संसद में बांग्लादेश का मुद्दा उठा:हेमा मालिनी बोलीं- यह विदेशी संबंधों का नहीं, कृष्ण भक्तों की भावनाओं का मामला है

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संसद के शीतकालीन सत्र का बुधवार को 7वां दिन है। लोकसभा में बांग्लादेश हिंसा का मुद्दा उठा। मथुरा से सांसद हेमा मालिनी ने कहा- बांग्लादेश में हमारे हिंदुओं और हिंदू मंदिरों, खास तौर पर इस्कॉन और इस्कॉन भक्तों के साथ जो कुछ हो रहा है, उसे देखकर मैं बेहद दुखी और परेशान हूं। यह केवल विदेशी संबंधों का मुद्दा नहीं है, यह भारत में कृष्ण भक्तों की भावनाओं का मामला है।

वहीं राज्यसभा में विपक्ष ने किसान मुद्दे पर हंगामा किया। विपक्षी नेताओं ने किसान विरोधी ये सरकार नहीं चलेगी के नारे लगाए। कई नेता वेल में चले आए।

इस पर सभापति जगदीप धनखड़ ने नाराजगी जताई। उन्होंने खड़े होकर विपक्षी नेताओं को डांटा। धनखड़ ने कहा- ये नारेबाजी और घड़ियाली आंसू यहां नहीं चलेंगे। आपके लिए किसानों का हित स्वार्थ के लिए है।

हेमा मालिनी ने उठाया बांग्लादेश हिंसा मुद्दा, बोलीं- भारत में कृष्ण भक्तों की भावनाएं आहत

शून्यकाल के दौरान मथुरा से सांसद हेमा मालिनी ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार का मुद्दा उठाया। हेमा मालिनी ने कहा, बांग्लादेश में हमारे हिंदुओं और हिंदू मंदिरों, खास तौर पर इस्कॉन और इस्कॉन भक्तों के साथ जो कुछ हो रहा है, उसे देखकर मैं बेहद दुखी और परेशान हूं। हिंदू मंदिरों पर लगातार हमले हो रहे हैं, हिंदू अल्पसंख्यकों की सुरक्षा खतरे में है। कट्टरपंथियों के हाथों उन्हें अत्याचारों का सामना करना पड़ रहा है। इस्कॉन पूरी दुनिया में स्थापित है, आज इसके लगभग 1,000 केंद्र हैं। वे पूरी दुनिया में वैदिक संस्कृति के प्रसार के लिए जाने जाते हैं…मैं खुद कृष्ण भक्त हूँ और इस्कॉन की भक्त हूं।

हेमा मालिनी ने आगे कहा- कृष्ण हमारे दिलों में हैं और मैं उनकी पवित्र भूमि – मथुरा की प्रतिनिधि हूँ। हमारे पड़ोसी बांग्लादेश में हो रहे हमले मुझे और हमारे देशों में कृष्ण भक्तों को परेशान कर रहे हैं। यह केवल विदेशी संबंधों का मुद्दा नहीं है, यह भारत में कृष्ण भक्तों की भावनाओं का मामला है।

संसद के बाहर अडाणी और संभल हिंसा मामले पर सरकार के खिलाफ विपक्ष के सांसदों ने प्रदर्शन किया था।
संसद के बाहर अडाणी और संभल हिंसा मामले पर सरकार के खिलाफ विपक्ष के सांसदों ने प्रदर्शन किया था।
लोकसभा में रेलवे (संशोधन) विधेयक, 2024 पेश

केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा में रेलवे (संशोधन) विधेयक, 2024 पेश किया। यह बिल पुराने विधेयक रेलवे अधिनियम, 1989 को संसोधित करेगा। यह बिल रेलवे के डेवलपमेंट, ऑपरेशन और अन्य विभागों में नए नियमों से जुड़ा है।

बिल से जुड़े 2 पॉइंट…

  • मॉर्डनाइजेशन: इलेक्ट्रिफिकेशन में बढोतरी, माल ढुलाई गलियारे का इंप्लीमेंटेशन और पैसेंजर सर्विस में सुधार।
  • फाइनेंशियल: सिस्टम को और बेहतर करने के निर्णय लेने में तेजी आए। ऑपरेशनल वर्किंग में सुधार।

