ऑपरेशन गंगा LIVE:भारतीयों को लेकर दिल्ली पहुंचे एयरफोर्स के तीन ग्लोबमास्टर, रूस का दावा- भारतीय छात्रों को कवच के रूप में इस्तेमाल कर रहा यूक्रेन
यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों को लाने के ऑपरेशन गंगा के तहत 200 भारतीयों को लेकर एयरफोर्स का पहला C-17 ग्लोबमास्टर विमान गुरुवार तड़के हिंडन एयरबेस पर उतरा। विमान ने रोमानिया के बुखारेस्ट से उड़ान भरी थी। इसके बाद सुबह 8 बजे तक दो और C-17 ग्लोबमास्टर यूक्रेन में फंसे भारतीयों को लेकर दिल्ली पहुंच गए। दूसरे विमान में 220 और तीसरे विमान में 208 भारतीय दिल्ली पहुंचे। रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने यात्रियों का स्वागत किया। उधर, भारत में रूसी एम्बेसी ने दावा किया है कि भारतीय छात्रों को बंधक बनाकर यूक्रेन मानवीय कवच के रूप में इस्तेमाल कर रहा है।
दिल्ली- मुंबई पहुंची उड़ानें
उधर,एअर इंडिया का एक और विमान भी गुरुवार तड़के दिल्ली पहुंचा। केंद्रीय राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने एयरपोर्ट पर यात्रियों का स्वागत किया। चौधरी ने बताया कि अब तक कुल 16 उड़ानों से करीब 3000 भारतीयों को यूक्रेन से भारत लाया जा चुका है। वहीं इंडिगो का विशेष विमान भी बुखारेस्ट से 200 भारतीयों को लेकर दिल्ली पहुंचा। इसमें आए स्टूडेंट्स का स्वागत केंद्रीय राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने किया। वहीं मुंबई पहुंचे विमान में आए स्टूडेंट्स का स्वागत रेल राज्यमंत्री राव साहेब पाटिल दानवे ने किया। उन्होंने कहा कि रेलवे ने एक हेल्प डेस्क बनाई है। जो स्टूडेंट्स ट्रेन से घर जान चाहते हैं, उन्हें एयरपोर्ट पर ही रिजर्वेशन टिकिट दिया जाएगा।
15 और उड़ानें पहुंचेंगी
अगले 24 घंटों में 15 और उड़ानें भारतीयों को लेकर पहुंचने वाली हैं। अंतिम भारतीय के आने तक ऑपरेशन जारी रहेगा। पीएम नरेंद्र मोदी खुद इस ऑपरेशन की निगरानी कर रहे हैं। यूक्रेन से लगे देशों में भारतीयों के रूकने और भोजन आदि की व्यवस्था की गई है। इसके लिए चार केंद्रीय मंत्री वहां मौजूद हैं।
17 हजार भारतीयों ने यूक्रेन छोड़ा
उधर, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि रोमानिया,हंगरी, स्लोवाकिया और पोलैंड से 9 विमानों ने उड़ान भरी है। 6 और विमान जल्द ही उड़ान भरने वाले हैं। इनमें एयरफोर्स का ग्लोब मास्टर भी शामिल हैं। अब तक 17 हजार भारतीयों ने यूक्रेन छोड़ दिया है।
भारतीय स्टूडेंट्स को यूक्रेनी सेना ने बंधक बनाया-रूस का दावा
यूक्रेन में फंसे भारतीय स्टूडेंट्स में से कुछ को यूक्रेनी सेना ने बंधक बना लिया है, जिससे उनका इस्तेमाल मानवीय कवच के रूप में किया जा सके। यह दावा भारत स्थित रूसी एम्बेसी ने किया है।
एम्बेसी ने ट्वीट में कहा कि हमारी सूचना के अनुसार यू्क्रेनी सेना ने भारतीयों के एक ग्रुप को बलपूर्वक रोके रखा है, जो यूक्रेन से बेलगोरोड जा रहा था। यूक्रेनी सेना उन्हें किसी भी तरह निकलने नहीं देना चाहती है।
इसकी पूरी जिम्मेदारी यूक्रेन की है। रूसी सेना भारतीयों की सुरक्षित निकासी के लिए कदम उठाने को तैयार है। साथ ही उन्हें रूसी इलाके से सेना के कार्गो विमानों या भारतीय विमानों से भारत भेजने को तैयार है।
यूक्रेन बोला फंसे छात्रों की निकासी के लिए युद्ध रोके रूस
यूक्रेन ने इस पर प्रतिक्रिया में कहा कि रूस खार्किव और सुमी में युद्ध रोके जिससे कि विदेशी छात्रों सहित आम नागरिकों को वहां से सुरक्षित निकाला जा सके। ये छात्र रूस द्वारा रहवासी इलाकों पर लगातार बमबारी की वजह से वहां से निकल नहीं पा रहे हैं।
पीएम मोदी की पुतिन से बात
इसके पहले रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पीएम नरेंद्र मोदी से बात की और यूक्रेन की स्थिति की समीक्षा की। मोदी ने युद्ध वाले इलाके खार्किव से भारतीयों की सुरक्षित वापसी का मुद्दा उठाया।
We are taking care of every student returning from Ukraine. Our four Union ministers are taking care of every aspect of evacuation operations in different neighboring countries of Ukraine. #OperationGanga is progressing successfully: MoS Defence Ajay Bhatt pic.twitter.com/CUYejP66uw
— ANI (@ANI) March 3, 2022
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने चार भाषाएं बोलकर किया स्वागत
इसके पहले बुधवार को पहुंचे विमानों में आए स्टूडेंट्स का केद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने दिल्ली एयरपोर्ट पर मलयालम, बांग्ला, गुजराती और मराठी भाषी स्टूडेंट का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि घर वापस आने पर आपका स्वागत है। आपके परिवार सांसें रोक कर इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आप सभी ने यूक्रेन में अपने साहस का परिचय दिया है। अब आप भारत अपने देश आ चुके हैं, इसके लिए आप फ्लाइट के क्रू मेंबर को भी धन्यवाद दें।
Look at the emotions. Look at the happy faces. Look at the cheer for Indian Air Force rescuing Indian nationals from Ukraine in C-17 from Romania to India.
Bharat Mata Ki Jai chants onboard the Globemaster. 🇮🇳👊 pic.twitter.com/bR2umdQPRM
— Aditya Raj Kaul (@AdityaRajKaul) March 2, 2022
एम्बेसी ने जारी की दूसरी एडवाइजरी
यूक्रेन के कीव स्थित भारतीय एम्बेसी ने चेतावनी जारी करते हुए कहा था कि भारतीय हर हाल में शाम 6 बजे (भारतीय समयानुसार रात 9.30 बजे) तक खार्किव को छोड़ दें। एम्बेसी ने दूसरे अलर्ट में कहा कि छात्र पैदल ही पास के शहरों पोसेचिन, बाबई और बेजुल्योदोव्का पहुंचें। इस अलर्ट के बाद ही खार्किव में फंसे भारतीय छात्रों के पैदल ही दूसरे शहरों की ओर निकले हैं।खार्किव से पोसेचिन 11 किमी, बाबई 12 किमी और बेजुल्योदोव्का 16 किमी दूर है।खार्किव रेलवे स्टेशन पर हजारों भारतीय फंसे हुए हैं, क्योंकि यहां से ट्रेनें नहीं चल रही हैं।
#WATCH MoS Defence Ajay Bhatt interacts with the Indian nationals repatriated to the country from Ukraine with the help of the Indian Air Force pic.twitter.com/DHDHc3bgT7
— ANI (@ANI) March 3, 2022