INX केस: चिदंबरम पर लटकी गिरफ्तारी की तलवार, अब सुप्रीम कोर्ट से लगाई गुहार
दिल्ली हाई कोर्ट से कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम को बड़ा झटका लगा है. आईएनएक्स मीडिया केस में हाई कोर्ट ने चिदंबरम की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी. साथ ही उन्हें तीन दिन की मोहलत देने से भी इनकार कर दिया है. इसके साथ ही ईडी और सीबीआई जल्द ही चिदंबरम को गिरफ्तार कर सकते हैं.
नई दिल्ली। दिल्ली हाई कोर्ट से कांग्रेस नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम को बड़ा झटका लगा है. आईएनएक्स मीडिया केस में हाई कोर्ट ने चिदंबरम की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी. कोर्ट ने पूर्व वित्त मंत्री की 3 दिन की मोहलत को भी खारिज कर दिया है. चिदंबरम ने अग्रिम जमानत खारिज होने के बाद दिल्ली हाई कोर्ट से तीन दिन की मोहलत मांगी थी. अग्रिम जमानत याचिका और तीन दिन की मोहलत खारिज होने के बाद अब ईडी और सीबीआई जल्द ही चिदंबरम को गिरफ्तार करना चाहती हैं.
दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए
पी चिदंबरम दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए हैं. चिदंबरम के वकील कपिल सिब्बल ने सबसे पहले कोर्ट 1 यानी CJI के समक्ष मामले को मेंशन करना चाहा, लेकिन तब तक कोर्ट उठ चुकी थी. मामले को सूचीबद्ध करने को लेकर कपिल सिब्बल जॉइंट रजिस्टार के पास गए.
- चिदंबरम की विशेष याचिका सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हो गई है. अब चीफ जस्टिस सुनवाई की तारीख तय करेंगे. जॉइंट रजिस्टार ने कपिल सिब्बल को कहा कि CJI अभी ज्यूडिशियल काम में लगे हैं. उसके बाद उन्हें आपकी याचिका दे देंगे. उसके बाद CJI तय करेंगे कि मामले की सुनवाई आज की जाए या नहीं.
305 करोड़ रुपये की रिश्वत लेने का आरोप
चिदंबरम पर आईएनएक्स मीडिया को फॉरेन इन्वेस्टमेंट प्रोमोशन बोर्ड से गैरकानूनी रूप से स्वीकृति दिलाने के लिए 305 करोड़ रुपये की रिश्वत लेने का आरोप है. इस केस में अभी तक चिदंबरम को कोर्ट से करीब दो दर्जन बार अंतरिम प्रोटेक्शन यानी गिरफ्तारी पर रोक की राहत मिली हुई है. ये मामला 2007 का है, जब पी चिदंबरम वित्त मंत्री के पद पर थे.
सीबीआई और ईडी पहले ही चिदंबरम के बेटे कार्ति को गिरफ्तार कर चुकी
आरोप है कि आईएनएक्स मीडिया को फॉरेन इन्वेस्टमेंट प्रोमोशन बोर्ड से गैरकानूनी रूप से स्वीकृति दिलाने के लिए 305 करोड़ रुपये की रिश्वत ली. इस मामले में सीबीआई और ईडी पहले ही चिदंबरम के बेटे कार्ति को गिरफ्तार कर चुकी हैं. वो फिलहाल जमानत पर हैं. इस मामले में अहम मोड़ तब आया, जब इंद्राणी मुखर्जी 4 जुलाई को सरकारी गवाह बन गईं.
- 2017 में सीबीआई ने इस मामले में फॉरेन इन्वेस्टमेंट प्रोमोशन बोर्ड से मिली स्वीकृति में गड़बड़ी पर एफआईआर दर्ज की. जबकि ईडी ने 2018 में मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया. इस मामले में आईएनएक्स मीडिया की मालकिन और आरोपी इंद्राणी मुखर्जी को इस केस में अप्रूवर बनाया गया और इसी साल उनका स्टेटमेंट भी रिकॉर्ड किया गया. सीबीआई के मुताबिक मुखर्जी ने गवाही दी कि उसने कार्ति चिदंबरम को 10 लाख रुपये दिए.