लोकसभा स्पीकर बोले- विपक्षी सांसद गेट पर प्रदर्शन न करें

लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने सदन में विपक्षी सांसदों के संसद गेट पर प्रदर्शन न करने की अपील की। स्पीकर ने कहा कि उन्हें कई महिला सांसदों की शिकायत मिली है। उन्हें कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। दरअसल अडाणी मुद्दे पर INDIA ब्लॉक के नेता मकर द्वार पर प्रदर्शन कर रहे हैं।

राज्यसभा में कार्यवाही के दौरान सभापति जगदीप धनखड़ और विपक्षी नेताओं के बीच बहस हो गई। दरअसल विपक्ष के नेता किसान मुद्दे पर सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे। इस पर धनखड़ ने कहा, पिछले हफ्ते पांच दिन कार्यवाही के दौरान विपक्ष के किसी भी नेता ने किसान मुद्दे पर चर्चा के लिए नोटिस नहीं दिया और आज घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं। ये सब नहीं चलेगा।

मंगलवार को विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने लोकसभा में बताया था कि जून 2020 की गलवान झड़प में 45 साल बाद पहली बार सैनिकों की जान गई और सीमा पर भारी हथियार तैनात हुए। भारत ने इस चुनौती का मजबूती से सामना किया और कूटनीतिक प्रयासों से तनाव कम करने की कोशिश की।

1988 से भारत-चीन ने सीमा विवाद को बातचीत से सुलझाने और शांति बनाए रखने के लिए कई समझौते किए। 1993, 1996, और 2005 में शांति और विश्वास बहाली के उपाय किए गए। लेकिन 2020 की घटना ने इन प्रयासों को गंभीर नुकसान पहुंचाया और रिश्तों पर गहरा प्रभाव डाला।

2020 के बाद से भारत और चीन के रिश्ते सामान्य नहीं हैं। उस समय चीन की कार्रवाई से सीमा क्षेत्र में शांति भंग हुई थी। भारत और चीन बातचीत के जरिए सीमा विवाद सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं। भारत का मकसद ऐसा समाधान निकालना है, जो दोनों देशों को मंजूर हो।

लोकसभा में बैंकिंग अमेंडमेंट बिल 2024 पास, इसमें कुल 19 संशोधन प्रस्तावित

लोकसभा में 3 दिसंबर को बैंकिंग अमेंडमेंट बिल 2024 पास किया गया। इस बैंकिंग संशोधन बिल के तहत कई अहम बदलाव किए जाएंगे। भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम 1934, बैंकिंग विनियमन अधिनियम 1949, भारतीय स्टेट बैंक अधिनियम 1955 और अन्य कानूनों में संशोधन करेंगे।

फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण ने यह बिल लोकसभा में पेश किया था। इस बिल में टोटल 19 अमेंडमेंट्स यानी संशोधन प्रस्तावित हैं। बिल को संसद के मौजूदा शीतकालीन सत्र में सरकार ने लोकसभा में पास करा लिया है।

नए कानून के लागू होने के बाद अकाउंट होल्डर अब एक बैंक अकाउंट के लिए 4 नॉमिनी ऐड कर सकेंगे। यह बदलाव अनक्लेम्ड अमाउंट को सही उत्तराधिकारी तक पहुंचाने के लिए किया जा रहा है। मार्च 2024 तक बैंकों में लगभग 78,000 करोड़ रुपए की ऐसी राशि है, जिस पर कोई दावा नहीं किया गया है।

ब्रिटिश सांसद बोले-बांग्लादेश में हिंदुओं का सफाया करने की कोशिश:वहां घर जलाए, पुजारियों को जेल भेजा; अमेरिका ने कहा- अल्पसंख्यकों की हिफाजत करें

बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर हो रहे हमले को लेकर ब्रिटिश सांसदों ने चिंता जताई है। न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक विपक्षी कंजरवेटिव पार्टी के सांसद बॉब ब्लैकमैन ने कहा कि बांग्लादेश में शेख हसीना के सत्ता से बाहर होने के बाद हिंदुओं का सफाया (एथनिक क्लींजिग) करने की कोशिश हो रही है।

