झड़प से पहले चीनी सैनिकों की ट्रेनिंग हुई / चीनी मीडिया का दावा- गलवान झड़प से पहले चीन ने अपने सैनिकों को फुर्तीला बनाने के लिए मार्शल आर्टिस्ट भेजे थे

चाइना नेशनल डिफेंस न्यूज के मुताबिक- मार्शल आर्टिस्टों में 5 मिलिशिया डिवीजन शामिल थीं इसके अलावा सैनिकों को सिखाने गई टीम में एवरेस्ट ओलिंपिक टॉर्च रिले टीम के भी सदस्य थे

0 990,087

बीजिंग. चीन ने 15 जून को गलवान हिसंक झड़प से पहले अपने सैनिकों को ट्रेंड किया था। उसने सीमा के नजदीक ही मार्शल आर्टिस्ट और एक्सपर्ट माउंटेन क्लाइंबर भेजे थे। इसमें तिब्बत के एक मार्शल आर्ट क्लब के लड़ाके शामिल थे। चीन के सरकारी मीडिया ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि चीनी सैनिकों को फुर्तीला और फिट रखने के लिए यह कदम उठाया।

तिब्बत में दी गई ट्रेनिंग

चीन के आधिकारिक मिलिट्री न्यूजपेपर ‘चाइना नेशनल डिफेंस न्यूज’ की रिपोर्ट के मुताबिक तिब्बत की राजधानी ल्हासा में चीन ने पांच मिलिशिया डिवीजन को तैनात किया था। इसमें माउंट एवरेस्ट टॉर्च रिले टीम के पूर्व मेंबर और मार्शल आर्ट क्लब के लड़ाके शामिल थे। माउंट एवरेस्ट टॉर्च रिले टीम के मेंबर पहाड़ों पर काम करने में ट्रेंड होते हैं, जबकि मार्शल आर्टिस्ट खतरनाक लड़ाके होते हैं। इन्हें जवानों को फुर्तीला बनाने और ट्रेंड करने के लिए तैनात किया गया था।

मिलिशिया डिवीजन आधिकारिक आर्मी नहीं होती है। यह सेना के मदद के लिए होती है।अखबार में तिब्बती राजधानी ल्हासा में सैकड़ों नए सैनिकों की सीसीटीवी फुटेज भी दिखाई गई है।

चीन की मीडिया दिखा रही तेवर
तिब्बत कमांडर वांग हाईजियांग ने कहा कि फाइट क्लब के जुड़ने से सैनिकों की ताकत और तुरंत जवाब देने की क्षमता बढ़ेगी। हालांकि, अभी यह नहीं बताया गया है कि इनकी तैनाती मौजूदा तनाव की वजह को देखते हुए ही की गई थी। गलवान संघर्ष के बाद से ही चीन की मीडिया तेवर दिखा रही है। मीडिया में तिब्बत में चीनी सेना के बड़े सैन्य अभ्यासों को अक्रामक तरीके से दिखाया जा रहा है। हालांकि, चीन को भी पता था कि 1996 और 2005 के समझौतों की वजह से वह हथियारों का इस्तेमाल नहीं कर सकता था। इसलिए उसने अपने सैनिकों को मार्शल आर्टिस्ट से ट्रेनिंग दिलाई।

भारत ने एयर डिफेंस सिस्टम तैनात किया

लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर चीन के लड़ाकू विमान और हेलिकॉप्टर मंडरा रहे हैं। चीन की यह गतिविधियां एलएसी के 10 किलोमीटर एरिया में जारी हैं। ऐसे में भारत ने भी अब पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) को उसी की भाषा में जवाब देने की तैयारी की है। सैन्य सूत्रों के मुताबिक एलएसी पर चीन के लड़ाकू विमान और हेलिकॉप्टर पर नजर रखने के लिए सेना ने पूर्वी लद्दाख में ‘आकाश’ एडवांस एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम तैनात कर दिया है। इससे भारतीय सेना आसानी से चीन की हरकतों पर नजर रख सकती है। ऐसे में अगर चीन का कोई विमान एलएसी क्रॉस करेगा तो उसे एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम तुरंत मार गिराएगा।

Leave A Reply

Your email address will not be published.