तालिबान के शिकंजे में अफगानिस्तान:हेरात के पूर्व गवर्नर और भारत के खास दोस्त इस्माइल खान का सरेंडर; फ्रेंडशिप डैम बनवाने में थी अहम भूमिका

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तालिबान 7 दिन के अंदर अफगानिस्तान के दूसरे सबसे बड़े शहर कंधार समेत अब तक 13 प्रांतों पर कब्जा कर चुका है। वहीं तालिबान के खिलाफ लड़ने वाले लोग भी अब सरेंडर करने लगे हैं। अफगानिस्तान के हेरात प्रांत के गर्वनर रहे इस्माइल खान भी इस वक्त तालिबान के कब्जे में हैं। वे तालिबान के खिलाफ लड़ने वाले प्रमुख लोगों में शामिल थे, लेकिन अब उन्होंने तालिबान के आगे सरेंडर कर दिया है।

बता दें इस्माइल खान अफगानिस्तान में भारत के करीबी दोस्त थे। उन्होंने हेरात में भारत की मदद से अबने सलमा बांध के निर्माण में अहम भूमिका निभाई थी। इस डैम का इनॉग्रेशन 4 जून 2016 को किया गया था। ये हेरात के चिश्ती शरीफ जिले में स्थित हारी नदी पर बना है। बाद में इसका नाम सलमा डैम से बदलकर अफगानिस्तान-इंडिया फ्रेंडशिप डैम कर दिया गया था।

इस्माइल खान इसी साल अप्रैल में भारत आए थे। इस दौरान उन्होंने विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात की थी।
इस्माइल खान इसी साल अप्रैल में भारत आए थे। इस दौरान उन्होंने विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात की थी।

अफगानिस्तान के उप-गृहमंत्री का भी सरेंडर
भास्कर के सूत्रों ने बताया है कि तालिबान से जंग के बाद इस्माइल खान और उनके सैनिकों ने आत्मसमर्पण कर दिया। वे तालिबान के लड़ाकों के साथ अपने घर में हैं। उन्होंने एक वीडियो जारी कहा है कि तालिबान ने उनके साथ सही बर्ताव कर रहा है। इस्माइल खान के अलावा अफगानिस्तान सरकार में उप-गृहमंत्री रहमान और हेरात प्रशासन के प्रमुख और जफर कोर के प्रमुख कमांडर खयाल नबी अहमदजई, हेरात के गवर्नर अब्दुल सबूर काने और नेशनल सिक्योरिटी डायरेक्टर हसाब सिद्दीकी भी तालिबान के सामने सरेंडर कर चुके हैं। वहीं अफगानिस्तान के उप-राष्ट्रीय अमरुल्ला सालेह तजाकिस्तान चले गए हैं। वे भी जल्द वीडियो मैसेज जारी कर सकते हैं।

तालिबान के प्रवक्ता कारी मोहम्मद युसूफ ने भास्कर को भेजे एक बयान में कहा है कि इन सभी ने हजारों सैनिकों के साथ इस्लामी अमीरात से हाथ मिला लिया है। वहीं तालिबान का ये भी कहना है कि आत्मसमर्पण करने वाले इन सभी लोगों को जीवन की सुरक्षा और सम्मानजनक जीवन के अधिकार का भरोसा दिया गया है।

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