कोरोनावायरस / चीन समेत चार देशों से आने वाले यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिंग होगी, 21 एयरपोर्ट और 12 बड़े बंदरगाह तय किए गए

0 1,000,186
  • केंद्रीय मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा- देश के हवाई अड्डों पर अब तक 1,275 फ्लाइट से आने वाले 1,39,539 यात्रियों की स्क्रीनिंग हुई
  • राज्यसभा में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा- हमारा अनुमान है कि वुहान में अब भी 80 भारतीय छात्र मौजूद हैं
  • डॉ. वेनलियांग ने 30 दिसंबर को साथियों को बताया था कि कोरोनावायरस, सार्स (2002) जैसा, डॉ. की मौत की जांच शुरू

नई दिल्ली/बीजिंग/टोक्यो/ सियोल/ केंद्र सरकार ने कोरोनावायरस से निपटने के लिए कोशिशें तेज कर कर दी हैं। शुक्रवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने राज्यसभा में बताया कि सरकार ने चीन, सिंगापुर, थाईलैंड और हॉन्गकॉन्ग से आने वाले सभी यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिंग का फैसला किया है। वहीं, चीन से आने वाले विदेशियों का वीजा रद्द किया है। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, ‘‘इन चार देशों से आने वाली सभी फ्लाइट स्क्रीनिंग के लिए एयरपोर्ट पर निश्चित स्थान पर रुकेंगी। सरकार ने 21 एयरपोर्ट और 12 बड़े बदंरगाहों पर भी यही व्यवस्था लागू करने का फैसला किया है।’’

डॉ. हर्षवर्धन ने बताया कि अब तक 1275 फ्लाइट्स से आने वाले 1,39,539 यात्रियों की स्क्रीनिंग की गई। इस दौरान 150 यात्रियों को कोरोनावायरस से संक्रमित होने की आशंका के चलते आइसोलेशन में रखा गया।

वुहान में अभी भी 80 भारतीय छात्र फंसे: विदेश मंत्री

इसी बीच, राज्यसभा में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा- हम चीन से अपने लोगों के साथ पड़ोसी देशों के नागरिकों को भी वापस लाना चाहते थे। हमने अपने पड़ोसी देशों के नागरिकों इसकी पेशकश भी की थी, लेकिन केवल मालदीव के 7 नागरिकों ने हमारा सुझाव माना। हमारा अनुमान है कि वुहान में अब भी 80 भारतीय छात्र हैं। इनमें वे 10 छात्र भी शामिल हैं, जो एयरपोर्ट पहुंचे थे, लेकिन जांच के बाद बुखार के चलते चीनी अधिकारियों ने उन्हें फ्लाइट में चढ़ने से रोका था।”

खुलासा करने वाले चीन के डॉक्टर की मौत की जांच शुरू

इस बीच, चीन की भ्रष्टाचार निरोधी एजेंसी ने शुक्रवार को कोरोनावायरस का खुलासा करने डॉक्टर ली वेनलियांग की मौत की जांच शुरू कर दी। चीन की सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी ने गुरुवार को उच्च स्तरीय जांच कमेटी को वुहान भेजा था, जहां के सेंट्रल अस्पताल में डॉ. वेनलियांग की मौत हुई है। इसी बीच, दुनिया में सबसे ज्यादा प्रोडक्शन करने वाले ह्यूडंई के कार प्लांट को बंद किया गया है। कंपनी ने 25 हजार कर्मचारियों को जबरन छुट्टी पर भेजा है। वहीं, चीन के बाद सबसे ज्यादा 86 मामले जापान में सामने आए हैं।

डॉ वेनलियांग ने कोरोना को सार्स जैसा खतरा बताया था

न्यूज एजेंसी के मुताबिक, डॉक्टर वेनलियांग ने 30 दिसंबर को मेडिकल स्कूल में अपने साथियों को इस संक्रमण के बड़े स्तर पर फैलने के बारे में बताया था। उन्होंने इसके खतरे को सार्स (2002) वायरस जैसा बताया था। इसके 4 दिन बाद ही वुहान पुलिस ने डॉ. वेनलियांग (34) से कोरोनावायरस की अफवाह फैलाने के मामले में पूछताछ की थी। पुलिस ने डॉ. वेनलियांग को अपने ही दावे को झूठा बताने के लिए मजबूर किया था। डॉक्टर ने एक इंटरव्यू में कहा था, “अगर अफसर इस महामारी के बारे में पहले ही लोगों को बता देते, तो हालात बेहतर होते। यहां ज्यादा खुलापन और पारदर्शिता अपनाई जानी चाहिए।” डॉ. की मौत के बाद से लोगों में काफी गुस्सा है।

जापान के 198 नागरिक वुहान से रवाना
जापान के 198 नागरिकों को वुहान से लेकर चौथी चार्टर्ड फ्लाइट देश लौटी। चीफ कैबिनेट सेक्रेटरी योशीहिडे सुगा ने शुक्रवार को कहा- किसी भी नागरिक में कोरोनावायरस संक्रमण के लक्षण नहीं दिखे हैं। अस्पताल में स्क्रीनिंग के बाद इन्हें टोक्यो के निगरानी कैंप में रखा जाएगा। चीन के बाद सबसे ज्यादा 86 मामले जापान में ही सामने आए हैं।

