तालिबानी हुकूमत LIVE:काबुल से 85 भारतीयों को लेकर एयरफोर्स के विमान ने उड़ान भरी; 200 और लोगों के एयरलिफ्ट की भी तैयारी
अफगानिस्तान में भारतीय दूतावास के सभी अधिकारियों को एयरलिफ्ट कर लिया गया है, लेकिन काबुल समेत दूसरे शहरों में अभी 1000 भारतीयों के और फंसे होने का अनुमान है। विदेश मंत्रालय इनकी लोकेशन और स्थिति का पता लगाने की कोशिश कर रहा है, क्योंकि सभी लोगों ने भारतीय दूतावास से संपर्क नहीं किया है।
अफगानिस्तान में तालिबानी हुकूमत के बीच भारतीयों का एयरलिफ्ट जारी है। न्यूज एजेंसी ANI के सूत्रों के मुताबिक काबुल एयरपोर्ट से 85 भारतीयों को लेकर एयरफोर्स के C-130J एयरक्राफ्ट ने आज करीब 10.30 बजे उड़ान भरी है और री-फ्यूलिंग के लिए फिलहाल तजाकिस्तान में लैंडिंग की गई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 200 और भारतीयों को भी लाने की तैयारी है, इसके लिए एयरफोर्स का C-17 विमान स्टैंडबाय पर रखा गया है।
अफगानिस्तान में भारतीय दूतावास के सभी अधिकारियों को एयरलिफ्ट कर लिया गया है, लेकिन काबुल समेत दूसरे शहरों में अभी 1000 भारतीयों के और फंसे होने का अनुमान है। विदेश मंत्रालय इनकी लोकेशन और स्थिति का पता लगाने की कोशिश कर रहा है, क्योंकि सभी लोगों ने भारतीय दूतावास से संपर्क नहीं किया है।
4 दिन पहले 120 भारतीयों की वतन वापसी हुई थी
काबुल से भारतीयों को एयरफोर्स के विमानों में लाया जा रहा है। पिछले मंगलवार को 120 से ज्यादा लोगों की ग्लोबमास्टर C-17 से वतन वापसी हुई थी। इनमें काबुल स्थित भारतीय दूतावास के अधिकारी, ITBP के जवान और अन्य लोग शामिल थे। इससे पहले सोमवार को भी 45 लोगों को एयरलिफ्ट किया गया था।
तालिबान की आहट से ही सहम जाते हैं काबुल के लोग
काबुल में फंसे लोग तालिबान से इस कदर खौफ खाए हुए हैं कि सड़क पर कोई गाड़ी नजर आते ही वे बाथरूम की तरफ दौड़ पड़ते हैं। घरों की लाइट और मोबाइल फोन बंद कर वे खुद को बाथरूम में कैद कर लेते हैं। बच्चों की आवाज न सुनाई दे, इसलिए उनके मुंह पर कपड़ा बांध देते हैं।
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक काबुल में फंसे एक परिवार के रिश्तेदार ने ये हाल बयां किया है। इस परिवार के दो लोगों का तालिबान ने बीते सालों में कत्ल कर दिया था। ऐसे में तालिबान की आहट सुनते ही पूरा परिवार बुरी तरह डर जाता है। काबुल में फंसे ऐसे परिवारों के जो रिश्तेदार दूसरे देशों में हैं, वे अपनी-अपनी सरकारों से मदद की गुहार लगा रहे हैं।
पंजशीर के लड़ाकों ने तालिबान के खिलाफ फूंका विद्रोह का बिगुल
अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद हालात दिन पर दिन बिगड़ते जा रहे हैं। इस बीच तालिबान का विरोध भी तेज हो गया है। राजधानी काबुल से करीब सवा सौ किलोमीटर दूर पंजशीर घाटी के लड़ाकों ने तालिबान के खिलाफ विद्रोह का बिगुल फूंक दिया है। इस लड़ाई में 15 तालिबान मारे गए हैं, जबकि 10 को पंजशीर के लड़ाकों ने पकड़ लिया है। हालांकि इसकी पुष्टि नहीं हुई है।
अफगानिस्तान के रक्षा मंत्री ने 3 जिलों पर कब्जे का दावा किया
अफगानिस्तान के रक्षा मंत्री जनरल बिस्मिल्ला मोहम्मद ने भी सोशल मीडिया पर कहा है कि पुल-ए-हिसार, बानू और देह-ए-सलाह से तालिबान को खदेड़ दिया गया है। बिस्मिल्लाह मोहम्मद अशरफ गनी की सरकार में रक्षा मंत्री थे।
पंजशीर अकेला ऐसा इलाका है जो तालिबान के नियंत्रण से बाहर
तालिबान ने लगभग पूरे अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया है, लेकिन पंजशीर अकेला ऐसा इलाका है जो तालिबान के नियंत्रण से बाहर है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक तालिबान ने एक प्रतिनिधिमंडल पंजशीर में अहमद शाह मसूद के बेटे अहमद मसूद से वार्ता करने के लिए भेजा है। वहीं एक इंटरव्यू में मसूद ने कहा है कि वो वार्ता और हमले दोनों के लिए तैयार हैं।
तालिबान समर्थकों ने पंजशीर मामला जल्द सुलझाने की वकालत की
वहीं तालिबान समर्थक कह रहे हैं कि यदि पंजशीर के मुद्दे को जल्द नहीं सुलझाया गया तो ये तालिबान के लिए सिरदर्द बन जाएगा। पंजशीर के आसपास के प्रांतों के कुछ अफगान सैन्य बल भी तालिबान के कब्जे के दौरान पंजशीर पहुंच गए थे। अभी कई अन्य जिलों में भीषण लड़ाई की खबर है।
सूत्रों का कहना है पंजशीर में तालिबान प्रतिनिधियों से वार्ता के दौरान पंजशीर के बुजुर्गों ने अमरुल्ला सालेह से कहा है कि वो पंजशीर छोड़ दें, क्योंकि स्थानीय लोग अब युद्ध नहीं शांति चाहते हैं। अमरुल्ला सालेह का ठिकाना इन दिनों पंजशीर ही है।
अमेरिका का मोस्ट वांटेड काबुल में खुलेआम घूम रहा, 50 लाख डॉलर का इनाम
आतंकी खलील हक्कानी काबुल की एक मस्जिद में इस्लामी अमीरात की घोषणा करते हुए नजर आया है। खलील हक्कानी पर अमेरिका ने 50 लाख डॉलर का इनाम रखा हुआ है और वह मोस्ट वांटेड है। खलील हक्कानी, जलालउद्दीन हक्कानी का भाई है। हक्कानी नेटवर्क ने अफगानिस्तान में कई बड़े हमले किए थे और भारतीय हितों को भी निशाना बनाया था।