अमेरिका / कोराना के कारण सैकड़ों भारतीय छात्र फंसे, भारतवंशी अमेरिकी होटल मालिकों ने मुफ्त ठहरने और खाने-पीने की व्यवस्था की

न्यूयॉर्क में भारतीय वाणिज्य दूतावास ने इस संबंध में उनसे 10 दिन पहले संपर्क किया था। इन दोनों होटलों के सलाहकार प्रेम भंडारी कहते हैं, 'ये छात्र भारत और अमेरिका दोनों का भविष्य हैं। सभी टॉप भारतीय अमेरिकी सीईओ, वैज्ञानिक और डॉक्टर छात्र के तौर पर इस देश में आते हैं। यह हमारा फर्ज है कि अपने संसाधनों से उनकी मदद की जाए।'

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  • अमेरिका में 2.5 लाख से ज्यादा भारतीय छात्र, भारतीय दूतावास ने होटल मालिकों से संपर्क कर इनकी मदद करने की अपील की थी
  • दूतावास की अपील के बाद भारतवंशी अमेरिकी होटल मालिकों ने ऐसे छात्रों के लिए अमेरिका के 700 होटलों में 6 हजार से ज्यादा कमरों की मुफ्त व्यवस्था की

वॉशिंगटन. कोरोनावायरस के कारण अमेरिका में फंसे भारतीय छात्रों की मदद के लिए भारतवंशी अमेरिकी होटल मालिक आगे आए हैं। होटल मालिकों ने इन छात्रों को वहां मुफ्त में रहने और खाने की पेशकश की है। दरअसल, अमेरिका में लगातार बढ़ रहे कोरोना के संक्रमण के चलते यहां की यूनिवर्सिटी और कॉलेज में पढ़ रहे छात्रों से होस्टल खाली करने के लिए कह दिया गया है। भारत ने भी 22 मार्च से अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर रोक लगा दी है। ऐसे में यहां हजारों की संख्या में छात्र फंसे हुए हैं।

अमेरिका में 2.5 लाख से ज्यादा भारतीय छात्र हैं। न्यूयॉर्क में भारतीय दूतावास पिछले हफ्ते से 24 घंटे इन छात्रों के लिए हेल्पलाइन नंबर चला रहा है। भारतीय दूतावास ने अमेरिका में रहने वाले भारतीयों से ऐसे छात्रों की मदद की अपील भी की थी। इसके बाद होटल मालिकों ने करीब 700 होटलों में 6,000 से ज्यादा कमरों में इन छात्रों को रुकने और खाने-पीने की मुफ्त व्यवस्था की पेशकश की है।

अमेरिका में भारत के राजदूत तरनजीत सिंह संधू ने ट्वीट किया, “यह देखकर खुशी हो रही है कि भारतीय, भारतीय अमेरिकी और अन्य होटल मालिक संकट के इस समय में लोगों की मदद कर रहे हैं। एक साथ मिलकर हम कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई जीत सकते हैं।”

मददगार बोले- छात्र भारत और अमेरिका दोनों का भविष्य, मदद करना हमारा फर्ज
भारतीय-अमेरिकी दंपत्ति केके मेहता और चंद्रा मेहता ने न्यूयॉर्क शहर में टाइम्स स्क्वायर और बार्कलेज सेंटर के नजदीक अपने दो होटलों में भारतीय छात्रों को 100 से ज्यादा कमरों की पेशकश की है। न्यूयॉर्क में भारतीय वाणिज्य दूतावास ने इस संबंध में उनसे 10 दिन पहले संपर्क किया था। इन दोनों होटलों के सलाहकार प्रेम भंडारी कहते हैं, ‘ये छात्र भारत और अमेरिका दोनों का भविष्य हैं। सभी टॉप भारतीय अमेरिकी सीईओ, वैज्ञानिक और डॉक्टर छात्र के तौर पर इस देश में आते हैं। यह हमारा फर्ज है कि अपने संसाधनों से उनकी मदद की जाए।’

कमरों की लिस्ट तैयार है: शिकागो में भारतीय मूल के नीरव पटेल कहते हैं, ‘छात्रों की मदद के लिए भारतीय समुदाय एक साथ आया है। कई होटल मालिक इन्हें मुफ्त कमरे दे रहे हैं। इनमें से कई होटल मालिक छात्रों को मुफ्त में भोजन भी दे रहे हैं।’ एएएचओए अपर मिडवेस्ट के रीजनल डायरेक्टर कल्पेश जोशी ने बताया कि उन्होंने उपलब्ध होटलों के कमरों की एक लिस्ट तैयार कर ली है। भारतीय दूतावास और उनके राजदूत इन छात्रों को कमरे दिलाने के लिए लगातार काम कर रहे हैं।’ कम्प्यूटर सोसायटी ऑफ इंडिया (नॉर्थ अमेरिका) ने कहा कि जो भी छात्र वित्तीय मुश्किल का सामना कर रहा है, उसे या तो होटल में मुफ्त ठहराया जाएगा या किराया 50 डॉलर से अधिक का नहीं होगा।

कोई भी ऐसा नहीं, जिसने कमरे देने से इनकार किया हो: वर्जीनिया एशियन अमेरिकन स्टोर एसोसिएशन के अध्यक्ष मिनेश पटेल ने कहा, ‘रिकमंड, नॉरफॉल्क और वर्जीनिया के बीच भारतीय अमेरिकी होटल मालिक 500 से ज्यादा छात्रों के ठहरने की व्यवस्था कर सकते हैं। एशियन अमेरिकन स्टोर एसोसिएशन के अध्यक्ष फ्लोरिडा के विपुल पटेल ने कहा कि भारतीय छात्रों के लिए भारतीय अमेरिकी होटल मालिकों की ओर से भरपूर समर्थन आ रहा है। उन्होंने कहा, ‘मुझे एक भी होटल मालिक ऐसा नहीं मिला जिसने हमें न कहा हो।’ छात्रों को भारतीय दूतावास और ह्यूस्टन, शिकागो, अटलांटा, सैन फ्रांसिस्को और न्यूयॉर्क में उसके वाणिज्य दूतावासों की सिफारिश पर कमरे आवंटित किए जाएंगे।

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