इमरान को याद आया भारत:पाकिस्तान के PM बोले- हिंदुस्तान की दाद देता हूं, उनकी डिप्लोमैसी आजाद; वो बेखौफ रूस से तेल खरीद रहे हैं
इस्लामाबाद। कुर्सी बचाने की भरपूर मशक्कत कर रहे इमरान खान ने अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग के चंद दिन पहले भारत की दिल खोलकर तारीफ की है। एक रैली में इमरान ने रूस-यूक्रेन जंग का जिक्र करते हुए भारत की फॉरेन पॉलिसी को बेखौफ बताया। कहा- हमारा पड़ोसी मुल्क है भारत। आज मैं उसकी दाद देता हूं। उसकी डिप्लोमैसी आजाद है। अमेरिका और पश्चिमी देशों ने रूस पर तमाम पाबंदियां लगाई हैं, लेकिन भारत बेखौफ होकर उससे तेल खरीद रहा है।
माना जा रहा है कि 25 या 28 फरवरी को संसद में इमरान के खिलाफ नो कॉन्फिडेंस मोशन यानी अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग होगी। इमरान और उनके मंत्री जानते हैं कि वोटिंग में सरकार का गिरना तय है। लिहाजा, वो इसे टालने के लिए हर कोशिश कर रहे हैं।
क्या कहा इमरान ने
मलकान शहर में एक रैली में भाषण के दौरान इमरान ने कहा- आज मैं हमारे पड़ोसी मुल्क भारत की दाद देना चाहता हूं। उन्होंने हमेशा अपनी फॉरेन पॉलिसी आजाद रखी। आज हिंदुस्तान उनके साथ (अमेरिका और पश्चिमी देश) मिला हुआ है, उनका आपस में अलायंस है। QUAD में भारत ने अमेरिका के साथ अलायंस कर रखा है। इसके बावजूद भारत कहता है कि वो न्यूट्रल है। रूस पर दुनिया ने पाबंदियां लगा रखी हैं, लेकिन भारत उससे तेल खरीद रहा है। क्योंकि, इंडिया की पॉलिसी अपने लोगों और अपने अवाम के लिए है।
विपक्ष चोर और डाकू
इस रैली में इमरान ने एक बार फिर विपक्षी नेताओं को चोर और डाकू करार दिया और उनके करप्शन के कई मामले गिना दिए। हालांकि, अपनी सरकार की नाकामी, महंगाई, बेरोजगारी और हिंसा पर एक शब्द भी नहीं बोले। कहा- विपक्ष के नेता शहबाज शरीफ बूट पॉलिश (फौज का नाम नहीं लिया) में माहिर है और जब भी मौका मिल जाता है तो वो यही करते हैं।
इमरान ने एक बार फिर नवाज शरीफ, आसिफ अली जरदारी और मौलाना फजल-उर-रहमान को चोर, डाकू और लुटेरा करार दिया। कहा- ये लोग 25 साल से मुल्क को लूट रहे थे और मैंने रोका तो मेरे खिलाफ साजिश कर रहे हैं।
भारत का दो बार जिक्र
इमरान ने इशारों ही इशारों में ये भी कहा कि पश्चिमी देश और अमेरिका उनके खिलाफ साजिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा- पिछले दिनों यूरोपीय यूनियन के नेताओं ने मुझ पर दबाव डाला कि मैं यूक्रेन पर हमले के लिए रूस की निंदा करूं। ये भी कहा गया कि रूस का दौरा कैंसल करूं। मैं इनकी बात मानने को तैयार नहीं था। मेरा सवाल बहुत सीधा है। क्या ये मुल्क पाकिस्तान को अपना गुलाम समझते हैं। भारत के बारे में तो वो कुछ नहीं कहते। वहां उनकी हिम्मत क्यों नहीं होती।