तालिबानी हुकूमत LIVE:तालिबान की धमकी, नाटो 31 अगस्त तक अफगानिस्तान से अपनी सेना हटाए; फ्रांस का जवाब-डेडलाइन के बाद भी अपने लोगों को निकालेंगे
अफगानिस्तान से दुनियाभर के देश अपने नागरिकों को निकालने में लगे हुए हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भी कहा था कि 31 अगस्त तक काबुल से लोगों को निकालने का काम पूरा कर लिया जाएगा। इस बीच तालिबान के प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने एक बयान जारी किया और धमकी भरे लहजे में कहा कि नाटो फोर्स 31 अगस्त तक काबुल एयरपोर्ट से नियंत्रण छोड़े और अपने देश लौट जाए।
In the last 24 hours, 25 US Military C-17s, 3 C-130s, & a combination of 61 chartered, commercial & other military flights departed Kabul, Afghanistan. The total passenger count for those flights was approximately 16,000: US Major General Hank Taylor
(File photo) pic.twitter.com/c05XUhPdF2
— ANI (@ANI) August 23, 2021
तालिबान की इस धमकी का फ्रांस ने जवाब दिया है। फ्रांस ने साफ शब्दों में कहा कि 31 अगस्त की डेडलाइन के बाद भी हम अपने नागरिकों को काबुल से निकालने का काम जारी रखेंगें। फ्रांस का यह बयान सीधे तौर पर तालिबान को चुनौती है कि अगर उसने रेस्क्यू ऑपरेशन में अड़चनें पैदा की तो ठीक नहीं होगा।
#BREAKING : Arrival of new equipment in #PanjshirValley for the war against the terrorist taliban.#AhmadMassoud #TalibanTerror #NorthernAlliance #NorthernAllianceForces pic.twitter.com/vbyvtApMKx
— Sushmit Patil Сушмит Патил सुश्मित पाटिल 🇮🇳 (@PatilSushmit) August 23, 2021
तालिबानी प्रवक्ता ने कहा- डेडलाइन आगे बढ़ाया तो परिणाम भुगतने होंगे
तालिबानी प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने कहा कि 31 अगस्त रेड लाइन थी। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा था कि उनकी फौज इस तारीख तक अफगानिस्तान से चली जाएगी। इस तारीख को आगे बढ़ाने का मतलब है अफगानिस्तान में अमेरिकी सेना फिर अपना कब्जा बढ़ा रही है। अगर ऐसा होता है तो अमेरिका को इसका परिणाम भुगतना होगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने अफगानस्तान मुद्दे पर जर्मन चांसलर से बातचीत की
इस बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल से सोमवार शाम फोन पर बात की है। प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) के मुताबिक, दोनों नेतओं ने अफगानिस्तान समेत कई अन्य मुद्दों पर बातचीत की। इसके साथ ही भारत और जर्मनी ने रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने पर भी जोर दिया। पीएमओ ने आगे बताया कि प्रधानमंत्री मोदी और जर्मन चांसलर मर्केल ने अफगानिस्तान की सुरक्षा स्थिति और इसके दुनिया पर पड़ने वाले प्रभावों पर भी चर्चा की। दोनों नेताओं ने अफगानिस्तान में फंसे लोगों को निकालने पर भी बातचीत की, साथ ही शांति और सुरक्षा बनाए रखने के महत्व पर जोर दिया।
#PanjshirValley #Afghanistan : convoy of #Talibans who were gathered in surrounding of #PanjshirValley Attacked by afghan Northern alliance fighters.#NorthernAlliance #AfghanistanCrisis #afghanistanwomen pic.twitter.com/F95SzVTxzY
— Abhishek Mishra (@Abhi_2_Mishra) August 23, 2021
