ट्रम्प के नए टैरिफ में भारत का नाम नहीं:चीन, मेक्सिको और कनाडा पर लगाया टैरिफ, इनसे अमेरिका को सबसे ज्यादा व्यापार घाटा

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने 1 फरवरी को कनाडा और मेक्सिको पर 25% और चीन पर एक्स्ट्रा 10 टैरिफ का ऐलान किया। हालांकि उन्होंने इस दौरान भारत का नाम नहीं लिया। इससे पहले उन्होंने मंगलवार को फ्लोरिडा में एक कार्यक्रम में भारत, चीन और ब्राजील जैसे देशों पर हाई टैरिफ लगाने की धमकी थी।

ट्रम्प ने कई बार ब्रिक्स देशों पर 100% टैरिफ लगाने की धमकी दी है। भारत, ब्राजील और चीन तीनों ब्रिक्स का हिस्सा हैं। इसके अलावा ट्रम्प भारत की तरफ से अमेरिकी प्रोडक्ट्स पर बहुत ज्यादा टैरिफ लगाने की शिकायत कर चुके हैं। ऐसे में भारत पर भी टैरिफ का खतरा बना हुआ था।

इंडियन एक्सप्रेस ने रिसर्च एंड इन्फॉर्मेशन सिस्टम (RIS) के हवाले से बताया कि चीन, मेक्सिको और कनाडा से अमेरिका को सबसे ज्यादा व्यापार घाटे का सामना करना पड़ता है। अमेरिका को चीन से 30.2%, मेक्सिको से 19% और कनाडा से 14% व्यापार घाटा होता है। ये तीनों देश अमेरिका के लगभग 650 अरब डॉलर व्यापार घाटे के लिए जिम्मेदार हैं।

2023 में अमेरिका को चीन से 317 अरब डॉलर, मेक्सिको से 200 अरब डॉलर और कनाडा से 153 अरब डॉलर का व्यापार घाटा हुआ था। जबकि अमेरिका के व्यापार घाटे में भारत की हिस्सेदारी सिर्फ 3.2% यानी 36 अरब डॉलर रही। अमेरिका को जिन देशों से सबसे ज्यादा व्यापार घाटा होता है उस लिस्ट में भारत 9वें नंबर है।

डोनाल्ड ट्रम्प ने 1 फरवरी से कनाडा, मेक्सिको और चीन पर टैरिफ लगाते हुए कहा था कि हमारी धमकियां सिर्फ सौदेबाजी के लिए नहीं हैं। इन तीनों देशों के साथ हमारा बड़ा व्यापारिक घाटा है।

चीन पर टैरिफ से भारतीय सामान के लिए बनेगा मौका इंटरनेशनल ट्रेड एक्सपर्ट्स के मुताबिक भारत ने ट्रम्प के टैरिफ से बचने के लिए अपने यहां कुछ अमेरिकी सामान पर टैरिफ कम करना शुरू कर दिया है। शनिवार को पेश बजट में भारत ने अमेरिका से आने वाली वस्तुओं जैसे 1600 सीसी से कम इंजन की मोटरसाइकिल, सैटेलाइट के लिए ग्राउंड इंस्टॉलेशन और सिंथेटिक फ्लेवरिंग एसेंस जैसे सामानों पर शुल्क घटा दिए हैं।

एक्सपर्ट्स का अनुमान है कि चीनी प्रोडक्ट्स पर 10% टैरिफ लगाने से अमेरिकी मार्केट में भारतीय सामान के लिए ज्यादा मौके बनेंगे।

अमेरिका के खिलाफ WTO जाएगा चीन

चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने रविवार को बयान जारी कर ट्रम्प की तरफ से 10% टैरिफ लगाने के फैसले को विश्व व्यापार संगठन (WTO) में चुनौती देना का फैसला किया है। चीन ने कहा कि अमेरिका द्वारा टैरिफ लगाना WTO के नियमों का उल्लंघन है। अमेरिका को तनाव बढ़ाने की जगह बातचीत करके सहयोग मजबूत करना चाहिए।

कनाडा ने भी US पर लगाया 25% टैरिफ ट्रम्प के फैसले के खिलाफ एक्शन लेते हुए शनिवार को कनाडा ने 106 अरब डॉलर के अमेरिकी इम्पोर्ट पर 25% टैरिफ लगाने का ऐलान किया। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा कि 20 अरब डॉलर के अमेरिकी शराब और फलों के आयात पर मंगलवार से नए टैरिफ लागू हो जाएंगे, जबकि 86 डॉलर के आयात पर बाद में टैरिफ लागू होग। मंगलवार से ही कनाडा से आयात पर अमेरिकी टैरिफ भी लागू हो रहा है।

मेक्सिको ने भी जवाबी कार्रवाई का ऐलान किया मेक्सिको की राष्ट्रपति क्लाउडिया शिनबाम ने कहा कि उन्होंने अपनी अर्थव्यवस्था मंत्री को जवाबी शुल्क और अन्य उपाय लागू करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने ट्रम्प के मेक्सिको पर अपराधी संगठनों से जुड़े होने के आरोपों को सिरे से खारिज किया और कहा-

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समस्याओं का हल टैरिफ लगाने से नहीं, बल्कि सहयोग से होता है।

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व्हाइट हाउस बोला- इन देशों से US में अवैध ड्रग्स आ रहा इससे पहले शुक्रवार को व्हाइट हाउस की प्रवक्ता कैरोलिन लेविट ने कहा कि डोनाल्ड ट्रम्प शनिवार से कनाडा और मेक्सिको से इम्पोर्ट पर 25% और चीनी सामान पर 10% टैरिफ लगाएंगे, क्योंकि इन देशों से हमारे देश में अवैध फेंटेनाइल ड्रग पहुंच रहा है, जिससे लाखों अमेरिकी मारे गए हैं।

फेंटेनाइल एक पावरफुल सिंथेटिक ओपिओइड यानी ड्रग है। इसका ओवरडोज दिमाग में ऑक्सीजन की सप्लाई को कम कर देता है। इससे इंसान कोमा में जा सकता है, या उसकी मौत भी हो सकती है।

कनाडा और मेक्सिको के साथ US का फ्री ट्रेड एग्रीमेंट गौरतलब है कि अमेरिका का कनाडा और मेक्सिको के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट है। इसके तहत इन देशों के बीच होने वाले किसी भी तरह के आयात-निर्यात पर टैरिफ (शुल्क) नहीं लगता है। ट्रम्प ने अपने पिछले कार्यकाल में मेक्सिको और कनाडा के साथ नॉर्थ अमेरिका फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (NAFTA) किया था।

इन तीनों देशों ने 2023 में अमेरिका से 1 ट्रिलियन डॉलर (करीब 85 लाख करोड़ रुपए) से ज्यादा का सामान खरीदा था। वहीं, 1.5 ट्रिलियन डॉलर से ज्यादा की बेची थीं। रिपोर्ट के मुताबिक ट्रम्प के टैरिफ वॉर का सबसे ज्यादा असर ऑटो सेक्टर, कृषि, टेक्नोलॉजी, पार्ट्स-पुर्जे पर होगा। टैरिफ लगने के बाद इन चीजों की कीमत में इजाफा हो जाएगा।

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