पाकिस्तान / आजादी मार्च में मौलाना फजलुर की मांग- इमरान 48 घंटे में इस्तीफा दें, देश बेचने का आरोप

मौलाना फजलुर रहमान का आजादी मार्च शुक्रवार को इस्लामाबाद पहुंचा, करीब दो लाख लोग शामिल मौलाना के मार्च में नवाज के भाई शहबाज और बिलावल भुट्टो भी शामिल, सरकार पर दबाव बढ़ा बिलावल ने कहा- इमरान ने हर मुद्दे पर लोगों को धोखा दिया, भारत ने कश्मीर में जो कुछ किया, उसको रोक भी नहीं पाए

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इस्लामाबाद. प्रधानमंत्री इमरान खान के इस्तीफे की मांग पर अड़े मौलाना फजलुर रहमान का आजादी मार्च शुक्रवार को इस्लामाबाद पहुंच गया। मौलाना ने करीब दो लाख प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए सरकार को अल्टीमेटम दे दिया। कहा- हम इमरान खान को दो दिन यानी 48 घंटे का वक्त देते हैं। वे इस्तीफा दें और घर जाएं। पाकिस्तान ने इमरान से ज्यादा बेगैरत प्रधानमंत्री नहीं देखा। उन्होंने मुल्क को बेच दिया है। इस्लामाबाद पहुंचे इस आजादी मार्च में नवाज शरीफ के भाई शहबाज और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो भी शामिल हुए।

‘सिलेक्टेड पीएम मंजूर नहीं’
मौलाना से पहले बिलावल भुट्टो ने भाषण दिया। कहा, “हम ऐसे प्रधानमंत्री को इज्जत नहीं दे सकते जो इलेक्टेड नहीं, सिलेक्टेड है। विपक्ष के नेताओं को जेल भेजकर वे डेमोक्रेसी के नाम पर तानाशाही चला रहे हैं। अवाम भुखमरी की कगार पर है।” मौलाना रहमान ने भी भुट्टो की बात का समर्थन किया। कहा, “इमरान ने हर मुद्दे पर लोगों को धोखा दिया। वे कश्मीर का राग अलापते हैं। भारत ने कश्मीर में जो कुछ किया। उसको रोक भी नहीं पाए। मुस्लिम वर्ल्ड की बात करते हैं लेकिन यूएन में 5 मुल्कों का समर्थन हासिल नहीं कर सके। 48 घंटे का वक्त है। वे कुर्सी छोड़ें। अगर ऐसा नहीं हुआ तो हम आगे की रणनीति बनाकर आए हैं। खाली हाथ लौटकर जाने का इरादा नहीं है।”

दबाव में इमरान सरकार
तेजगाम एक्सप्रेस रेल हादसे में 75 लोगों की मौत के बाद इमरान सरकार और दबाव में आ गई। रेल मंत्री शेख रशीद ने इस्तीफा देना तो दूर हादसे को हंसी में टाल दिया। उनका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इमरान सरकार को लगता था कि आजादी मार्च में ज्यादा से ज्यादा 20 हजार लोग शामिल होंगे। लेकिन, इनकी तादाद करीब 2 लाख है। इस्लामाबाद की कानून व्यवस्था खतरे में पड़ गई है। इमरान ने शुक्रवार को इस्तीफे से इनकार करते हुए मौलाना को एक तरह से भारत का एजेंट बता दिया। लेकिन, वो दबाव में हैं। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि शुक्रवार को ही उन्होंने तीन बार मंत्रियों के साथ बैठक की। सेना ने अब तक चुप्पी साध रखी है।

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को सत्ता से उखाड़ फेंकने के लिए धार्मिक गुटों के साथ विपक्षी दल भी एकजुट हो गए हैं. शुक्रवार को विपक्षी पार्टियों ने जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम-फजल (जेयूआई-एफ) के मौलाना फजलुर रहमान के साथ मिलकर अभियान तेज कर दिया है. साथ ही पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान को इस्तीफा देने के लिए 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया है. हम आपको बताने जा रहे हैं मौलाना फजलुर रहमान के बारे में जिसके कारण इमरान खान की सरकार के तख्तापलट की नौबत आ गई है.पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को सत्ता से उखाड़ फेंकने के लिए धार्मिक गुटों के साथ विपक्षी दल भी एकजुट हो गए हैं. शुक्रवार को विपक्षी पार्टियों ने जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम-फजल (जेयूआई-एफ) के मौलाना फजलुर रहमान के साथ मिलकर अभियान तेज कर दिया है. साथ ही पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान को इस्तीफा देने के लिए 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया है. हम आपको बताने जा रहे हैं मौलाना फजलुर रहमान के बारे में जिसके कारण इमरान खान की सरकार के तख्तापलट की नौबत आ गई है.

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