अमेरिका का गंभीर आरोप:चीन में हिंदू और ईसाई लड़कियों की मार्केटिंग करता है पाकिस्तान, उन्हें दासी बताया जाता है

सैमुअल ने पाकिस्तान को लेकर हैरान करने वाले खुलासे किए हैं। उनके मुताबिक- अल्पसंख्यक समुदाय की महिलाओं को चीन के लोगों से शादी के लिए मजबूर किया जाता है। उन्हें चीन में दासी के तौर पर पेश किया जाता है और उनकी मार्केटिंग की जाती है। यह इसलिए होता है क्योंकि इन महिलाओं के पास कोई सपोर्ट नहीं है और पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों से घिनौने स्तर पर भेदभाव किया जाता है।

पाकिस्तान में अल्पसंख्यक बेहद खराब हालात में जी रहे हैं। इसमें चीन भी भागीदार है। एक अमेरिकी डिप्लोमैट के मुताबिक, पाकिस्तान हिंदू और ईसाई लड़कियों को चीन में दासी बताकर उनकी मार्केटिंग करता है। यह आरोप सैमुअल ब्राउनबैक ने लगाया है। वे यूएस एडमिनिस्ट्रेशन में रिलीजियस फ्रीडम डिपार्टमेंट के बड़े अफसर हैं।

जबरदस्ती शादी कराई जाती है
सैमुअल ने पाकिस्तान को लेकर हैरान करने वाले खुलासे किए हैं। उनके मुताबिक- अल्पसंख्यक समुदाय की महिलाओं को चीन के लोगों से शादी के लिए मजबूर किया जाता है। उन्हें चीन में दासी के तौर पर पेश किया जाता है और उनकी मार्केटिंग की जाती है। यह इसलिए होता है क्योंकि इन महिलाओं के पास कोई सपोर्ट नहीं है और पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों से घिनौने स्तर पर भेदभाव किया जाता है।

पाकिस्तान पर नजर
अमेरिका ने हाल ही में 10 ऐसे देशों की लिस्ट जारी की थी, जिनमें धार्मिक आजादी नहीं है। इस सूची में पाकिस्तान के अलावा उसका सदाबहार दोस्त चीन भी शामिल है। चीन में उईगर मुस्लिमों का मामला लंबे वक्त से चल रहा है। चीन में दशकों तक वन-चाइल्ड पॉलिसी रही। यहां महिलाओं की कमी है और यही वजह है कि चीनी पुरुष कई देशों की महिलाओं से शादी करते हैं। इन्हें नौकरानी के तौर पर भी इस्तेमाल किया जाता है।

यह फोटो पिछले साल मई में पाकिस्तान के एक जर्नलिस्ट ने सोशल मीडिया पर शेयर की थी। जर्नलिस्ट के मुताबिक, गरीब पाकिस्तानी पैसे के लालच में अपनी बेटियों की शादी चीनी नागरिकों से करते हैं। कुछ महीनों बाद यह शादियां टूट जाती हैं। (फाइल)
यह फोटो पिछले साल मई में पाकिस्तान के एक जर्नलिस्ट ने सोशल मीडिया पर शेयर की थी। जर्नलिस्ट के मुताबिक, गरीब पाकिस्तानी पैसे के लालच में अपनी बेटियों की शादी चीनी नागरिकों से करते हैं। कुछ महीनों बाद यह शादियां टूट जाती हैं। (फाइल)

भारत इस सूची से बाहर
यूएस कमीशन फॉर इंटरनेशनल रिलीजियस फ्रीडम (USCIRF) ने भारत को भी इस लिस्ट में रखने का सुझाव दिया था। इसकी वजह भारत का हालिया कानून सिटीजनशिप अमेंडमेंट एक्ट (CAA) बताया गया। लेकिन, विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने यह मांग ठुकरा दी। सैमुअल ने कहा- हम भारत के हालात पर भी नजर रख रहे हैं।

पाकिस्तान के एक रिपोर्टर ने सैमुअल से पूछा- पाकिस्तान को आपने इस लिस्ट में रखा, भारत को नहीं। ऐसा क्यों? इस पर उन्होंने कहा- पाकिस्तान में सरकार अल्पसंख्यकों के खिलाफ काम करती है। भारत में ऐसा नहीं होता। दुनिया में ईश निंदा के जितने मामले सामने आते हैं, उनमें से आधे पाकिस्तान में हैं।

Leave A Reply

Your email address will not be published.