ह्यूडंई को 5 दिन में 50 करोड़ डॉलर का नुकसान
ह्यूडंई के जिस कार प्लांट को बंद किया गया है, वह दक्षिण कोरिया के उल्सान शहर में स्थित है। इस कॉम्प्लेक्स में पांच प्लांट हैं। इसकी सालाना कार उत्पादन क्षमता 14 लाख यूनिट है। चीन में ज्यादातर ऑटो कंपनियों के लिए कलपुर्जे बनाने वाले प्लांट ठप पड़े हैं। मजबूरी में कंपनी को दक्षिण कोरिया में अपने प्लांट बंद करने पड़े हैं। उसने अपने 25 हजार कर्मचारियों को जबरदस्ती छुट्‌टी पर भेज दिया है। अनुमान है कि 5 दिन प्लांट बंद रहने से कंपनी को करीब 50 करोड़ डॉलर का नुकसान हो सकता है।

चीनी कंपनी का खुलासा- वायरस से 25 हजार की मौत

वहीं, इस वायरस से संक्रमितों का आंकड़ा भी 31 हजार पहुंच गया है। हालांकि, गुरुवार को ही इन आधिकारिक आंकड़ों को झुठलाता एक डाटा चीन की टेक्नोलॉजी कंपनी टेनसेंट की तरफ से लीक हो गया था। इसके मुताबिक, चीन में वायरस से 25 हजार लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 1.54 लाख लोग इस वायरस से संक्रमित पाए गए हैं।

यह जानकारी ऐसे समय में लीक हुई है, जब चीन सरकार ने हाल ही में कोरोनावायरस पर गलत जानकारी फैलने वालों के लिए मौत की सजा रखी है। टेनसेंट ने सरकार की सख्ती के बाद वेबसाइट पर डेटा अपडेट कर दिया है। अलीबाबा के बाद टेनसेंट चीन की दूसरी सबसे बड़ी कंपनी है। इसके संस्थापक मा हुआतेंग राष्ट्रपति शी जिनपिंग के करीबी माने जाते हैं।

हॉन्गकॉन्ग से जापान जा रहे शिप में कोरोनावायरस के 61 पॉजिटिव मरीज
दूसरी तरफ, जापान के योकोहामा बंदरगाह पर पिछले पांच दिनों से खड़े डायमंड प्रिंसेज क्रूज शिप में कोरोनावायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या 61 पहुंच गई। अब तक इस जहाज पर सवार 273 लोगों की जांच की गई है।इस पर 3700 यात्री सवार हैं। बताया गया है कि इस शिप पर हॉन्गकॉन्ग के एक व्यक्ति को कोरोनावायरस से संक्रमित पाया गया था।

चीन / वुहान में संक्रमण रोकने के लिए घरों पर छापे मारे जा रहे, प्रभावित लोगों को आइसोलेशन में भेजा जा रहा

चीन के वुहान में कोरोनावायरस संक्रमण से निपटने के लिए प्रशासन ने आक्रामक रवैया अपना लिया है। पुलिस अब लोगों के घर में घुसकर लोगों की जांच कर रही है, ताकि कोरोनावायरस संक्रमितों की पहचान की जा सके। सरकार की ओर से पुलिस को आदेश है कि वह कोरोनावायरस संक्रमितों को इकट्ठा कर बाकी लोगों से अलग-थलग (क्वारैंटाइन जोन) रखें। हालांकि, इसके बावजूद हर चार दिन में संक्रमितों की संख्या दोगुनी होती जा रही है। मानवाधिकार कार्यकर्ताओं का कहना है कि सरकार की ऐसी कार्रवाई संक्रमण फैलने से नहीं रोक पा रही है।

हालांकि, इससे उनकी परेशानियों में इजाफा जरूर हुआ है। शुक्रवार तक कोरोनावायरस पीड़ितों की संख्या 31 हजार पार कर गई।

मरीजों को फिलहाल अस्थायी हॉस्पिटल में भर्ती किया जा रहा

अफसर फिलहाल अस्पतालों में कम बेडों की संख्या की वजह से मरीजों को अस्थायी हॉस्पिटल में भर्ती कर रहे हैं। वुहान में स्पोर्ट्स स्टेडियम, एग्जीबिशन सेंटर और बिल्डिंग कॉम्प्लेक्स में पीड़ित मरीज एक साथ रखे जा रहे हैं। होंगाशान स्टेडियम में जांच के लिए मशीनें लगाई गईं। सुन के मुताबिक, अगर किसी को इलाज की जरूरत पड़ रही है, तो उन्हें सबसे अलग रखा जा रहा है। हाल ही में स्टेडियम की कुछ फोटो सामने आई हैं, इनमें मरीजों के बेड के बीच सिर्फ एक मेज और कुर्सी देखी जा सकती है। सोशल मीडिया पर यूजर्स का कहना है कि सरकार अब तक उन्हें आधारभूत चिकित्सीय सुविधा दिलाने में भी नाकाम रही है।

बड़ी कंपनियों को नियंत्रित कर रही सरकार

यूनिवर्सिटी ऑफ हॉन्गकॉन्ग के साथ काम कर रही स्वतंत्र संस्था ‘द चाइना मीडिया प्रोजेक्ट’ के मुताबिक, चीनी प्रशासन ने सोशल मीडिया कंपनियों पर आरोप लगाया है कि वे अवैध तरीके महामारी से जुड़ी खबरें दिखा रही हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि देश की कुछ बड़ी टेक कंपनियों सिना वीबो, टेनसेंट और बाईडांस को सरकार के नेतृत्व में ही चलाया जाएगा, ताकि इस तरह की खबरें दिखाई जा सकें, जैसे चीन कोरोनावायरस के खिलाफ जंग में जीत रहा है और संक्रमण को फैलने से रोकने में सफल रहा है।

Leave A Reply

Your email address will not be published.