इंदौर. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाराजगी जाहिर करने के दो दिन बाद भाजपा ने विधायक आकाश विजयवर्गीय को नोटिस जारी किया। भाजपा अनुशासन समिति ने आकाश को नगर निगम अफसर को बैट से पीटने के मामले में जवाब देने के लिए 15 दिन का समय दिया है। इस घटना पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसदीय दल की बैठक में नाराजगी जताते हुए कार्रवाई की बात कही थी। इससे पहले भोपाल में प्रदेश पार्टी अध्यक्ष राकेश सिंह ने कहा था कि फिलहाल आकाश के बारे में पार्टी ने कोई फैसला नहीं लिया।
26 जून को निगम अधिकारी धीरेंद्र बायस टीम के साथ जर्जर मकान को ढहाने के लिए पहुंचे थे। इस दौरान आकाश वहां आए और टीम को बगैर कार्रवाई के लिए जाने के लिए कहा। लेकिन अधिकारियों ने कार्रवाई जारी रखी और आकाश ने बैट से अधिकारी की पिटाई की थी। शुक्रवार को बायस की तबीयत बिगड़ने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
फर्क नहीं पड़ता, किसी का भी बेटा हो- मोदी
मोदी ने कहा था, ‘‘मुझे इस बात से फर्क नहीं पड़ता कि इस घटना के पीछे किसका बेटा है। किसी भी तरह का दुर्व्यवहार और घमंड बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मनमानी नहीं चलेगी। जिन लोगों ने उसे (आकाश को) प्रोत्साहित किया, उन्हें भी पार्टी से निकाला जाना चाहिए।’’
अफसर से मारपीट के केस में आकाश को 26 जून को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। कोर्ट ने उन्हें 11 जुलाई तक न्यायिक हिरासत में इंदौर जेल भेज दिया था। इसके अगले दिन उन्होंने सत्र न्यायालय में जमानत के लिए अर्जी लगाई थी। यहां से केस एससी/एसटी कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया गया। गुरुवार को एससी/एसटी कोर्ट ने अर्जी खारिज कर दी थी। इसके बाद आकाश ने भोपाल कोर्ट में याचिका दाखिल की। भोपाल से उन्हें जमानत मिली और 30 जून को उन्हें इंदौर जेल से रिहा किया गया।
किराएदार ने खाली किया मकान
गंजी कंपाउंड के जिस जर्जर मकान को टूटने से बचाने के लिए विधायक आकश विजयवर्गीय ने निगम अफसर की बल्ले से पिटाई की थी, उस मकान को किराएदार ने खाली कर दिया है। मकान का सामान निगम ने गुरुवार को शिफ्ट कर दिया। अब निगम मकान को तोड़ने की कार्रवाई करेगा।