पीएम मोदी की इलॉन मस्क से मुलाकात:अमेरिकी NSA और नेशनल इंटेलिजेंस डायरेक्टर से भी मिले; रात में ट्रम्प से द्विपक्षीय बातचीत होगी
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और पीएम मोदी की देर रात ढाई बजे व्हाइट हाउस में मुलाकात होगी। इसके बाद कई ऐलान हो सकते हैं।
दोनों इस दौरान द्विपक्षीय बैठक करेंगे और इसके बाद प्रेस स्टेटमेंट भी जारी किया जाएगा। कहा जा रहा है कि मुलाकात में दोनों नेता टैरिफ और अवैध भारतीय अप्रवासियों समेत कई मुद्दे पर बात करेंगे।
इससे पहले गुरुवार रात करीब 9 बजे (भारतीय समयानुसार) मोदी ने अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) माइक वाल्ट्ज से मुलाकात की। इस बैठक में भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर और NSA अजित डोभाल भी मौजूद रहे।
इसके बाद पीएम मोदी इलॉन मस्क से मिले। मस्क अपने परिवार के साथ ब्लेयर हाउस पहुंचे थे। मस्क ने पीएम मोदी को तोहफे में मेमेंटो (स्मृतिचिह्न) दिया।
https://x.com/narendramodi/status/1890087462258766113
पीएम मोदी ने अपने X पर पोस्ट करके अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइक वॉल्ट्ज से मुलाकात की जानकारी दी। पीएम ने लिखा, ‘NSA माइकल वॉल्ट्ज से सार्थक मुलाकात हुई। वे हमेशा से भारत के अच्छे दोस्त रहे हैं। डिफेंस, टेक्नोलॉजी और सुरक्षा भारत-अमेरिका के रिश्तों की अहम कड़ियां हैं और हमने इन मुद्दों पर बहुत अच्छी चर्चा की। AI, सेमिकंडक्टर्स, स्पेस और कई अन्य सेक्टर्स में मजबूत साझेदारी की संभावनाएं मौजूद हैं।’
पीएम मोदी की अमेरिकी यात्रा क्यों मायने रखती है?
पीएम मोदी और ट्रम्प की मुलाकात तीन वजहों के चलते अहम है…
अवैध अप्रवासी मुद्दा: पिछले सप्ताह अमेरिका से 104 अवैध भारतीय अप्रवासियों को भारत भेजा गया था। इनके हाथ में हथकड़ी और पैर में बेड़ियां लगी थीं। इसे लेकर विपक्ष ने संसद में हंगामा किया था और केंद्र सरकार की आलोचना की थी।
व्यापार और टैरिफ: टैरिफ को ‘सबसे सुंदर शब्द’ कहने वाले ट्रम्प ने भारत को ‘टैरिफ किंग’ करार दे चुके हैं। उनका आरोप है कि भारत सबसे ज्यादा टैरिफ लगाने वाले देशों में से एक है। उन्होंने भारत पर टैरिफ लगाने की धमकी दी है। ऐसे में मोदी और ट्रम्प की टैरिफ को लेकर बातचीत अहम हो सकती है।
चीन से निपटने में कारगर: ट्रम्प पहले अमेरिकी राष्ट्रपति थे जिन्होंने चीन को रणनीतिक प्रतिद्वंद्वी बताया था। भारत उत्तर और उत्तर-पूर्वी सीमा पर पहले ही चीन की चुनौती का सामना कर रहा है। इसके साथ ही इंडो-पेसिफिक क्षेत्र में भी उसे चीन से चुनौती मिल रही है। ऐसे में चीन का सामना करने के लिए अमेरिका बेहतर सहयोगी हो सकता है।
मोदी से मुलाकात के 8 घंटे पहले ट्रम्प का ऐलान:भारत समेत सभी देशों पर जैसे-को-तैसा टैरिफ लगाएंगे; भारतीय अप्रवासियों का दूसरा विमान भेजने की तैयारी
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ने PM मोदी से मुलाकात के 8 घंटे पहले भारत समेत सभी देशों पर जैसे को तैसा टैरिफ (रेसिप्रोकल टैरिफ) लगाने की बात कही है। रेसिप्रोकल टैरिफ यानी जो देश अमेरिकी सामान पर जितना टैरिफ लगाएगा, अमेरिका भी उस देश के सामान पर उतना ही टैरिफ लगाएगा।
पीएम मोदी से मुलाकात के बाद ट्रम्प शुक्रवार सुबह इसका ऐलान करेंगे। ट्रम्प ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर इसे सबसे बड़ा दिन बताया है। साथ अपने दूसरे कार्यकाल के पहले तीन हफ्तों को सबसे बेहतर कहा है। ट्रम्प ने कहा-

3 सप्ताह शानदार रहे। शायद अब तक के सबसे बेहतरीन, लेकिन आज का दिन सबसे खास होगा।
वहीं, मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पीएम मोदी के अमेरिका दौरे के बीच अमेरिका दूसरी फ्लाइट से अवैध अप्रवासी भारतीयों को वापस भेज सकता है। इस फ्लाइट के 15 फरवरी को अमृतसर पहुंचने के कयास लगाए जा रहे हैं। फिलहाल इसे लेकर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। पहली फ्लाइट 5 फरवरी को आई थी। इसमें 104 अवैध भारतीय अप्रवासियों को भारत भेजा गया था।


भारत पर रेसिप्रोकल टैरिफ लगा तो निर्यात पर क्या असर पड़ेगा? अगर अमेरिका ने भारत पर टैरिफ बढ़ाया तो इससे नुकसान होगा। भारत अपना 17% से ज्यादा विदेशी व्यापार अमेरिका से करता है। अमेरिका भारत के एग्रीकल्चर प्रोडक्ट्स जैसे फल और सब्जियों का सबसे बड़ा खरीदार है।
2024 में अमेरिका ने भारत से 18 मिलियन टन चावल भी इम्पोर्ट किया है।अगर अमेरिका ने भारत पर टैरिफ लगाया तो अमेरिकी बाजारों में भारतीय प्रोडक्ट्स महंगे बिकने लगेंगे। इससे अमेरिकी जनता के बीच इनकी डिमांड कम हो जाएगी।