खतरे का अंदेशा:इमरान खान के पूर्व सलाहकार और चीफ सेक्रेटरी मुल्क से भागे; पूर्व चीफ जस्टिस भी PAK से US पहुंचे

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पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की सरकार बहुत बड़े राजनीतिक संकट से गुजर रही है। 25 या 28 मार्च को संसद में नो कॉन्फिडेंस मोशन यानी अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग होगी। कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। कहा जा रहा है कि इमरान फ्लोर टेस्ट के पहले ही इस्तीफा दे देंगे।

ये भी कयास हैं कि वो संसद में भाषण के बाद कुर्सी छोड़ेंगे। बहरहाल, खान कुर्सी छोड़ें या न छोड़ें, उनके पूर्व करीबी मुल्क जरूर छोड़ने लगे हैं। खास बात ये है कि पाकिस्तान के कई जर्नलिस्ट इस बारे में पहले ही आशंका जता रहे थे।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इमरान के पूर्व एडवाइजर शहजाद अकबर, चीफ सेक्रेटरी आजम खान और पूर्व चीफ जस्टिस ऑफ पाकिस्तान जस्टिस गुलजार अहमद मुल्क छोड़ चुके हैं। यहां जानते हैं आखिर इन तीनों की अचानाक चर्चा क्यों होने लगी है।

शहजाद अकबर
अकबर भ्रष्टाचार और आंतरिक मामलों पर इमरान के सलाहकार थे। खान उन्हें ब्रिटेन से पाकिस्तान लाए थे। इमरान चाहते थे कि नवाज शरीफ और उनके परिवार को भ्रष्टाचार के मामलों में सजा दिलाई जाए। नवाज तो जेल से इलाज के लिए लंदन चले गए। देश में उनके भाई शहबाज और बेटी मरियम रह गईं।

अकबर ने दर्जनों प्रेस कॉन्फ्रेंस कीं और वहीं शरीफ परिवार को दोषी करार दिया, लेकिन अदालत ने सबको बरी कर दिया, क्योंकि सबूत नहीं थे। रिंग रोड, शुगर, हाउसिंग जैसे घोटालों के आरोप इमरान सरकार पर लगे। इस पर चुप्पी साध ली गई। फिर जनवरी के आखिर में बहुत दबे सुरों में अकबर के इस्तीफे की खबर आई। इसके बाद वो कहीं नजर नहीं आए। अब कहा जा रहा है कि वो परिवार समेत लंदन लौट चुके हैं।

शहजाद अकबर को इमरान ने नवाज शरीफ के परिवार के खिलाफ मोर्चे पर लगाया था।
शहजाद अकबर को इमरान ने नवाज शरीफ के परिवार के खिलाफ मोर्चे पर लगाया था।

जस्टिस गुलजार अहमद
जनवरी तक गुलजार पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस थे। उनके बारे में मिलीजुली बातें कही जाती हैं। एक तरफ तो उन्होंने इमरान सरकार को गवर्नेंस के मुद्दे पर फटकार लगाई और सरकार चलाने के तौर तरीकों पर सवाल उठाए। तो वहीं दूसरी तरफ, कुछ साफ इशारे इस बारे में भी मिले कि वो फौज के कहने पर फैसले करते हैं।

जस्टिस गुलजार ने भ्रष्टाचार के कई मुद्दों पर फैसले लटकाए रखे। इनमें ज्यादातर सरकार से जुड़े मामले थे। उन्होंने फौज को आखिरी वक्त में नाराज कर दिया। एक फैसले में कहा- आर्मी को जमीन मुल्क की हिफाजत के लिए दी गई है। वो उन पर मैरिज हॉल और थिएटर बनाकर पैसा क्यों कमा रही है? गुलजार का परिवार जनवरी में उनके रिटायर होने के काफी पहले ही अमेरिका जा चुका था। इस महीने की शुरुआत में उन्होंने भी मुल्क छोड़ दिया।

इमरान के साथ जस्टिस गुलजार अहमद। बीच में राष्ट्रपति आरिफ अल्वी नजर आ रहे हैं।
इमरान के साथ जस्टिस गुलजार अहमद। बीच में राष्ट्रपति आरिफ अल्वी नजर आ रहे हैं।

आजम खान
इमरान की सरकार पौने चार से सत्ता में है। कहा जाता है कि इमरान के फैसलों के पीछे दिमाग उनके चीफ या प्रिंसिपल सेक्रेटरी आजम खान का होता है। उनके ही इशारों पर तमाम बड़े जर्नलिस्ट्स को चैनलों ने नौकरी से निकाला। इनमें हामिद मीर, सलीम साफी, असद अली तूर, आलिया शाह, रिजवान रजी और आरजू काजमी शामिल हैं। अब यही जर्नलिस्ट्स सोशल मीडिया पर इमरान और उनके मंत्रियों के काले कारनामे सामने ला रहे हैं। विपक्ष के नेता मौलाना फजल-उर-रहमान ने साफ कहा था कि आजम ने मुल्क को तबाह कर दिया। आजम खान वक्त की नजाकत भांप गए। कहा जा रहा है कि पिछले शुक्रवार को वो दुबई पहुंचे और वहां से एक प्राईवेट प्लेन से अमेरिका के मियामी चले गए।

इमरान के साथ चीफ सेक्रेटरी आजम खान। आजम बिना इस्तीफा दिए मुल्क छोड़ गए हैं।
इमरान के साथ चीफ सेक्रेटरी आजम खान। आजम बिना इस्तीफा दिए मुल्क छोड़ गए हैं।

अमेरिका में रहने वाले पाकिस्तानी वकील, जर्नलिस्ट और सोशल वर्कर डॉक्टर साजिद तराड़ ने कहा- इमरान के करीबियों के भागने का सिलसिला सिर्फ शुरू हुआ है। अभी कम से कम 8 मिनिस्टर मुल्क छोड़ेंगे। नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर मोईद यूसुफ भी बस जाने ही वाले हैं। इमरान के बच्चे लंदन में हैं। वो भी वहां चले जाएं तो हैरानी की बात नहीं होगी।

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