इनसाइड स्टोरी:आर्मी-ISI इमरान का भाषण रोकना चाहती थीं, 24 घंटे गिड़गिड़ाने के बाद मिली मंजूरी; फिर भी फिसली जुबान
इमरान बोले- भारत एक खुद्दार कौम, आज दुनिया में उसके पासपोर्ट की इज्जत, हम पैसों के लिए इधर-उधर होते रहे
इमरान बोले- भारत एक खुद्दार कौम, आज दुनिया में उसके पासपोर्ट की इज्जत, हम पैसों के लिए इधर-उधर होते रहे
इस्लामाबाद .पाकिस्तानी मीडिया की मानें तो इमरान खान की सरकार अब महज दो दिन की मेहमान है। विपक्षी गठबंधन पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (PDM) के पास 200 से ज्यादा सांसदों का समर्थन है। इमरान खान 140 से आगे जाते नहीं दिख रहे। बहुमत का आंकड़ा 172 है। कुर्सी जाते देख खान ने गुरुवार रात देश को संबोधित किया।
मजे की बात यह है कि यह संबोधन फौज और ISI की निगरानी में हुआ। एक दिन पहले यानी बुधवार को यही टेलिकास्ट ऐन वक्त पर रद्द कर देना पड़ा था। इस मामले से जुड़ी कुछ रोचक बातें सामने आ रही हैं। चलिए इन पर नजर डालते हैं।
बुधवार को क्यों रद्द हुई स्पीच?
बुधवार सुबह इमरान खान के ऑफिस से एक बयान जारी हुआ। कहा गया- प्रधानमंत्री शाम 7.30 बजे देश को संबोधित करेंगे। तमाम मीडिया चैनलों ने स्लॉट बुक कर दिए। शेड्यूल प्रोग्राम कैंसिल हो गए। रात के 9 बज गए, लेकिन इमरान टीवी पर नहीं आए। कानाफूसी होने लगी कि आखिर लेट-लतीफी क्यों हो रही है। कुछ देर बाद एक और बयान आया। इसमें कहा गया कि इमरान आज देश को संबोधित नहीं करेंगे।
मशहूर जर्नलिस्ट हामिद मीर ने जियो टीवी पर अपने प्रोग्राम में कहा- दो अहम शख्सियतों ने संबोधन से पहले इमरान से मुलाकात की। इसके बाद तय हो गया कि इमरान की स्पीच नहीं होगी।
एक और जर्नलिस्ट असद अली तूर ने तो नाम भी साफ कर दिए। कहा- ISI चीफ लेफ्टिनेंट नदीम अंजुम और आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा इमरान से मिले और उन्हें दो टूक लफ्जों में बता दिया कि वो देश को संबोधित नहीं कर सकते।

फौज और ISI को किस बात का डर?
असद अली तूर कहते हैं- ISI और आर्मी चीफ ने इमरान को साफ बता दिया कि उनकी सरकार रहे या न रहे, पाकिस्तान हमेशा रहेगा। इसलिए वो सियासी फायदे के लिए ऐसी कोई बात न करें जिससे पहले ही अलग-थलग पड़े पाकिस्तान की मुश्किलों में इजाफा हो।
दरअसल, इमरान उस कथित लेटर पर बात करना चाहते थे, जिसे उन्होंने 27 मार्च को इस्लामाबाद की रैली में जनता के सामने लहराया था। खान दावा करते हैं कि यह खत किसी विदेशी ताकत ने उन्हें भेजा है और इसमें सरकार गिराने की धमकी है। खान का दावा है कि यह साजिश अमेरिका रच रहा है।

फिर गुरुवार को भाषण कैसे होने दिया?
पत्रकार इमरान शफकत कहते हैं- इमरान चूंकि देश के नाम संबोधन का वादा कर चुके थे, तो उनके लिए यह नाक का सवाल बन गया था। उन्होंने अंजुम और बाजवा से हाथ जोड़कर तमाम मिन्नतें कीं। कहा कि उन्हें बतौर वजीर-ए-आजम आखिरी पैगाम का मौका मिलना चाहिए। दोनों अफसर तैयार हो गए, लेकिन इसे प्री-रिकॉर्डेड फॉर्म में जारी करने को कहा। इस पर इमरान ने फिर मिन्नतें कीं।
आखिरकार ये तय हुआ कि इमरान लाइव स्पीच देंगे, लेकिन लेटर के बारे में अमेरिका का नाम जुबान पर नहीं लाएंगे। अब पता नहीं ये जानबूझकर हुआ या अनजाने में, लेकिन इमरान के मुंह से अमेरिका का नाम निकल गया।