अंदराब में तालिबान और अफगान फौज में भीषण लड़ाई; 50 तालिबानी ढेर
अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे से बचे एकमात्र पंजशीर में लड़ाई खतरनाक मोड़ पर जाती दिख रही है। पंजशीर घाटी अफगानिस्तान के उन चंद इलाकों में है, जहां अभी तालिबान का कब्जा नहीं हुआ है। पंजशीर से जुड़े सूत्रों ने दावा किया है कि अंदराब में हुई लड़ाई में 50 से अधिक तालिबान लड़ाके मारे गए हैं और 20 से अधिक लड़ाकों को बंधक बनाया गया है।
#BreakingNews Afghan Army forces escaping to the unoccupied Panjshir Province to join the Northern Alliance fighters #Afghanistan #panjshirResistance #PanjshirValley pic.twitter.com/cj6RIEIBVy
— Conflict News (@ConflictCollec1) August 22, 2021
इस लड़ाई में तालिबान के क्षेत्रीय कमांडर के मारे जाने का दावा भी किया गया है। वहीं पंजशीर समर्थक एक लड़ाके की मौत हुई है और 6 घायल हुए हैं। हालांकि, तालिबान से जुड़े सूत्रों ने इसकी पुष्टि नहीं की है, लेकिन एक तालिबान लड़ाके ने भास्कर से कहा है, ‘पंजशीर को माफ नहीं किया जाएगा।’
पीओके में लश्कर और जैस ने तालिबान के समर्थन में निकाली रैली
आतंकवादी ग्रुप्स का समर्थन नहीं करने का पाकिस्तान का झूठ सोमवार को फिर उजागर हुआ। पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (POK) में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (JeM) और लश्कर-ए-तैयबा (LeT) ने तालिबान के समर्थन में रैली निकाली है। दोनों संगठनों के आतंकियों ने अफगानिस्तान में तालिबान के काबिज होने पर हवा में गोलियां चलाकर जश्न मनाया। इनके नेताओं ने भड़काऊ भाषण भी दिए। इधर, पाकिस्तान के कुछ पत्रकारों ने तालिबान नेता मुल्ला बरादर और ISI प्रमुख फैज हमीद की एक साथ नमाज अदा करते हुए तस्वीरें भी पोस्ट की हैं। इसने इमरान खान सरकार के लिए शर्मिंदगी और बढ़ा दी है।
बोरिस जॉनसन कर सकते हैं आपातकालीन G7 बैठक
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन मंगलवार को इमरजेंसी G7 बैठक कर सकते हैं। माना जा रहा है कि इसमें वे अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से 31 अगस्त के बाद भी अफगानिस्तान में सेना को रोकने के लिए कहेंगे, ताकि लोगों को काबुल एयरपोर्ट से निकालने के लिए और समय मिल सके। हजारों की संख्या में अफगानी और विदेशी नागरिक काबुल एयरपोर्ट पर इस इंतजार में बैठे हैं कि उन्हें कोई फ्लाइट मिले जिससे वो अफगानिस्तान छोड़कर जा सकें।
अफगानी सिखों ने श्री गुरु ग्रंथ साहिब को सिर पर रख लिया
हामिद करजई इंटरनेशनल एयरपोर्ट से एक खूबसूरत तस्वीर सामने आई है। एयरपोर्ट पर कुछ भारतीय नागरिक और 46 अफगानी हिन्दू और सिख इंतजार कर रहे थे। एयरपोर्ट पर इन लोगों को भारतीय वायु सेना के एयरक्राफ्ट की तरफ ले जाया जा रहा था। इनके पास तीन अलग-अलग गुरुद्वारों से तीन गुरु ग्रंथ साहिब भी थे, जिन्हें तीन अफगानी सिखों ने अपने सिर पर उठाया हुआ था। इन लोगों को आज भारत लाए जाने की उम्मीद है।
Afghanistan: Stranded Indian nationals and 46 Afghan Hindus & Sikhs, with 3 Sri Guru Granth Sahib, are currently inside Hamid Karzai International Airport, Kabul and are being escorted to the Indian Air Force aircraft on the ground.
