तालिबानी हुकूमत :तालिबान से जंग की तैयारी के बीच पंजशीर में वॉलीबॉल खेलते दिखे अफगानी राष्ट्रपति अमीरुल्ला सालेह

हामिद करजई इंटरनेशनल एयरपोर्ट से खूबसूरत तस्वीर सामने आई है। एयरपोर्ट पर कुछ भारतीय नागरिक और 46 अफगानी हिन्दू और सिख इंतजार कर रहे थे। एयरपोर्ट पर इन लोगों को भारतीय वायु सेना के एयरक्राफ्ट की तरफ ले जाया जा रहा था। इनके पास तीन अलग-अलग गुरुद्वारों से तीन गुरु ग्रंथ साहिब भी थे, जिन्हें तीन अफगानी सिखों ने अपने सिर पर उठाया हुआ था। इन लोगों को आज भारत लाए जाने की उम्मीद है।

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पंजशीर अफगानिस्तान एक अकेला ऐसा राज्य है जिसने अभी तक तालिबानी हुकूमत को कुबूल नहीं किया है। यहां पर विद्रोही नेता अहमद मसूद तालिबान से लड़ने के लिए अपनी फौज तैयार कर रहे हैं। पंजशीर युद्ध का मैदान बने उससे पहले यह खेल का मैदान बन गया है। अफगानिस्तान के कार्यवाहक राष्ट्रपति अमीरुल्लाह सालेह पंजशीर में हैं। वे यहां स्थानीय लोगों के साथ वॉलीबॉल खेलते नजर आए।

पंजशीर में सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेते अमीरुल्ला सालेह। यहां पर तालिबानी और अफगान लड़ाकों के बीच बड़ी जंग हो सकती है।
पंजशीर में सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेते अमीरुल्ला सालेह। यहां पर तालिबानी और अफगान लड़ाकों के बीच बड़ी जंग हो सकती है।

 

3 अफगानी सिखों ने श्री गुरु ग्रंथ साहिब को सर पर रख लिया
हामिद करजई इंटरनेशनल एयरपोर्ट से खूबसूरत तस्वीर सामने आई है। एयरपोर्ट पर कुछ भारतीय नागरिक और 46 अफगानी हिन्दू और सिख इंतजार कर रहे थे। एयरपोर्ट पर इन लोगों को भारतीय वायु सेना के एयरक्राफ्ट की तरफ ले जाया जा रहा था। इनके पास तीन अलग-अलग गुरुद्वारों से तीन गुरु ग्रंथ साहिब भी थे, जिन्हें तीन अफगानी सिखों ने अपने सिर पर उठाया हुआ था। इन लोगों को आज भारत लाए जाने की उम्मीद है।

सिखों के इस पवित्र ग्रंथ को जमीन पर नहीं रख सकते हैं, इसलिए लोग इन्हें सिर पर रखकर चल रहे थे। काबुल एयरपोर्ट पर अफरा-तफरी के माहौल के बीच कभी भी भागना पड़ सकता है, यह जानते हुए भी इन्होंने ग्रंथ साहिब को जमीन से नहीं लगने दिया। इंडियन वर्ल्ड फोरम के प्रेसिडेंट पुनीत सिंह चंडोक ने उनका वीडियो शेयर किया।

अफगानी रिफ्यूजीज ने की रिफ्यूजी कार्ड की मांग
नई दिल्ली के वसंत विहार में UNHCR के दफ्तर के बाहर सैंकड़ों अफगानी रिफ्यूजी ने प्रदर्शन किया। ये लोग यहां 5-10 साल से रह रहे हैं और उनकी मांग है कि उन्हें संयुक्त राष्ट्र की तरफ से रिफ्यूजी कार्ड जारी किया जाए।

अफगानिस्तान से जो मुस्लिम शरणार्थी यहां रह रहे हैं या जो अब आ रहे हैं, CAA के चलते उन्हें भारत में नागरिकता मिलने की उम्मीद नहीं है। उनका कहना है कि अगर उन्हें यह यह कार्ड मिल जाएगा तो उन्हें किसी और देश में नागरिकता पाने में मदद मिलेगी। यह कार्ड मिलने के बाद ही वे भारत से मूव कर पाएंगे।

नई दिल्ली के वसंत विहार में UNHCR के दफ्तर के बाहर प्रदर्शन करते लोग।
नई दिल्ली के वसंत विहार में UNHCR के दफ्तर के बाहर प्रदर्शन करते लोग।
दिल्ली में रह रहे सैंकड़ों अफगानी इस प्रदर्शन में शामिल हुए। वे अपने लिए शरणार्थी कार्ड की मांग कर रहे हैं ताकि किसी और देश में उन्हें नागरिकता मिल सके।
दिल्ली में रह रहे सैंकड़ों अफगानी इस प्रदर्शन में शामिल हुए। वे अपने लिए शरणार्थी कार्ड की मांग कर रहे हैं ताकि किसी और देश में उन्हें नागरिकता मिल सके।

