US इलेक्शन: अब तक 6.4 करोड़ लोगों ने वोट डाला, 2016 के कुल वोटों के मुकाबले प्री-वोटिंग में ही 46% मतदान
यूनाइटेड स्टेट्स इलेक्शन प्रोजेक्ट्स के मुताबिक, संभवतः इन बैटल ग्राउंड स्टेट्स में शुरुआती वोट 2016 की तुलना में आधे से ज्यादा हैं। वहीं, देशभर में 2016 में जितने वोट हुए थे, इस बार वोटर्स ने उसके लगभग 46% वोटिंग पहले ही कर दी है।
अमेरिका में 3 नवंबर को राष्ट्रपति चुनाव होने हैं। इससे 6 दिन पहले के आंकड़ों को देखें तो अब तक 6.4 करोड़ से ज्यादा अमेरिकी वोटिंग कर चुके हैं। उनमें से करीब आधे कॉम्पिटीटिव स्टेट्स से हैं, जो यह तय करेंगे कि इलेक्टोरल कॉलेज कौन जीतेगा। वहीं, 2016 में प्री वोटिंग का आंकड़ा 5.83 करोड़ था।
यूनाइटेड स्टेट्स इलेक्शन प्रोजेक्ट्स के मुताबिक, संभवतः इन बैटल ग्राउंड स्टेट्स में शुरुआती वोट 2016 की तुलना में आधे से ज्यादा हैं। वहीं, देशभर में 2016 में जितने वोट हुए थे, इस बार वोटर्स ने उसके लगभग 46% वोटिंग पहले ही कर दी है।
कोरोनावायरस महामारी के चलते कई राज्यों ने वोटिंग रूल में बदलाव किए। पहली बार लाखों लोगों को मेल के द्वारा वोट करने की इजाजत दी गई। साथ ही कई लोगों ने भीड़ से बचने के लिए व्यक्तिगत रूप से मतदान किया। राष्ट्रपति ट्रम्प के समर्थन में और उनके खिलाफ मतदाताओं के उत्साह से देशभर में रिकॉर्ड स्तर पर वोटिंग को बढ़ावा मिलता दिख रहा है।
शुरुआती मतदान में डेमोक्रेट्स को बढ़त
डेमोक्रेट शुरुआती मतदान को लेकर ज्यादा उत्सुक दिखाई देते हैं। पांच बैटल ग्राउंड स्टेट्स में अब तक रिपब्लिकंस की तुलना में करीब 20 लाख ज्यादा रजिस्टर्ड डेमोक्रेट ने मतदान किया। 2016 में ट्रम्प पेंसिल्वेनिया में मामूली अंतर से जीते थे। यहां रिपब्लिकन की तुलना में तीन गुना डेमोक्रेट्स ने वोटिंग की। फ्लोरिडा और नॉर्थ कैरोलिना में भी डेमोक्रेट्स आगे रहे।
बैटल ग्राउंड्स स्टेट्स
टेक्सास में इस साल 73 लाख से ज्यादा वोटर्स पहले ही वोट डाल चुके हैं। यह आंकड़ा 2016 में हुए कुल मतदान के करीब है। ज्यादा आबादी वाले टेक्सास को इस साल कॉम्पिटीटिव स्टेट्स माना जा रहा है, क्योंकि यहां अश्वेतों की आबादी बढ़ रही है।
2016 की तुलना में यहां 80% से ज्यादा वोटिंग हुई। इस बार भी यहां वोटों का शुरुआती आंकड़ा देखें, तो रिपब्लिकंस पिछड़ते दिख रहे हैं। वहीं, एरिजोना, फ्लोरिडा, जॉर्जिया, नेवादा और नॉर्थ कैरोलिना में भी 2016 के मुकाबले 60% से ज्यादा वोटिंग हुई है।
बैटल ग्राउंड स्टेट्स में टेक्सास, फ्लोरिडा, नॉर्थ कैरोलिना, जॉर्जिया, ओहायो, मिशिगन, पेंसिलवेनिया, एरिजोना, विस्कॉन्सिन, मिनेसोटा, आयोवा, नेवादा, न्यू हैम्पशायर शामिल हैं।
बाइडेन के जीतने की संभावना
जिन राज्यों में जो बाइडेन की जीतने की संभावना ज्यादा है, वहां अब तक एक तिहाई वोट दिए जा चुके हैं। यह 2016 में हुए कुल वोटों का 46% है। उधर, न्यूयॉर्क समेत कई राज्यों में वोटिंग अभी शुरू ही हुई है। यहां भी वोटिंग का आंकड़ा बढ़ने की संभावना है।
इन राज्यों में बाइडेन जीत सकते हैं
कैलिफोर्निया, न्यूजर्सी, वॉशिंगटन स्टेट, वर्जीनिया, इलिनॉय, कोलोराडो, मैसाच्युसेट्स, ऑरेगन, मैरीलैंड, कनेक्टिकट, न्यूयॉर्क मेन, हवाई, रोड आईलैंड, वेरमॉन्ट, वॉशिंगटन डीसी, डेलावेयर।
ट्रम्प के जीतने की संभावना
जिन राज्यों में ट्रम्प की जीतने की संभावना है, वहां शुरुआती वोटिंग कम ही हुई। ये राज्य डेमोक्रेटिक-झुकाव वाले और बैटल ग्राउंड स्टेट्स की तुलना में कम आबादी वाले हैं। इसलिए यह आश्चर्य की बात नहीं है कि कुल शुरुआती वोटिंग में इनका हिस्सा कम ही है। लेकिन, इन राज्यों में शुरुआती वोटिंग का प्रतिशत चार साल हुए वोटिंग की तुलना में कम ही है।
इन स्टेट्स में ट्रम्प जीत सकते हैं
टेनेसी, इंडियाना, केंटकी, साउथ कैरोलिना, लुइसियाना, मिसौरी, अरकंसास, उटाह, कंसास, नेब्रास्का, मोंटाना, ओक्लाहोमा, नॉर्थ डकोटा, साउथ डकोटा, अलबामा, इडाहो, वेस्ट वर्जीनिया, व्योमिंग, अलास्का, मिसीसिपी।