(Pics Source: President, Indian World Forum) pic.twitter.com/DQxB0piHRL
— ANI (@ANI) August 23, 2021
सिखों के इस पवित्र ग्रंथ को जमीन पर नहीं रख सकते हैं, इसलिए लोग इन्हें सिर पर रखकर चल रहे थे। काबुल एयरपोर्ट पर अफरा-तफरी के माहौल के बीच कभी भी भागना पड़ सकता है, यह जानते हुए भी इन्होंने ग्रंथ साहिब को जमीन से नहीं लगने दिया। इंडियन वर्ल्ड फोरम के प्रेसिडेंट पुनीत सिंह चंडोक ने उनका वीडियो शेयर किया।
#Taliban militants moving towards #PanjshirValley to take on the resistance forces led by #AhmedMassoud and @AmrullahSaleh2 in #Afghanistan pic.twitter.com/6O3F5wHZSF
— Sudhir Chaudhary (@sudhirchaudhary) August 23, 2021
अफगानी रिफ्यूजीज ने की रिफ्यूजी कार्ड की मांग
नई दिल्ली के वसंत विहार में UNHCR के दफ्तर के बाहर सैकड़ों अफगानी रिफ्यूजीज ने प्रदर्शन किया। ये लोग यहां 5-10 साल से रह रहे हैं और उनकी मांग है कि उन्हें संयुक्त राष्ट्र की तरफ से रिफ्यूजी कार्ड जारी किया जाए।
अफगानिस्तान से जो मुस्लिम शरणार्थी यहां रह रहे हैं या जो अब आ रहे हैं, CAA के चलते उन्हें भारत में नागरिकता मिलने की उम्मीद नहीं है। उनका कहना है कि अगर उन्हें यह यह कार्ड मिल जाएगा तो उन्हें किसी और देश में नागरिकता पाने में मदद मिलेगी। यह कार्ड मिलने के बाद ही वे भारत से मूव कर पाएंगे।
एयरपोर्ट पर लड़ाई में एक अफगान सैनिक की मौत
काबुल एयरपोर्ट के नॉर्थ गेट पर अफगानी सैनिकों, वेस्टर्न सिक्योरिटी फोर्सेज और अज्ञात हमलावरों के बीच गोलाबारी हुई। जर्मन सेना के मुताबिक, इसमें एक अफगानी सैनिक मारा गया, जबकि तीन सैनिक घायल हुए हैं। इस लड़ाई में अमेरिकी और जर्मन सेनाएं भी शामिल थीं। शनिवार को काबुल एयरपोर्ट पर मची भगदड़ में अफगानिस्तान के 7 लोगों की मौत हो गई थी।
सोमवार सुबह दोहा से दिल्ली आए 146 भारतीय
दिल्ली एयरपोर्ट पर एक और विमान भारतीयों को लेकर पहुंचा है। एअर इंडिया की फ्लाइट AI972 इन्हें लेकर आई है। इससे पहले कतर एयरवेज की फ्लाइट QR578 रविवार रात 1.55 बजे 30 भारतीयों को लेकर दोहा से दिल्ली पहुंची। इसके साथ ही कुल 146 भारतीय पहुंच गए हैं।
इन सभी लोगों को रविवार को अफगानिस्तान से रेस्क्यू कर कतर की राजधानी दोहा लाया गया था। कतर में स्थित भारतीय दूतावास ने रविवार को ट्वीट कर यह जानकारी दी थी। रविवार को तीन विमानों से 390 लोग भारत लौटे, इनमें 329 भारतीय हैं।
पंजशीर में लड़ाई जारी
अफगानिस्तान के 34 में से 33 प्रांत तालिबान के कब्जे में आ गए हैं। रह गया है तो सिर्फ पंजशीर, जिसे कब्जाने के लिए तालिबान और पंजशीर के लड़ाकों के बीच लड़ाई चल रही है। इसे लेकर खबरें आ रही थीं कि पंजशीर के लड़ाकों ने तालिबान पर रास्ते में घात लगाकर हमला किया। इस हमले में तालिबान के 300 लड़ाकों को मार दिया गया है। इस खबर को तालिबान ने गलत बताया है। उल्टे तालिबान का दावा है कि उसने पंजशीर के दो जिलों पर कब्जा कर लिया है।
इधर खबर ये भी है कि अफगानिस्तान पर कब्जा करने के एक हफ्ते बाद तालिबान जल्द सरकार बनाने की घोषणा कर सकता है। इसके साथ नए राष्ट्रपति के नाम का ऐलान भी किया जा सकता है। तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने टोलो न्यूज से कहा कि नई सरकार के गठन को लेकर अफगानिस्तान के नेताओं से बातचीत जारी है। जल्द इसकी घोषणा की जाएगी।
बाइडेन ने कहा- 36 घंटे में 11 हजार लोगों को निकाला
अफगानिस्तान से लोगों को निकाले जाने का सिलसिला जारी है। तालिबान के डर के बीच रोजाना कई देशों के एयरक्राफ्ट लोगों को सुरक्षित स्थानों तक ले जा रहे हैं। रविवार को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि अमेरिका ने 36 घंटे में 11,000 लोगों को निकाला है। उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका ने काबुल एयरपोर्ट पर सेफ जोन बढ़ाया है। इसमें तालिबान ने उनकी मदद की है।