अंतरिक्ष का सुपरपावर बनेगा भारत, बनाएगा अपना स्पेस स्टेशन
इसरो प्रमुख के सिवन ने कहा कि मानव अंतरिक्ष मिशन के लॉन्च के बाद गगनयान कार्यक्रम को बनाए रखना होगा. इसी के चलते भारत अपना स्पेस स्टेशन लॉन्च करने की योजना बना रहा है.
नई दिल्ली. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के चेयरमैन डॉ. के सिवन ने बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि भारत अब अपना स्पेस स्टेशन बनाएगा. इसरो इसके लिए योजना पर काम कर रहा है. यह गगनयान मिशन का अगला स्टेप होगा. सिवन ने बताया कि हमें मानव अंतरिक्ष मिशन के लॉन्च के बाद गगनयान कार्यक्रम को लगातार बनाए रखना है, इसलिए हमें अपने स्पेस स्टेशन की जरूरत है. इससे पहले इसरो प्रमुख के सिवह ने कहा था कि भारत दिसंबर 2021 तक तीन भारतीयों को अंतरिक्ष में भेजेगा. इसके लिए गगनयान प्रोजेक्ट पर काम शुरू हो चुका है. भारतीय वायुसेना 10 अंतरिक्षयात्रियों को अगले दो महीने में खोजेगा. फिर इसरो उनमें से तीन का चयन करेगा. यही तीन अंतरिक्ष यात्री स्पेस में जाएंगे.
ISRO Chief K Sivan: We are planning to have a space station for India, our own space station. pic.twitter.com/5lGcuPwCuA
— ANI (@ANI) June 13, 2019
इसरो चीफ डॉ. के सिवन ने गुरुवार को बताया कि भारत अपना स्पेस स्टेशन लॉन्च करने की योजना बना रहा है। यह महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट गगनयान मिशन का ही विस्तार होगा। सिवन ने बताया कि हमें मानव अंतरिक्ष मिशन के लॉन्च के बाद गगनयान कार्यक्रम को बनाए रखना होगा। इसी के चलते भारत अपना स्पेस स्टेशन लॉन्च करने की योजना बना रहा है।
क्या होता है स्पेस स्टेशन?
स्पेस स्टेशन को ऑर्बिटल स्टेशन भी कहते है. इसको इंसानों को रहने के लिए सभी सुविधाएं हो ध्यान में रखते हुए बनाया गया है. यानी यह अंतरिक्ष में मानव निर्मित ऐसा स्टेशन है, जिससे पृथ्वी से कोई अंतरिक्ष यान जाकर मिल सकता है. इसके अलावा इसमें इतनी क्षमता होती है कि इस पर अंतरिक्ष यान उतारा जा सके. इन्हें पृथ्वी की लो-ऑर्बिट कक्षा में ही स्थापित किया जाता है. हम आपको बता दें कि स्पेस स्टेशन एक प्रकार का मंच है जहां से पृथ्वी का सर्वेक्षण किया जा सकता है, आकाश के रहस्यों को मालूम किया जा सकता है.
मौजूदा समय में सिर्फ दो स्पेस स्टेशन
मौजूदा समय में सिर्फ दो स्पेस स्टेशन हैं। अमेरिका और रूस ने साझा प्रोजेक्ट के तौर पर 1998 में इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (आईएसएस) बनाया था। कई अन्य देश भी बाद में इसके निर्माण में जुड़ते गए। हालांकि, ज्यादातर कंट्रोल्स और मॉड्यूल्स का खर्च अमेरिका ही उठाता है। 18 देशों के 230 लोग आईएसएस में जा चुके हैं। यह धरती से लगभग 400 किमी ऊंचाई पर स्थित है। यह 28 हजार किमी की गति से घूमता है।
तीसरा स्पेस स्टेशन लॉन्च करने की तैयारी कर रहा चीन
इसके अलावा चीन भी 2 स्पेस स्टेशन लॉन्च कर चुका है। चीन ने 2011 में अपना पहला स्पेस स्टेशन तियांगोंग-1 लॉन्च किया था। इसे दो साल के लिए तैयार किया गया था। यह 1 अप्रैल 2018 को धरती पर गिरकर नष्ट हो गया था। चीन ने 2016 में तियांगोंग-2 लॉन्च किया। यह अभी भी मौजूद है। चीन 2022 तक तियांगोंग-3 को लॉन्च करने की भी योजना बना रहा है।