बहुत बड़ी कीमत चुकाएगा पाकिस्तान
अमेरिका में रहने वाले पाकिस्तानी वकील और पॉलिटिकल एनालिस्ट डॉक्टर साजिद तराड़ कहते हैं- इमरान की गलती की कीमत पाकिस्तान की आने वाली नस्लें चुकाएंगी। अमेरिका सुपर पावर था और रहेगा। अब अमेरिका और यूरोपीय यूनियन हमें सबक सिखाएंगे।
वैसे भी अमेरिका हो या सोमालिया, कोई देश इतना मूर्ख नहीं कि दूसरे देश के खिलाफ साजिश या धमकी लिखित में भेज दे। इमरान के लिए अब पश्चिमी देशों में रहने की जगह नहीं बचेगी और जेल में रहने की उन्हें आदत नहीं। उनका बहुत बुरा वक्त शुरू हो चुका है।
वहीं दूसरी तरफ पाकिस्तान को कल 40 मिनट तक संबोधित करने के बाद इमरान खान ने आज पाकिस्तानी मीडिया चैनल को दिए इंटरव्यू में भारत को खुद्दार कौम बताया। इसके साथ ही उन्होंने पाकिस्तान की विदेश नीति पर तंज कसते हुए कहा- जब तक रूस और अमेरिका के बीच कोल्ड वॉर चलती रही, भारत पूरी तरह किसी के साइड नहीं गया। आज हिंदुस्तान की विदेश नीति की वजह से दुनिया भर में उसके पासपोर्ट की इज्जत है। जब आप खुद्दार कौम होते हैं तो लोग आपकी इज्जत करते हैं।
इमरान ने आगे कहा- पाकिस्तान पैसों के लिए एक साइड से दूसरी आता-जाता रहा। आज हमारे पाकिस्तान के पासपोर्ट की क्या इज्जत है। जुल्फिकार अली भुट्टो आजाद विदेश नीति चाहते थे, लेकिन तब के मीर जाफर और मीर सादिक ने विदेशी लोगों के साथ मिलकर उन्हें मरवा दिया।
तालिबान के खिलाफ पाकिस्तान की जंग को लेकर इमरान ने कहा- जब तालिबान रूस के खिलाफ लड़ रहा था तो हम कह रहे थे विदेशी कब्जे के खिलाफ लड़ाई करना जिहाद है। जब अमेरिका अफगानिस्तान पहुंचा तो हम कहने लगे वो दहशतगर्दी के खिलाफ लड़ाई लड़ रहा है। इसके बाद मुल्क की क्या हैसियत रह गई। दुनिया ने हमें जलील किया।
पाकिस्तान सियासत के अन्य बड़े अपडेट्स…
- मंत्री फवाद चौधरी के मुताबिक, सुरक्षा एजेंसियों ने बताया है कि इमरान को मारने की साजिश की जा रही है, जिसके बाद उनकी सिक्योरिटी भी बढ़ा दी गई है।
- आज विपक्ष अपनी रणनीति पर फिर चर्चा करेगा। जरदारी के घर शहबाज शरीफ और मौलाना रहमान जुटेंगे।
- इमरान का पंजाब प्रांत में परवेज इलाही को मुख्यमंत्री बनाने का दांव फेल होता नजर आ रहा है। इमरान की पार्टी के विधायक इस बात से नाराज हैं कि कैसे 5 सीटों वाली पार्टी के नेता को सबसे अहम सूबे का CM पद दिया जा रहा है, जबकि 158 सीटों वाली पार्टी उसे समर्थन दे रही है।
बहस और वोटिंग कब
इससे पहले पाकिस्तानी संसद में गुरुवार को अविश्वास प्रस्ताव पर बहस नहीं हो सकी। अब 3 अप्रैल को प्रस्ताव पर बहस और वोटिंग हो सकती है। हालांकि, स्पीकर इसमें कोई अड़ंगा भी लगा सकते हैं। अगर ऐसा हुआ तो विपक्ष सुप्रीम कोर्ट जाएगा और फिर मामला टल सकता है। इमरान सरकार भी यही चाहती है कि किसी तरह वोटिंग टल जाए, क्योंकि उन्हें करारी शिकस्त सामने नजर आ रही है। विपक्ष भी सरकार की रणनीति समझता है, लिहाजा वो वोटिंग पर ही जोर दे रहा है।
इमरान का देश को संबोधन
गुरुवार रात इमरान तय वक्त से करीब एक घंटे बाद मुल्क से मुखातिब हुए। आधा वक्त मजहबी बातों में गुजार दिया। दो बार भारत और एक बार हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जिक्र किया। अमेरिका का एक बार सीधा नाम लिया और फिर कन्नी काटते भी दिखे। उस सीक्रेट लेटर पर भरपूर जोर दिया जो कथित तौर पर अमेरिका से भेजा गया है। विपक्ष के तीन बड़े नेताओं शहबाज शरीफ, आसिफ अली जरदारी और मौलाना फजल-उर-रहमान को फिर तीन चूहे बताया