दुनिया में रमजान / प्रधानमंत्री इमरान की बात मानने तैयार नहीं पाकिस्तान के इमाम, मस्जिदों में सामूहिक नमाज; सऊदी किंग बोले- इस बार रमजान में दुखी हूं
दुनिया के कई देशों में प्रतिबंधों के वजह से मस्जिदें सूनी लेकिन, कई जगह लोगों ने नियमों का उल्लंघन कर समूह में नमाज पढ़ी
नई दिल्ली. कोरोनो संकट और लॉकडाउन के बीच शुक्रवार से पवित्र रमजान महीने की शुरुआत हुई। गुरुवार को रमजान का चांद दिखा। शुक्रवार से माह-ए-रमजान शुरू हो गया। ज्यादातर देशों में संक्रमण को रोकने के लिए पाबंदियां हैं। ऐसे में लोगों ने घर पर नमाज पढ़ी। लेकिन, पाकिस्तान जैसे कई देशों में मस्जिदों में सामूहिक नमाज हुई। यहां इमाम प्रधानमंत्री इमरान खान का घरों में नमाज पढ़ने का फैसला मानने को तैयार नहीं हैं। डब्ल्यूएचओ ने भी रमजान के दौरान किसी कार्यक्रम में शामिल होने और समूह में नमाज पढ़ने पर रोक लगाने को कहा है। भारत में भी कोरोनावायरस के चलते लगे प्रतिबंधों के कारण तरावीह और नमाज घरों पर होगी। इफ्तारी भी नहीं होगी।
सऊदी अरब : नियमों का पूरी तरह पालन, मस्जिदें सूनी
यहां मक्का और मदीना में नमाज पढ़ने और उमरा पर रोक है। दोनों पवित्र स्थलों को पूरे रमजान माह के लिए बंद कर दिया गया है। सऊदी अरब के किंग सलमान के मुताबिक, इस बार रमजान पर वो बहुत दुखी हैं। क्योंकि, लोग मस्जिदों में नमाज नहीं पढ़ सकेंगे।
पाकिस्तान- इमामों के दबाव में झुकी सरकार, मस्जिदों में हुई नमाज
यहां कोरोना संकट से निपटने में इमरान सरकार फेल साबित हो रही है। इमामों ने सरकार पर दबाव बनाकर समूह में नमाज करने पर लगी रोक हटवा ली। हालांकि, सरकार ने घर में नमाज पढ़ने को कहा है। मस्जिदों में नमाज को सशर्त मंजूरी दी गई है। डॉक्टर्स ने सरकार से सामूहिक नमाज की मंजूरी रद्द करने की अपील की थी। एफएटीएफ के दबाव में यहां के पंजाब प्रांत की सरकार ने लोगों से आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद को जकात नहीं देने को कहा है। यहां गृह विभाग ने प्रतिबंधित संगठनों और दलों की एक लिस्ट जारी की है। इसमें बलूचिस्तान रिपब्लिकन आर्मी और कई अन्य बलूच संगठनों के साथ ही लश्कर-ए-झांगवी, अलकायदा जैसे संगठन शामिल भी हैं। सरकार के मुताबिक- जो लोग इन संगठनों को जकात देंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
इंडोनेशिया : रोक के बावजूद सड़कों पर भीड़
दुनिया में सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी वाले देश में समूह में नमाज पढ़ने पर रोक है। यहां राष्ट्रीय धार्मिक संगठनों ने लोगों से घरों में रहने की अपील की है। इसके बावजूद भी यहां कई जगहों पर भारी संख्या में लोग शुक्रवार को नमाज पढ़ने के लिए इकट्ठा हुए। हालांकि कई जगहों पर सरकार के आदेशों का पालन भी हुआ। इंडोनेशिया में 17 हजार द्वीपसमूहों में सभी हवाई और समुद्री यात्रा पर रोक जारी है।
मलेशिया : लोगों ने घरों में नमाज अदा की
यहां संक्रमण रोकने के लिए मई के मध्य तक लॉकडाउन बढ़ाया गया है। इस दौरान स्कूल बंद हैं। सभी गतिविधियों पर रोक है। रमजान में मस्जिदों में नमाज पढ़ने पर भी रोक है। पुलिस ने चेक प्वाइंट्स बनाए हैं। नियम तोड़ने वालों पर कार्रवाई की जा रही है। रमजान बाजार भी बंद हैं। लोग केवल ऑनलाइन खरीदारी कर सकते हैं। वहीं, ब्रुनेई और सिंगापुर में भी कार्यक्रमों पर रोक है।
अफगानिस्तान : मस्जिदों में जुटे लोग
अफगानिस्तान के राष्ट्रपति मोहम्मद अशरफ गनी ने रमजान के मौके पर सबसे शांति और भाईचारे की अपील की। उन्होंने तालिबान से भी इस पवित्र माह में संघर्ष विराम की अपील की है। हालांकि, तालिबान ने अफगानिस्तान की इस अपील को ठुकरा दिया है। अफगानिस्तान के स्वास्थ्य अधिकारी और मौलवियों ने लोगों से घर में तरावीह करने को कहा है। हालांकि, कई जगहों पर लोगों ने सरकार के आदेश को दरकिनार कर मस्जिदों में नमाज अदा की।
यूएई और मिस्र : रमजान के दौरान लॉकडाउन में राहत
अरब देशों में शामिल यूएई, मिस्र और अन्य देशों में लॉकडाउन में थोड़ी राहत दी है। यूएई ने कहा कि टोटल लॉकडाउन में रात को आठ घंटे थोड़ी ढील दी जाएगी। इस दौरान माल्स और मार्केट खोले जाएंगे। मिस्र में रमजान से जुड़ी सभी गतिविधियों पर रोक लगा दी गई है।
ईरान
यहां कोरोनावायरस के संक्रमण ने बहुत कहर बरपाया है। ईरान के सर्वोच्च नेता अली खामनेई ने लोगों से अपील की है कि वे समूह में नमाज न अदा करें।
जर्मनी में लाइव स्ट्रीमिंग
यूरोप के देशों में भी रमजान की शुरुआत हो गई है। ब्रिटेन और जर्मनी में कई जगहों पर कुरान पाठ और नमाज की लाइव स्ट्रीमिंग की गई।