सीरिया छोड़ भागे असद को पुतिन ने दी पनाह:तुर्किये 6 महीने पहले से जानता था विद्रोही तख्तापलट करेंगे; भारत बोला- हालात पर हमारी नजर
नाटो हेड मार्क रूटे ने सीरिया में शांतिपूर्ण पावर ट्रांसफर की उम्मीद जाहिर की। उन्होंने कहा कि सीरिया के नए नेताओं को देश में कानून के शासन को बनाए रखना चाहिए, नागरिकों की रक्षा करनी चाहिए और धार्मिक अल्पसंख्यकों का सम्मान करना चाहिए। उन्होंने कहा- रूस और ईरान असद सरकार के खास सपोटर थे और वो सीरियाई लोगों के खिलाफ किए गए अपराधों के लिए जिम्मेदार हैं।
सीरिया में विद्रोहियों के कब्जे के बाद राष्ट्रपति बशर अल-असद देश छोड़कर रूस भाग गए हैं। रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने असद और उनके परिवार को राजीतिक शरण दी है। जबकि अमेरिका ने सीरिया में असद सरकार के पतन का स्वागत किया है।
रूस के राष्ट्रपति आवास के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने जानकारी दी है कि सीरिया के राष्ट्रपति को शरण देना पुतिन का निजी फैसला था। पेस्कोव ने कहा कि वह ये जानकारी नहीं देंगे कि असद को कहां ठहराया गया है। वहीं न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने दावा किया है कि विद्रोहियों ने 6 महीने पहले ही तुर्किये को ये जानकारी दे दी थी कि वे असद का तख्तापलट करने वाले हैं।
दूसरी तरफ, असद सरकार के सहयोगी ईरान ने सीरिया में हुए तख्तापलट को लेकर हैरानी जताई है। ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अरागची ने रविवार को कहा, “इस बात से हैरान हूं कि सीरियाई सेना, विद्रोहियों को रोक नहीं सकी, यह सब बहुत तेजी से हुआ।”
अरागची ने यह भी कहा कि सीरिया के राष्ट्रपति असद ने ईरान से कोई मदद नहीं मांगी थी। वहीं, भारत भी सीरिया के हालात पर नजर बनाए हुए है। विदेश मंत्रालय ने सोमवार को जारी बयान में कहा-
हमारी अपील है कि सीरिया की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता की रक्षा हो। लोगों के हितों को ध्यान में रखते हुए वहां शांति के साथ राजनीतिक प्रक्रिया आगे बढ़ाई जाए।
तस्वीरों में सीरिया के हालात…