इजराइल बोला- हमास अटैक में शामिल था UN स्टाफ:12 कर्मचारी बर्खास्त, अमेरिका समेत 9 देशों ने UN एजेंसी की फंडिंग रोकी
इजराइल-हमास जंग के बीच अमेरिका समेत 6 देशों ने संयुक्त राष्ट्र संघ यानी UN की एक एजेंसी की फंडिंग बंद कर दी है। इजराइल ने UNRW नाम की संस्था के 12 कर्मचारियों पर हमास के आतंकियों के साथ मिलकर 7 अक्टूबर के हमले में शामिल होने के आरोप लगाए थे। इसके बाद एजेंसी ने इन सभी को बर्खास्त कर दिया।
UNRWA के चीफ फिलिपे लजारिनी ने कहा कि एजेंसी की साख को बचाने के लिए सभी आरोपियों को बर्खास्त करने का फैसला किया गया। इस एजेंसी को 1948 में उन फिलिस्तीनियों को राहत पहुंचाने के लिए बनाया था, जो इजराइली कब्जे में बेघर हो गए थे।
फिलहाल ये एजेंसी गाजा, वेस्ट बैंक, सीरिया, जॉर्डन और लेबनान में 60 लाख लोगों की मदद कर रही है।इसका आम नागरिकों तक राहत का सामान पहुंचाना और उनकी मदद करना है। अब तक अमेरिका, ब्रिटेन, फिनलैंड, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, इटली, जर्मनी, फिनलैंड और स्विटजरलैंड UNRWA को फंड देना बंद करने की घोषणा कर चुके हैं।
गाजा बॉर्डर तक पहुंचने लगे यहूदी सेटलर्स
यहूदी सेटलर्स अब गाजा बॉर्डर के पास पहुंचने लगे हैं। अलजजीरा के मुताबिक सेटलर्स वो यहूदी हैं जिन्हें इजराइल की सरकार फिलिस्तीनी इलाकों में बसाती है। टाइम्स ऑफ इजराइल के मुताबिक गुरुवार को कुछ सेटलर्स ने 2 इजराइली बच्चों को देश का झंडा थमाकर गाजा बॉर्डर के नीचे से गाजा पट्टी की तरफ भेजा दिया। वीडियो में एक शख्स बच्चों को कह रहा है झंडा अच्छे से लगाओ।
इजराइल का दावा- हमास के खिलाफ हुए गाजा के लोग
इजराइल डिफेंस फोर्सेस के प्रवक्ता एविचे अद्राई ने दावा किया है कि गाजा के लोग हमास के खिलाफ हो गए हैं। वो गाजा पट्टी से हमास की हुकुमत को उखाड़ फेंकने के नारे लगा रहे हैं। इजराइल का कहना है कि उन्होंने खान यूनिस से लोगों को निकालने के लिए एक कॉरिडोर बनाया है।
गाजा के लोगों का कहना है कि हमास उन्हें निकलने से रोक रहा है। वहीं, अमेरिकी मीडिया हाउस CNN ने दावा किया है कि सफेद झंडे लेकर गाजा छोड़ते लोगों पर गोलीबारी की जा रही है। एक वीडियो में कुछ लोग सेफ कॉरिडोर के जरिए गाजा छोड़ते दिखाई दे रहे हैं। इसमें एक बुजुर्ग महिला एक बच्चे का हाथ पकड़कर जाती दिखाई दे रही है। बच्चे के हाथ में एक सफेद झंडा है। अचनाक से कहीं से गोली चलती है और बुजुर्ग महिला गिर जाती है।
इजराइल पर जनसंहार का मुकदमा, क्या बोले भारतीय जज
इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (ICJ) के जिन जजों ने शनिवार को गाजा में जनसंहार के मुद्दे पर सुनवाई की उनमें भारतीय जज जस्टिस दलवीर भंडारी भी शामिल थे। ICJ के आदेश का जस्टिस भंडारी ने उसका समर्थन किया।
उन्होंने कहा कि गाजा में क्रूरता हो रही है। इसकी कड़े शब्दों में निंदा की जानी चाहिए। उन्होंने ये भी कहा कि 7 अक्टूबर 2023 को बंधक बनाए गए इजराइली नागरिकों को बिना शर्त तुरंत छोड़ा जाना चाहिए। वही, ICJ की सुनवाई के बीच UN के अधिकारी ने कहा है कि गाजा में 20 लाख लोग भूख की कगार पर हैं। जंग को तुरंत रोका जाना चाहिए।