​​​​​​​मस्क ने भारतीय चुनाव में अमेरिकी फंडिंग रोकी:182 करोड़ मिलते थे, भाजपा बोली- कांग्रेस-सोरोस ने इलेक्शन प्रॉसेस में दखल दिया

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के सहयोगी इलॉन मस्क ने भारत के चुनाव में मतदाताओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए दी जाने वाली 182 करोड़ रुपए की फंडिंग रद्द कर दी है। मस्क के नेतृत्व वाले डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी (DOGE) ने शनिवार को ये फैसला लिया।

DOGE ने एक लिस्ट जारी की है। इसमें डिपार्टमेंट की तरफ से 15 तरह के प्रोग्राम्स की फंडिंग रद्द की गई है। इसमें एक प्रोग्राम दुनियाभर में चुनाव प्रक्रिया को मजबूत बनाने के लिए भी है, जिसका फंड 4200 करोड़ रुपए है। इस फंड में भारत की हिस्सेदारी 182 करोड़ रुपए की है।

फैसले पर BJP आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने दावा किया है कि इस फंड का इस्तेमाल भारतीय चुनाव को प्रभावित करने के लिए किया गया। उन्होंने कांग्रेस पार्टी और अमेरिकी बिजनेसमेन जॉर्ज सोरोस पर भारत में चुनाव प्रक्रिया में दखल देने का आरोप लगाया है।

BJP ने चुनाव में फंडिंग पर सवाल उठाए

BJP नेता अमित मालवीय ने DOGE के फैसले पर प्रतिक्रिया दी है। इसमें उन्होंने भारत के चुनाव में 182 करोड़ की फंडिंग को लेकर सवाल उठाया।

उन्होंने X पोस्ट में कहा- 21 मिलियन डॉलर (182 करोड़ रुपए) वोटर टर्नआउट बढ़ाने के लिए? यह साफ तौर पर देश की चुनावी प्रक्रिया में बाहरी दखल है। इस फंड से किसे फायदा होगा। जाहिर है इससे सत्ताधारी (BJP) पार्टी को तो फायदा नहीं होगा।

एक दूसरे पोस्ट में अमित मालवीय ने कांग्रेस पार्टी और जॉर्ज सोरोस पर भारतीय चुनाव में हस्तक्षेप का आरोप लगाया। मालवीय ने सोरोस को गांधी परिवार का जाना-माना सहयोगी बताया।

मालवीय ने X पर लिखा कि 2012 में एसवाई कुरैशी के नेतृत्व में चुनाव आयोग ने इंटरनेशनल फाउंडेशन फॉर इलेक्टोरल सिस्टम्स (IFES) के साथ एक MoU साइन किया था। ये संस्था जॉर्ज सोरोस के ओपन सोसाइटी फाउंडेशन से जुड़ा है। इसे मुख्य तौर पर USAID से आर्थिक मदद मिलती है।

भाजपा प्रवक्ता की पोस्ट में पूर्व इलेक्शन कमिश्नर, कांग्रेस और सोरोस पर आरोप

PM मोदी से 3 दिन पहले मिले मस्क

अमेरिकी दौरे पर गए PM मोदी ने गुरुवार, 13 फरवरी को DOGE प्रमुख इलॉन मस्क से मुलाकात की थी। PM से मिलने के लिए मस्क ब्लेयर हाउस पहुंचे थे। पीएम मोदी ने इलॉन मस्क से मुलाकात की तस्वीरें अपने X अकाउंट पर शेयर कीं।

पीएम ने लिखा था, ‘इलॉन मस्क से अच्छी मुलाकात हुई। हमने कई मुद्दों पर बातचीत की। इनमें वे मुद्दे शामिल थे, जिन्हें लेकर मस्क बेहद जुनूनी हैं। जैसे- स्पेस, मोबिलिटी, टेक्नोलॉजी और इनोवेशन। मैंने उनसे ‘मिनिमम गवर्नमेंट, मैक्सिमम गवर्नेंस’ को बढ़ावा देने के भारत के प्रयासों के बारे में बात की।’

ब्लेयर हाउस में PM मोदी और इलॉन मस्क की मुलाकात की तस्वीर।
ब्लेयर हाउस में PM मोदी और इलॉन मस्क की मुलाकात की तस्वीर।
पीएम ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर मस्क के परिवार से मिलने की खुशी जताई।
पीएम ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर मस्क के परिवार से मिलने की खुशी जताई।

बांग्लादेश को मिलने वाली फंडिंग भी बंद

DoGE की तरफ से जारी की गई लिस्ट में बांग्लादेश को मिलने वाली 251 करोड़ रुपए की फंडिंग भी शामिल है। यह फंड बांग्लादेश में राजनीतिक माहौल को मजबूत करने के लिए दिया जा रहा था।

यह फंडिंग ऐसे समय में रोकी गई है, जब बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार गिराने में अमेरिका के डीप स्टेट को संदिग्ध माना जा रहा है। जब मोदी की अमेरिका विजिट के दौरान ट्रम्प से इस बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने जवाब दिया कि बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन में अमेरिका का हाथ नहीं है।

ट्रम्प ने कहा,

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इसमें हमारे डीप स्टेट का कोई रोल नहीं था। यह ऐसी बात है, जिस पर भारतीय पीएम लंबे समय से काम कर रहे हैं। इस पर कई साल से काम हो रहा है। मैं इसके बारे में पढ़ता रहा हूं, लेकिन बांग्लादेश के मुद्दा पर पीएम मोदी बात करें तो बेहतर होगा।

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हालांकि, ये साफ नहीं है कि ट्रम्प ने भारत की तरफ से कौन से काम का जिक्र किया था। इसके बाद पीएम मोदी और ट्रम्प की मुलाकात हुई, जिसमें दोनों ने बांग्लादेश के हालात पर चर्चा की थी।

14 अमेरिकी राज्यों ने DoGE को लेकर ट्रम्प और मस्क पर केस किया

नवंबर में चुनाव जीतने के बाद ट्रम्प ने सरकारी फिजूलखर्ची को कम करने के लिए डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी (DoGE) नाम से नया विभाग बनाने का ऐलान किया था। इसका प्रमुख इलॉन मस्क को बनाया गया है।

अब अमेरिका के 14 राज्यों ने इसी फैसले को लेकर ट्रम्प और मस्क के खिलाफ केस किया है। ये राज्य इलॉन DoGE प्रमुख बनाए जाने से नाराज हैं। राज्यों के मुताबिक, DoGE प्रमुख के तौर पर इलॉन के हाथ में बड़ी ताकत आ गई है, जो अमेरिकी संविधान के उल्लंघन में है।

वॉशिंगटन डीसी के एक फेडरल कोर्ट में गुरुवार को दाखिल मुकदमे में कहा गया है कि सरकारी वर्कफोर्स को हटाने और एक ही बार में पूरे के पूरे डिपार्टमेंट को खत्म कर देने की जो असीमित ताकत राष्ट्रपति ट्रम्प से मस्क को मिली है, बेहद चौंकाने वाली है।

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