ब्रिटिश संसद में एक बहस के दौरान ब्लैकमैन ने कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं के घर जला दिए गए हैं। उनके दुकानों और घरों में तोड़फोड़ की जा रही है। पुजारियों को गिरफ्तार किया जा रहा है। ब्लैकमैन ने कहा कि इस मामले पर कार्रवाई करने की जिम्मेदारी ब्रिटेन की है, क्योंकि उन्होंने ही बांग्लादेश को आजाद कराया था।

विदेश कार्यालय मंत्री कैथरीन वेस्ट ने कहा कि हम भारत सरकार की चिंता से वाकिफ हैं। वेस्ट ने कहा कि पिछले महीने वह बांग्लादेश गई थीं। इस दौरान यूनुस सरकार ने उन्हें यकीन दिलाया था कि वे अल्पसंख्यकों के हितों की हिफाजत करेंगे।

कंजर्वेटिव सांसद प्रीति पटेल ने कहा कि बांग्लादेश में हिंसा हो रही है, जिसे सरकार रोक नहीं पा रही है। हम इससे बहुत परेशान हैं। हमारी संवेदना बांग्लादेश के अल्पसंख्यक हिंदुओं के साथ है। वहीं, लेबर पार्टी के सांसद बैरी गार्डिनर ने कहा कि ब्रिटिश सरकार बांग्लादेश की स्थिति पर नजर रख रही है।

ब्रिटिश कंजर्वेटिव सांसद प्रीति पटेल ने भी हिंदुओं की स्थिति को लेकर चिंता जताई।
ब्रिटिश कंजर्वेटिव सांसद प्रीति पटेल ने भी हिंदुओं की स्थिति को लेकर चिंता जताई।

अमेरिका ने हिंदुओं के खिलाफ हो रही हिंसा पर चिंता जताई अमेरिका ने भी बांग्लादेश में हिंदुओं और अल्पसंख्यकों पर हमलों को लेकर चिंता जाहिर की है। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक विदेश विभाग के उप प्रवक्ता वेदांत पटेल ने कहा कि सरकार को बोलने की स्वतंत्रता और मौलिक अधिकारों का सम्मान करने की जरूरत है।

पटेल ने कहा कि अल्पसंख्यकों के हितों की रक्षा करना सरकार की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि हिरासत में लिए गए लोगों को उनकी बात रखने का मौका मिलना चाहिए। उनसे मानवाधिकारों के मुताबिक ही व्यवहार किया जाना चाहिए।

प्रेस कॉन्फ्रेंस में बांग्लादेश को लेकर पूछे गए सवालों का जवाब देते वेदांत पटेल।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में बांग्लादेश को लेकर पूछे गए सवालों का जवाब देते वेदांत पटेल।

आरोप- 70 हिंदू वकीलों को गलत मामले में फंसाया गया बांग्लादेश में इस्कॉन के एक प्रमुख पूर्व नेता चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी को पिछले महीने रंगपुर में हिंदू समुदाय के समर्थन में विरोध प्रदर्शन के बाद ढाका में गिरफ्तार किया गया था। उन पर देशद्रोह का आरोप लगाया गया है। 26 नवंबर को ढाका की एक अदालत ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी। इसके बाद से ही देश में तनाव और ज्यादा बढ़ा हुआ है।

बांग्लादेश में हिंदू संगठन सनातनी जागरण जोत ने आरोप लगाया है कि सरकार ने 70 हिंदू वकीलों को गलत तरीके से इस मामले में फंसाया है, ताकि वे चिन्मय प्रभु की तरफ से केस में पेश ना हो सकें।

कोलकाता इस्कॉन के वाइस-प्रेसिडेंट राधारमण दास ने भी चटगांव अदालत के इस फैसले का विरोध किया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट करके कहा-

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जिस दिन चिन्मय कृष्ण प्रभु को पहली बार गिरफ्तार किया गया और अदालत में पेश किया गया, रेगन आचार्य उनके वकील थे। सुनवाई के बाद उनके चैंबर में तोड़फोड़ की गई और उन पर जानलेवा हमला किया गया। कोई वकील चिन्मय कृष्ण दास के लिए कैसे पेश हो सकता है, जब उन्हें निशाना बनाया जा रहा हो?

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