 

 

एयरपोर्ट पर लड़ाई में एक अफगान सैनिक की मौत
काबुल एयरपोर्ट के नॉर्थ गेट पर अफगानी सैनिकों, वेस्टर्न सिक्योरिटी फोर्सेज और अज्ञात हमलावरों के बीच गोलाबारी हुई। जर्मन सेना के मुताबिक, इसमें एक अफगानी सैनिक मारा गया, जबकि तीन सैनिक घायल हुए हैं। इस लड़ाई में अमेरिकी और जर्मन सेनाएं भी शामिल थीं। शनिवार को काबुल एयरपोर्ट पर मची भगदड़ में अफगानिस्तान के 7 लोगों की मौत हो गई थी।

काबुल एयरपोर्ट पर पिछले कई दिनों से लोगों की भीड़ जमा है। शनिवार को भगदड़ में 7 लोगों की मौत हुई थी।
काबुल एयरपोर्ट पर पिछले कई दिनों से लोगों की भीड़ जमा है। शनिवार को भगदड़ में 7 लोगों की मौत हुई थी।

सोमवार सुबह दोहा से दिल्ली आए 146 भारतीय
दिल्ली एयरपोर्ट पर एक और विमान भारतीयों को लेकर पहुंचा है। एयर इंडिया की फ्लाइट AI972 इन्हें लेकर आई है। इससे पहले कतर एयरवेज की फ्लाइट QR578 रविवार रात 1.55 बजे 30 भारतीयों को लेकर दोहा से दिल्ली पहुंची। इसके साथ ही कुल 146 भारतीय पहुंच गए हैं।

इन सभी लोगों को रविवार को अफगानिस्तान से रेस्क्यू कर कतर की राजधानी दोहा लाया गया था। कतर में स्थित भारतीय दूतावास ने रविवार को ट्वीट कर यह जानकारी दी थी। रविवार को तीन विमानों से 390 लोग भारत लौटे, इनमें 329 भारतीय हैं।

एयर इंडिया 1956 विमान रविवार को ताजिकिस्तान से 87 भारतीयों को लेकर नई दिल्ली पहुंचा।
एयर इंडिया 1956 विमान रविवार को ताजिकिस्तान से 87 भारतीयों को लेकर नई दिल्ली पहुंचा।

पंजशीर में लड़ाई जारी
अफगानिस्तान के 34 में से 33 प्रांत तालिबान के कब्जे में आ गए हैं। रह गया है तो सिर्फ पंजशीर, जिसे कब्जाने के लिए तालिबान और पंजशीर के लड़ाकों के बीच लड़ाई चल रही है। इसे लेकर खबरें आ रही थीं कि पंजशीर के लड़ाकों ने तालिबान पर रास्ते में घात लगाकर हमला किया। इस हमले में तालिबान के 300 लड़ाकों को मार दिया गया है। इस खबर को तालिबाने ने गलत बताया है। तालिबान का दावा है कि उसने पंजशीर के दो जिलों पर कब्जा कर लिया है।

खबर थी कि पंजशीर के लड़ाकों ने 300 तालिबानियों को मार गिराया है, लेकिन तालिबान ने दावा किया है कि ये खबर झूठी है।
खबर थी कि पंजशीर के लड़ाकों ने 300 तालिबानियों को मार गिराया है, लेकिन तालिबान ने दावा किया है कि ये खबर झूठी है।

इधर खबर ये भी है कि अफगानिस्तान में कब्जा करने के एक सप्ताह बाद तालिबान जल्द सरकार बनाने की घोषणा कर सकता है। इसके साथ नए राष्ट्रपति के नाम का ऐलान भी किया जा सकता है। तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने टोलो न्यूज से कहा कि नई सरकार के गठन को लेकर अफगानिस्तान के नेताओं से बातचीत जारी है। जल्द इसकी घोषणा की जाएगी।

बाइडेन ने कहा- 36 घंटे में 11 हजार लोगों को निकाला
अफगानिस्तान से लोगों को निकाले जाने का सिलसिला जारी है। तालिबान के डर के बीच रोजाना कई देशों के एयरक्राफ्ट लोगों को सुरक्षित स्थानों तक ले जा रहे हैं। रविवार को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि अमेरिका ने 36 घंटे में 11,000 लोगों को निकाला है। उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका ने काबुल एयरपोर्ट पर सेफ जोन बढ़ाया है। इसमें तालिबान ने उनकी मदद की है।

बाइडेन ने कहा कि सेना की वापसी का मेरा फैसला तार्किक, तर्कसंगत और सही फैसले के तौर पर रिकॉर्ड किया जाएगा।
बाइडेन ने कहा कि सेना की वापसी का मेरा फैसला तार्किक, तर्कसंगत और सही फैसले के तौर पर रिकॉर्ड किया जाएगा।

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