मलेशिया की सख्ती पर टूटा जाकिर नाईक, माफी मांगने पर हुआ मजबूर
मलेशियाई एजेंसियों की सख्ती के आगे विवादास्पद इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाईक अब वहां की सरकार से माफी मांग रहा है. सोमवार को मलेशियाई पुलिस ने जाकिर नाईक से 10 घंटे तक पूछताछ की थी.
नई दिल्ली। मलेशियाई एजेंसियों की सख्ती के आगे विवादास्पद इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाईक अब वहां की सरकार से माफी मांग रहा है. सोमवार को मलेशियाई पुलिस ने जाकिर नाईक से 10 घंटे तक पूछताछ की थी. जाकिर नाईक पर 8 अगस्त को हिन्दुओं और चीनी मूल के लोगों के खिलाफ विवादित टिप्पणी करने का आरोप है. 53 साल के जाकिर नाईक ने अपने माफीनामे में कहा है कि किसी व्यक्ति या समूह को अपने बातों से चोट पहुंचाने की उसकी कोई मंशा नहीं थी.
जाकिर नाईक ने कहा, “हालांकि मैंने खुद स्पष्ट कर दिया है, फिर भी जो समझते हैं कि मेरे बयान से उन्हें चोट पहुंची है उन्हें मैं कहना चाहता हूं कि किसी को भी ठेस पहुंचाना इस्लाम के मूल सिद्धांतों के खिलाफ है, मैं इसके लिए माफी मांगता हूं.” जाकिर ने दावा किया कि उससे ईर्ष्या करने वाले लोग उनके बयान को बिना संदर्भ के पेश कर रहे हैं और इसे मीडिया के सामने तोड़मरोड़ कर पेश कर रहे हैं.
बता दें कि जाकिर नाईक ने कहा कि मलेशिया में हिंदुओं को भारत के अल्पसंख्यक मुस्लिमों की तुलना में “सौ गुना” ज्यादा अधिकार हासिल है. चीनी समुदाय के लोगों को जाकिर नाईक ने ‘ओल्ड गेस्ट’ करार दिया था और कहा था कि उसे मलेशिया से निष्कासित करने से पहले चीनी मूल के मलयेशियाई लोगों को निकाला जाना चाहिए. मलेशिया की तीन करोड़ 20 लाख की आबादी में करीब 60 फीसदी निवासी मुस्लिम हैं और यहां काफी संख्या में भारतीय और चीनी समुदाय के लोग भी रहते हैं.
बता दें कि जाकिर नाईक भारत में वॉन्टेड है. जाकिर नाईक पर मनी लॉन्ड्रिंग के मामले चल रहे हैं. उस पर आतंकी गतिविधियों और भाषण के जरिए नफरत फैलाने का आरोप है. 2016 में जाकिर नाईक भारत छोड़कर मलेशिया आ गया था. यहां की सरकार ने उसे स्थायी तौर पर रहने की अनुमति दे दी है.
मलेशिया की समाचार एजेंसी बेरनामा के मुताबिक प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद ने कहा है कि नाईक ने सारी हदें लांघ दीं और कैबिनेट के कई मंत्रियों ने उसे बाहर निकालने की अपील की है. इस बीच मलेशिया पुलिस ने उसके देश में भाषण देने पर रोक लगा दी है.