प्रज्ञान का प्रयोग शुरू करेगा. अब तक इसरो ने तीन जीएसएलवी-एमके 3 रॉकेट भेजे हैं. इसमें पहला 18 दिसंबर 2014 को, दूसरा 5 फरवरी 2017 को व तीसरा 14 नवंबर 2018 को भेजा गया था. जीएसएलवी-एमके 3 का इस्तेमाल भारत के मानव अंतरिक्ष मिशन के लिए किया जाएगा, जो साल 2022 के लिए निर्धारित है.

 

मामले से जुड़ी अहम जानकारियां :

  1. तीन दिन पहले ही इसे प्रक्षेपित किये जाने की नई तिथि की घोषणा की गई थी. इसरो ने घोषणा की कि रविवार की शाम छह बजकर 43 मिनट पर प्रक्षेपण के लिए 20 घंटे की उल्टी गिनती शुरू हो गई.
  2. इसरो के अनुसार ‘चंद्रयान-2′ चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में उतरेगा, जहां वह इसके अनछुए पहलुओं को जानने का प्रयास करेगा.
  3. इससे 11 साल पहले इसरो ने अपने पहले सफल चंद्र मिशन ‘चंद्रयान-1′ का प्रक्षेपण किया था जिसने चंद्रमा के 3,400 से अधिक चक्कर लगाए और यह 29 अगस्त, 2009 तक 312 दिन तक काम करता रहा.
  4. इसरो ने इस मिशन के प्रक्षेपण की नई तिथि की घोषणा करते हुए 18 जुलाई को ट्वीट किया था, ‘बाहुबली’ कहा जाने वाला जीएसएलवी मार्क-… रॉकेट अब अरबों लोगों के सपने को ‘चंद्रयान-2′ के रूप में चंद्रमा पर ले जाने के लिए तैयार है.’
  5. साथ ही उन्होंने कहा, ‘3,850 किलोग्राम वजनी ‘चंद्रयान-2′ का प्रक्षेपण श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से 22 जुलाई 2019 को अपराह्न दो बजकर 43 मिनट पर होगा. यह अपने साथ एक ऑर्बिटर, एक लैंडर और एक रोवर ले जाएगा और चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरेगा.’
  6. इस मिशन के प्रक्षेपण की पूर्व संध्या पर इसरो के अध्यक्ष के. सिवन ने बताया कि सभी तैयारियां हो गई हैं और गड़बड़ी को ठीक कर लिया गया है.
  7. उन्होंने यहां आते समय चेन्नई हवाईअड्डे पर मीडिया से कहा, ‘15 जुलाई को सामने आई तकनीकी खामी को दूर कर लिया गया है. प्रक्षेपण यान अच्छी स्थिति में है… (प्रक्षेपण से पहले) का अभ्यास सफलतापूर्वक ढंग से पूरा किया गया है.’
  8. इसरो प्रमुख ने कहा कि वैज्ञानिक चांद के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में चन्द्रयान-2 के लैंडर को उतारेंगे जहां अब तक कोई देश नहीं गया है.

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